पस्त पाकिस्तान

पस्त पाकिस्तान

May 9, 2025 - 11:27
May 9, 2025 - 12:00
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पस्त पाकिस्तान
पराक्रम के पर्याय आपरेशन सिंदूर के जरिये पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को मटियामेट करने की भारतीय सेना की अभूतपूर्व सैन्य कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत में सीमावर्ती इलाकों में आम लोगों पर गोलीबारी करने के साथ भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की जो हरकत की, उसका वैसा जवाब देना जरूरी था, जैसा दिया गया। भारत ने पाकिस्तान के प्रमुख शहर लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को तो तबाह किया ही, सैन्य मुख्यालय वाले शहर रावलपिंडी, कराची समेत आठ शहरों में ड्रोन बरसाए। इसका मतलब है कि भारत पाकिस्तान के चप्पे-चप्पे पर हमला करने में समर्थ है और वह चाहे तो उसके सैन्य ठिकानों और यहां तक कि उसकी सेना के मुख्यालय पर भी मार कर सकता है। भारत को पाकिस्तान पर ये हमले इसलिए करने पड़े, क्योंकि उसने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात में मिसाइलें दागने की नाकाम कोशिश की। भारतीय सेना ने अपने अभेद्य सुरक्षा तंत्र से ये हमले नाकाम कर दिए। पाकिस्तान ने जिस तरह भारत के सैन्य
ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, उससे यही पता चलता है कि वह सुधरने-समझने को तैयार नहीं और टकराव बढ़ाने पर आमादा है।
भारत ने अभी तो सीमित ड्रोन हमले कर एक तरह से पाकिस्तान के प्रति नरमी ही दिखाई, लेकिन यदि वह आम लोगों को निशाना बनाने के साथ सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश जारी रखता है तो फिर उसे ढंग से सबक सिखाने के लिए उसके सैन्य तंत्र को छिन्न-भिन्न करने के अलावा और कोई उपाय नहीं रह जाएगा। भारत को इसकी तैयारी कर लेनी चाहिए, क्योंकि खिसियाए पाकिस्तान के पास भारत पर हमले करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं। भारत में न तो आतंकी अड्‌डे हैं और न ही आतंकियों के लांच पैड। इन सबमें तो पाकिस्तान ही माहिर है और उसे इसी की सजा भुगतनी पड़ रही है। भारत को पाकिस्तान के उन इलाकों पर अपना दबदबा कायम करने का भी जतन करना चाहिए, जहां से आतंकी घुसपैठ करते हैं। ऐसे मौके बार-बार नहीं मिलते। भारतीय सेना ने अपने शौर्य से पाकिस्तान की सैन्य क्षमता की धज्जियां उड़ा दी हैं। वह एक तरह से असहाय निरुपाय दिख रहा है। इसके साथ ही यह भी पता चल रहा है कि पाकिस्तानी सेना जिस चीनी रक्षा सामग्री के सहारे दम भरती थी, वह घटिया है। यह सही समय है कि उन्माद से भरी पाकिस्तानी सेना के मन में भय का इतना अधिक संचार कर दिया जाए कि यह आतंकियों को पालने-पोसने से हमेशा के लिए तौबा कर ले। उन्माद का इलाज आसान नहीं होता। उन्मादी शत्रु पर घातक प्रहार करना होता है। यह ठीक है कि भारत सैन्य टकराव बढ़ाने के पक्ष में नहीं और इसे बार-बार दोहरा भी रहा है, लेकिन यदि पाकिस्तान बाज नहीं आता तो फिर उसके प्रति कोई नरमी भी नहीं बरती जानी चाहिए।

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AGUSTYA ARORA युवा पत्रकार BJMC Tilak School of Journalism and Mass Communication C.C.S. University MEERUT