डीएमके सांसद ने ऐसा क्या पूछ लिया कि भड़क गए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कही ये बात

Lok Sabha News : लोकसभा में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और डीएमके सांसद टी. सुमति के बीच तमिलनाडु को शिक्षा से जुड़े फंड आवंटन को लेकर गरमा-गरम बहस हुई। सुमति ने फंड में भेदभाव का आरोप लगाया, जबकि प्रधान ने इसे खारिज कर दिया और राज्य सरकार पर राजनीति का आरोप लगाया।

Mar 10, 2025 - 10:15
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डीएमके सांसद ने ऐसा क्या पूछ लिया कि भड़क गए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कही ये बात
नई दिल्ली : संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में विपक्षी सदस्यों और केंद्रीय मंत्री के बीच झड़प देखने को मिली। प्रश्नकाल के दौरान डीएमके सांसद ने पीएम श्री के तहत स्कूलों को फंड दिए जाने को लेकर सवाल उठाया था। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। सवाल का जवाब देते हुए के तेवर तीखे हो गए। भेदभाव के आरोप से आहत शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम सबके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पर इस तरह से भेदभाव का आरोप नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने अलोकतांत्रिक और असभ्य तरीके से आरोप लगा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैंने वादा किया था कि तमिलनाडु के सीएम छात्रों को लेकर राजनीति कर रहे हैं। इस दौरान सदन में विपक्षी दल नारेबाजी करते नजर आए।

पीएम श्री फंड आवंटन पर सवाल

चेन्नई साउथ से डीएमके सांसद टी. सुमति ने केंद्र की तरफ से तमिलनाडु को शिक्षा से जुड़ा फंड नहीं दिए जाने से जुड़ा सवाल उठाया। पीएम श्री के तहत लगभग 2 हजार करोड़ रुपये दिए जाने थे। चूंकि, हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध किया, ऐसे में इसे अंतरित करके अन्य राज्यों को दिया गया। टी. सुमति ने कहा तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन का जिक्र करते हुए सहकारी संघवाद पर चोट की बात कही। उन्होंने शिक्षा मंत्री से शिक्षा के वित्तीय आवंटन को राज्य सरकार से बदला लेने की उपकरण के रूप में प्रयोग किए जाने को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रभावित कर रहा है।

खुले मन से विचार को तैयार : प्रधान

इस पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी वित्त वर्ष खत्म होने में 20 दिन का समय शेष है। उन्होंने कहा कि हमारी जिस तरह तमिलनाडु से चर्चा हो रही है, उसके तहत केंद्र सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एक समय ऐसा था जब तमिलनाडु सरकार भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार थी। उन्होंने आगे कहा कि कुछ माननीय सदस्य हमारे पास आए और मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सवाल पूछने वाली सदस्य भी राज्य की शिक्षा मंत्री के साथ हमारे पास आईं थीं। अब वह इस मामले पर यू-टर्न ले रही हैं।

कर्नाटक का किया जिक्र

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं दक्षिण भारत में कर्नाटक का उदाहरण देना चाहूंगा कि वह एनईपी को स्वीकार कर रहे हैं। उनका जो भी रुख है लेकिन वह पीएम श्री में आ रहे हैं। हिमाचल में भी पीएम श्री योजना लागू की गई है। शिक्षा मंत्री ने तमिलनाडु की सांसदों को लेकर कहा कि वह तमिलनाडु के बच्चों को लेकर प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे उनके भविष्य को खराब और बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने राज्य के नेताओं पर जानबूझकर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,