इल्तिजा और स्टालिन का सांचा एक

गत दिनों जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, ‘‘हिंदुत्व एक बीमारी है और इसने भारत में लाखों लोगों को प्रभावित किया है। हमें इस बीमारी का इलाज करना पड़ेगा।’’ इल्तिजा यही नहीं रुकी। उसने भगवान राम के बारे में कहा, ‘‘भगवान राम को शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए…।’’ […]

Dec 18, 2024 - 11:39
 0
इल्तिजा और स्टालिन का सांचा एक

गत दिनों जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, ‘‘हिंदुत्व एक बीमारी है और इसने भारत में लाखों लोगों को प्रभावित किया है। हमें इस बीमारी का इलाज करना पड़ेगा।’’ इल्तिजा यही नहीं रुकी। उसने भगवान राम के बारे में कहा, ‘‘भगवान राम को शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए…।’’ यह सीधे-सीधे हिंदुओं को उकसाने का ही मामला बनता है।

कोई इल्तिजा से पूछे कि क्या वह इन शब्दों का इस्तेमाल अपने आराध्य मुहम्मद साहब के लिए कर सकती है? इस्लाम की आड़ में पूरी दुनिया में जिहाद का नाम देकर वर्षों से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस जिहाद में लाखों निर्दोष लोगों की हत्या की गई। इसके लिए कभी इल्तिजा ने अपनी जुबान नहीं खोली। इल्तिजा खैर मनाए कि उसने उस हिंदू समाज के लिए अपशब्द कहे हैं, जो सहिष्णुता के लिए जाना जाता है यदि ऐसा उसने अपने मजहब के लिए कहा होता तो आज वह निर्भय होकर कहीं घूम नहीं सकती थी।

इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि इल्तिजा अपनी मां महबूबा मुफ्ती के नक्शेकदम पर चल रही है। इससे पहले महबूबा ने भी इसी प्रकार के विवादास्पद बयान दिए हैं। हाल ही में महबूबा ने बांग्लादेश के हालात की तुलना भारत से की थी। अक्तूबर में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले हुए तो महबूबा ने शब्दों का खेल खेला और ‘आतंकी’ शब्द लिखने तक से परहेज करते हुए आतंकी हमले को उग्रवादी हमले में बदल डाला। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का भी महबूबा विरोध करती रही हैं।

आतंकवाद के नाम पर कश्मीर घाटी में हिंदुओं की हत्या की जा रही है। इन लोगों ने कश्मीर घाटी को हिंदू-विहीन कर दिया है। हर आतंकवादी घटना को अंजाम देने के बाद जिहादी ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगाते हैं। काश! इल्तिजा इस बात को समझती कि यदि हिंदू सहष्णु नहीं होता तो भारत न कभी विभाजित होता और न ही भारत में इस्लाम या ईसाइयत को मानने वाला एक भी आदमी दिखाई देता! हो सकता है, इल्तिजा भी भारत के किसी हिंदू परिवार में ही जन्म लेती।

सवाल उठता है कि इल्तिजा हिंदुत्व को जानती कितना है? उसे पता होना चाहिए कि हिंदुत्व शब्द सदियों पुराना है। हिंदू शब्द पुराण साहित्य में कई रूपों में मिलता है-
हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम्।
तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते॥
अर्थात् हिमालय से प्रारंभ होकर इंदु सरोवर (हिंद महासागर) तक यह देव निर्मित देश हिन्दुस्थान कहलाता है। ‘कल्पद्रुम’ में कहा गया है- हीनं दुष्यति इति हिंदू:। यानी जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिंदू कहते हैं। ‘पारिजात हरण’ में कहा गया है-

हिनस्ति तपसा पापां दैहिकां दुष्टं।
हेतिभि: शत्रुवर्गं च स हिन्दुर्विधीयते।।
इसका अर्थ है कि जो अपने तप से शत्रुओं का, दुष्टों का और पाप का नाश कर देता है, वही हिंदू है। ‘माधव दिग्विजय’ ग्रंथ में कहा गया है-

ओंकारमन्त्रमूलाढ्य पुनर्जन्म द्रढाशय:।
गौभक्तो भारत: गरुर्हिन्दुर्हिंसन दूषक:।
वह जो ओम्कार को ईश्वरीय ध्वनि माने, कर्मों पर विश्वास करे, गो-पालन करे तथा बुराइयों को दूर रखे, वह हिंदू है। कुल मिलाकर यही कि बुराइयों को दूर करने के लिए सतत प्रयासरत रहने वाले, सनातन धर्म के पोषक एवं उसका पालन करने वाले हिंदू हैं। इस हिंदू शब्द की तरह ही हिंदुत्व है। इन दोनों शब्दों के बीच वही संबंध है जो मधुर और मधुरत्व या मधुरता में है। सुंदर और सुंदरत्व या सुंदरता में है। इसलिए आज जो लोग हिंदू और हिंदुत्व को अलग कर राजनीति करने एवं भारत की सामान्य जनता को भ्रम में डालने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि इन दोनों शब्दों में कोई भेद नहीं है। ये दोनों शब्द एक ही अर्थ के पूरक हैं और वह है भारत का सनातन धर्म, जिसके कारण से भारत सदियों से अपनी विशिष्ट पहचान के साथ भारत बना हुआ है। इल्तिजा इस बात को समझ ले तो वह कभी ऐसी बात नहीं करेगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Bharatiyanews हमारा अपना समाचार आप सब के लिए|