न्यूजीलैंड की महिला सांसद का वायरल वीडियो: फाड़ा बिल फिर संसद में किया हाका डांस

न्यूजीलैंड की संसद में हाल ही में एक विधेयक को लेकर हंगामा हुआ, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। यह हंगामा खासकर न्यूजीलैंड की युवा सांसद हाना रवाहिती की वजह से और भी सुर्खियों में आया। हाना ने संसद में न सिर्फ विधेयक की प्रति फाड़ी बल्कि माओरी हाका डांस के जरिए विरोध प्रदर्शन किया […]

Nov 15, 2024 - 13:54
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न्यूजीलैंड की महिला सांसद का वायरल वीडियो: फाड़ा बिल फिर संसद में किया हाका डांस

न्यूजीलैंड की संसद में हाल ही में एक विधेयक को लेकर हंगामा हुआ, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। यह हंगामा खासकर न्यूजीलैंड की युवा सांसद हाना रवाहिती की वजह से और भी सुर्खियों में आया। हाना ने संसद में न सिर्फ विधेयक की प्रति फाड़ी बल्कि माओरी हाका डांस के जरिए विरोध प्रदर्शन किया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

हंगामे की शुरुआत

न्यूजीलैंड की संसद में पेश किया गया विधेयक 1840 में ब्रिटेन और माओरी समुदाय के बीच हुई संधि (वेटांगी संधि) से संबंधित था। इस विधेयक में कुछ बदलावों का प्रस्ताव था, जिसे माओरी समुदाय और उनके समर्थकों ने अस्वीकार किया। इस विरोध के दौरान माओरी समुदाय के सांसदों ने संसद में हंगामा किया। हाना रवाहिती, जो कि 22 वर्ष की युवा सांसद हैं, इस विरोध में सबसे आगे रही। उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ी और माओरी हाका डांस के जरिए अपनी नाराजगी जताई। इस प्रदर्शन के बाद संसद की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

क्या है हाका डांस?

माओरी हाका डांस एक पारंपरिक माओरी युद्ध गीत और नृत्य है, जिसे पूरी ताकत और गर्व के साथ किया जाता है। इस नृत्य में पैर पटकने और शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन होता है। परंपरागत रूप से, यह नृत्य किसी जनजाति द्वारा युद्ध के समय अपनी ताकत और एकता को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता था। इसे समुदाय के अन्य सदस्यों को सम्मानित करने और भविष्य के संघर्षों के लिए जोश भरने के उद्देश्य से किया जाता था।

हाना रवाहिती का राजनीतिक सफर

हाना रवाहिती न्यूजीलैंड की सबसे युवा सांसद हैं, जिन्होंने 1853 के बाद से एओटेरोआ में सबसे कम उम्र में सांसद बनने का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने महिला सांसद नानाइया महुता को हराकर संसद में कदम रखा।

वेटांगी संधि और माओरी समुदाय की चिंता

वेटांगी संधि, जिसे 1840 में ब्रिटेन और माओरी समुदाय के प्रमुखों के बीच हस्ताक्षरित किया गया था, माओरी समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने वाली एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संधि थी। इसमें माओरी समुदाय के पारंपरिक अधिकारों को मान्यता दी गई थी और यह उनके लिए एक संवैधानिक दस्तावेज के रूप में काम करता था। लेकिन अब इस संधि में प्रस्तावित बदलावों से माओरी समुदाय चिंतित है और वे इसे अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान पर हमला मानते हैं। इस विरोध के बाद, संसद में हंगामे के कारण कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

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