दर्शकों को देते थे हंसी का चूरन, 'शोले' से मिली पहचान, अहमद जाफरी कैसे बन गए 'सूरमा भोपाली', जानें दिलचस्प किस्सा

Surma Bhopali: सूरमा भोपाली के नाम से फेमस अहमद जाफरी के जयंती पर हम आपको उनका एक दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं। अहमद जाफरी को शोले फिल्म से पहचान मिली। सूरमा भोपाली अपनी आंखों को घूमा-घूमा कर दर्शकों को हंसी का चूरन देते थे।

Mar 28, 2025 - 20:16
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दर्शकों को देते थे हंसी का चूरन, 'शोले' से मिली पहचान, अहमद जाफरी कैसे बन गए 'सूरमा भोपाली', जानें दिलचस्प किस्सा
भोपाल: 'हमारा नाम ऐसे ही नहीं है...' बात कॉमेडी की हो तो भला सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी को कैसे अनदेखा किया जा सकता है। जी हां! हम बात कर रहे हैं लचकती चाल और आंखों को घुमा-घुमा कर दर्शकों को हंसी का चूरन देने वाले हास्य कलाकार 'शोले' के 'सूरमा भोपाली' के बारे में। अपनी सीधी-सपाट कॉमेडी से वह दर्शकों को पर्दे पर बांधे रखते थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह जिस नाम से लोकप्रिय हुए थे, वह नाम उन्हें कैसे मिला? दरअसल, शोले के 'सूरमा भोपाली' नाम मिलने के पीछे दिलचस्प किस्सा छिपा हुआ है। अभिनेता की जयंती पर आइए पलटते हैं उनकी जिंदगी के पन्ने का खूबसूरत किस्सा, जिसने हमें दिया 'सूरमा भोपाली'

दतिया में हुआ था जन्म

सूरमा भोपाली का जन्म 29 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में हुआ था। बतौर बाल कलाकार फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता का असली नाम सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी है। जगदीप ने कई फिल्मों में शानदार काम किए। उनकी पहली फिल्म बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी 'अफसाना' थी। इसके बाद वह 'लैला मजनूं' और बिमल रॉय की फिल्म 'दो बीघा जमीन' में भी नजर आए थे।

'शोले' के 'सूरमा भोपाली' से हुए फेमस

हालांकि, फिल्म 'शोले' में उनके किरदार सूरमा भोपाली को दर्शकों ने इतना पसंद किया कि वो किरदार आज भी सिनेप्रेमियों के बीच जिंदा है। अभिनेता सैयद अहमद जाफरी को असली पहचान मिली थी रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म 'शोले' से, जिसमें उन्होंने सूरमा भोपाली का किरदार निभाया था और दर्शकों की आंखों के तारा बन गए।

सूरमा भोपाली बनने का दिलचस्प किस्सा

सैयद से जगदीप और जगदीप से सूरमा भोपाली बनने का उनका किस्सा भी बेहद दिलचस्प था। जिसका जिक्र उन्होंने एक साक्षात्कार में किया था। उन्होंने बताया था, भोपाल की बोली देशभर में लोकप्रिय है। सलीम और जावेद एक फिल्म 'सरहदी लुटेरा' में मैं कॉमेडियन था। हालांकि, मेरे डायलॉग लंबे थे, तो इस मुश्किल से निपटने के लिए मैं सलीम के पास गया और उन्हें बताया कि ये बड़े हैं।

एक झटके में छोटा कर दिया डायलाग

इस बात पर उन्होंने कहा कि जावेद बैठा है, उससे कह दो, फिर जब मैं जावेद के पास गया तो उन्होंने भोपाली अंदाज में झट से समेट दिया। मुझे आश्चर्य हुआ और जब मैंने उनसे पूछा कि यह आपने कैसे किया, तो उन्होंने कहा कि भोपाल में लोग आमतौर पर ऐसे ही बात करते हैं। मैंने भोपाली सीखी और इसके कई सालों बाद मुझे रमेश सिप्पी का फोन आया और उन्होंने कहा कि वह मुझे शोले में लेना चाहते हैं। उन्होंने मुझे बताया कि मेरे किरदार का नाम सूरमा भोपाली है। सूरमा भोपाली को दो बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी हैं। पिता की राह पर वे भी चले और दोनों ही फिल्म जगत के बड़े नाम हैं।

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