दिल्ली हाई कोर्ट ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के खिलाफ लोकपाल कार्यवाही पर लगाई रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद में पदोन्नति में कथित अनियमितताओं के संबंध में लोकपाल द्वारा शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगा दी है. न्यायालय ने माना कि लोकपाल का अधिकार क्षेत्र चुनौती के अधीन है और आरोपों में भ्रष्टाचार का कोई प्रथम दृष्टया प्रमाण नहीं है. अदालत ने लोकपाल को जवाब दाखिल करने का समय दिया है और मामले की अगली सुनवाई जुलाई 2025 में निर्धारित की है.

Mar 21, 2025 - 13:18
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दिल्ली हाई कोर्ट ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के खिलाफ लोकपाल कार्यवाही पर लगाई रोक
दिल्ली हाई कोर्ट ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के खिलाफ लोकपाल कार्यवाही पर लगाई रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 मार्च को राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) में पदोन्नति में कथित अनियमितताओं के संबंध में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और अन्य के खिलाफ भारत के लोकपाल की ओर से शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगा दी. जस्टिस चंद्र दारी सिंह और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने लोकपाल और दूसरे जारी आदेशों और नोटिसों के संचालन पर भी रोक लगा दी.

कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर गहन विचार की जरूरत है. इसके मद्देनजर, यह कोर्ट 6 जनवरी, 2025 के विवादित आदेश, 7 जनवरी, 2025 के नोटिस, 4 मार्च 2025 के आदेश और शिकायत संख्या 162/2024 के तहत प्रतिवादी-लोकपाल के समक्ष चल रही कार्यवाही के संचालन पर रोक लगाने को कहा है.

दरअसल, यह मामला 28 मार्च, 2023 को NPC की ओर से किए गए प्रमोशन में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली शिकायत से उपजा है. लोकपाल ने इस मामले के संबंध में इसी साल जनवरी में राजेश कुमार सिंह (याचिकाकर्ता) को नोटिस जारी किया था. इसके बाद सिंह और दूसरे याचिकाकर्ताओं ने लोकपाल की इन कार्यवाहियों को हाईकोर्ट में चुनौती दी.

लोकपाल की कार्रवाई अधिकार क्षेत्र से बाहर

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि विचाराधीन पदोन्नति राजेश कुमार सिंह द्वारा 21 अप्रैल, 2023 को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव का पद संभालने से पहले हुई थी.

उन्होंने कहा कि लोकपाल की कार्रवाई उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, क्योंकि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अनुसार शिकायतों में भ्रष्टाचार या भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के आरोप शामिल होने चाहिए.

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पदोन्नति में अनियमितताओं के आरोप इस दायरे में नहीं आते. याचिकाकर्ताओं ने लोकपाल की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की, साथ ही लोकपाल के 6 जनवरी, 2025 के आदेश और 7 जनवरी, 2025 के नोटिस पर भी रोक लगाने की मांग की, जिसमें उन्हें लोकपाल के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने 4 मार्च, 2025 के एक बाद के आदेश को भी चुनौती दी, जिसमें लोकपाल ने अधिकार क्षेत्र के संबंध में उनकी प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया था.

इस मामले पर विचार की जरूरत

हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर गहन विचार की जरूरत है. पीठ ने कहा कि लोकपाल के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी जा रही है. इसने इस दलील पर भी ध्यान दिया कि आरोपों में प्रथम दृष्टया कोई भ्रष्टाचार या भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का उल्लंघन शामिल नहीं है. परिणामस्वरूप, पीठ ने इस मामले में लोकपाल की कार्यवाही पर 24 जुलाई, 2025 तक रोक लगा दी, जब मामला हाई कोर्ट के समक्ष अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होगा.

कोर्ट ने भारत के लोकपाल को 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया. राजेश कुमार सिंह 1989 केरल कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं. उन्होंने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव और पशुपालन और डेयरी के सचिव सहित कई प्रमुख सरकारी पदों पर काम किया है. 1 नवंबर, 2024 को, उन्हें गिरिधर अरमाने की जगह पर भारत के 40वें रक्षा सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. अपने पूरे करियर के दौरान, सिंह भारत सरकार के भीतर विभिन्न प्रशासनिक और नीति-निर्माण भूमिकाओं में शामिल रहे हैं.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,