ट्रंप के टैरिफ से पहले भारत का बड़ा कदम, 1 अप्रैल से खत्म हो जाएगा यह टैक्स! अमेरिकी कंपनियों को होगा फायदा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यानी जिन देशों में अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगता है, उनके सामान पर अमेरिका में उतना ही टैरिफ लगाया जाएगा। इससे भारत को सालाना 7 अरब डॉलर का नुकसान होने का खतरा है।

Mar 25, 2025 - 06:46
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ट्रंप के टैरिफ से पहले भारत का बड़ा कदम, 1 अप्रैल से खत्म हो जाएगा यह टैक्स! अमेरिकी कंपनियों को होगा फायदा
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। लेकिन उससे पहले भारत सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर लगने वाले 6% की इक्वलाइजेशन लेवी को हटाने का प्रस्ताव कर रही है। यह लेवी Google और Meta जैसी कंपनियों पर लगती है। इसे आमतौर पर 'Google Tax' के नाम से जाना जाता है। सरकार इसे 1 अप्रैल से हटाने की सोच रही है। यानी ट्रंप का टैरिफ लागू होने से एक दिन पहले इस टैक्स को हटाया जा सकता है।माना जा रहा है कि यह कदम ट्रंप को खुश करने के लिए उठाया जा रहा है। ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर कोई देश अमेरिका की टेक कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाएगा तो वह 2 अप्रैल से उन पर जवाबी शुल्क लगाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में वित्त विधेयक में 59 संशोधन पेश किए। यह प्रावधान उन्हीं संशोधनों में शामिल है। इक्वलाइजेशन लेवी को हटाने का प्रस्ताव भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत के बीच आया है।

क्या होगा फायदा

भारत 2 अप्रैल से लागू होने वाले संभावित रेसिप्रोकल टैरिफ से बचना चाहती है। सरकार ने इन कंपनियों को इक्वलाइजेशन लेवी के बदले इनकम टैक्स कानून के तहत मिलने वाली छूट को भी हटाने का प्रस्ताव किया है। EY के सीनियर एडवाइजर सुधीर कापड़िया ने कहा कि इक्वलाइजेशन लेवी को हटाना भारत सरकार का एक अच्छा कदम है क्योंकि इससे ज्यादा कमाई नहीं हो रही थी और साथ ही यह अमेरिकी प्रशासन के लिए एक खतरे की घंटी साबित हो रहा था।इसी तरह नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर विश्वास पांजर ने कहा कि यह फैसला न केवल टैक्सपेयर्स के लिए निश्चितता लाता है, बल्कि उन देशों की चिंताओं को भी दूर करता है जो लेवी पर सवाल उठाते रहे हैं। वित्त अधिनियम 2016 में विदेशी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों पर यह लेवी लगाई गई थी। 2020 में इस लेवी का दायरा बढ़ाया गया और इसे 2% की दर से सभी ई-कॉमर्स कंपनियों पर लागू किया गया।

इक्वलाइजेशन लेवी से कलेक्शन

यह उन कंपनियों पर लागू था जो भारतीय संस्थाओं के साथ प्रति वर्ष 2 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करती थीं। अमेरिका के साथ जवाबी शुल्क और एक वैश्विक कर समझौते पर सहमति के बाद पिछले साल अगस्त से 2% लेवी को हटा दिया गया था। सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष (15 मार्च तक) में इक्वलाइजेशन लेवी से 3,343 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,