खुद LDA के कस्टोडियन बाबुओं ने बेचीं ठगों को फाइलें, समझिए कैसे होता तो फर्जीवाड़े का पूरा खेल

लखनऊ में प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने वाले गैंग के सदस्यों को एलडीए के कस्टोडियन बाबुओं ने फाइलें बेची थीं। आरोपियों से मिली जानकारी के बाद एसटीएफ ने एलडीए वीसी को पत्र लिखकर कस्टोडियन बाबुओं का ब्योरा मांगा है।

Mar 28, 2025 - 05:37
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खुद LDA के कस्टोडियन बाबुओं ने बेचीं ठगों को फाइलें, समझिए कैसे होता तो फर्जीवाड़े का पूरा खेल
ज्ञानेश्‍वर प्रसाद, लखनऊ: राजधानी में प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने वाले गैंग के सदस्यों को के कस्टोडियन बाबुओं ने फाइलें बेची थीं। आरोपियों से मिली जानकारी के बाद एसटीएफ ने एलडीए वीसी को पत्र लिखकर कस्टोडियन बाबुओं का ब्योरा मांगा है। एसटीएफ जल्द इन बाबुओं से पूछताछ करेगी। ये बाबू अलग-अलग इलाके के कस्टोडियन हैं। इनकी मर्जी के बिना फाइल एलडीए से बाहर नहीं जा सकतीं।एसटीएफ के डीएसपी दीपक सिंह ने बताया कि एलडीए के बाबू खाली प्लॉटों के आवंटियों के नाम व पते व दस्तावेज ठगों को देते थे। जालसाज उन्हीं प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज बनाकर फर्जी रजिस्ट्री करते थे। इसके लिए LDA के बाबू को 20 से 30 प्रतिशत तक रकम मिलती थी। आरोपियों ने एसटीएफ को LDA के उन बाबुओं के नाम व मोबाइल नंबर भी दिए हैं। अब उन बाबुओं पर एसटीएफ शिकंजा कसेगी।

एसटीएफ ने इन्हें दबोचा

गोमतीनगर सेक्टर-1 निवासी अचतेश्वर गुप्ता उर्फ बबलू, चिनहट निवासी राम बहादुर सिंह, सुशांत गोल्फ सिटी निवासी सचिन सिंह उर्फ अमर सिंह, गोमतीनगर विनयखंड निवासी मुकेश मौर्या उर्फ रंगी, विरामखंड निवासी राहुल सिंह और विपुलखंड निवासी धनंजय सिंह को एसटीएफ ने पकड़ा है। गैंग के सदस्यों के खिलाफ दस मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी धनंजय सिंह ठगों को ब्लैकमेल कर रकम ऐंठता था।

भूमाफिया के लिए भी करते थे काम

आरोपी अचतेश्वर ने एसटीएफ को बताया कि गैंग के सदस्य अब तक 80 प्लॉट फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच चुके हैं। राम बहादुर फर्जी पेपर तैयार करता था। सचिन खरीदार लाता और मुकेश आधार कार्ड तैयार करता। राहुल सिंह रजिस्ट्री के लिए गवाह जुटाता था। ये लोग भूमाफिया के लिए भी कई भूखंडों के फर्जी पेपर बना चुके हैं।

परिवहन आयुक्त की पत्नी केस में था वांटेड

हजरतगंज के बटलर पैलेस निवासी व परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह की पत्नी मीनल सिंह के नाम गोमतीनगर विनीत खंड में एक प्लॉट 1997 में आवंटित था। अविनाश सिंह और सिंकू ने उनके प्लॉट पर कब्जा किया था। फैजाबाद निवासी बिल्डर शक्ति सिंह ने प्लॉट के फर्जी पेपर तैयार कर खरीदने का प्रयास किया था। सपा के पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह भी केस में नामजद हैं। डीएसपी एसटीएफ ने बताया कि पकड़ा गया धनंजय सिंह भी इस केस में वॉन्टेड था।

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