अखिल भारतीय साहित्य परिषद का अधिवेशन ‘आत्म बोध से विश्व बोध’ के संकल्प के साथ सम्पन्न

रीवा (मध्यप्रदेश)। अखिल भारतीय साहित्य परिषद का तीन दिवसीय 17वां राष्ट्रीय अधिवेशन, ‘आत्म बोध से विश्व बोध’ रविवार को सम्पन्न हुआ। भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों से आए एक हज़ार से अधिक साहित्यकारों और विद्वानों ने अधिवेशन में भाग लिया। समापन सत्र के दौरान साहित्य, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को लेकर महत्वपूर्ण विचार रखे गए और […] The post अखिल भारतीय साहित्य परिषद का अधिवेशन ‘आत्म बोध से विश्व बोध’ के संकल्प के साथ सम्पन्न appeared first on VSK Bharat.

Nov 13, 2025 - 20:33
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अखिल भारतीय साहित्य परिषद का अधिवेशन ‘आत्म बोध से विश्व बोध’ के संकल्प के साथ सम्पन्न

रीवा (मध्यप्रदेश)। अखिल भारतीय साहित्य परिषद का तीन दिवसीय 17वां राष्ट्रीय अधिवेशन, ‘आत्म बोध से विश्व बोध’ रविवार को सम्पन्न हुआ। भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों से आए एक हज़ार से अधिक साहित्यकारों और विद्वानों ने अधिवेशन में भाग लिया। समापन सत्र के दौरान साहित्य, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को लेकर महत्वपूर्ण विचार रखे गए और आगामी वर्षों के लिए परिषद की रूपरेखा तय की गई।

पंचम सत्र की शुरुआत में संगठन मंत्री मनोज कुमार ने धर्मांतरण के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और कहा कि एकात्म विचार के माध्यम से ही भारत का पुनर्वैभव संभव होगा। संगठन सत्र में महामंत्री डॉ. पवनपुत्र बादल ने परिषद के वर्ष भर के कार्यों की आगामी रूपरेखा तय की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को हनुमान जी के जीवन मूल्य को आदर्श बनाकर प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया।

समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अतुल लिमये जी ने कहा कि सद्साहित्य मनुष्य को रचनात्मक दृष्टि प्रदान करता है। वर्तमान में सोशल मीडिया के कुछ माध्यम एवं कुसंस्कृति परोसने वाले लेखकों ने भारतीय जीवन पद्धति एवं संस्कारों को नष्ट भ्रष्ट करने का काम किया है और निरंतर इस नकारात्मक काम में लगे हुए हैं। ऐसे वातावरण में भारत राष्ट्र को कुसंस्कृति से बचाने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय साहित्य परिषद की है। साहित्य परिषद लेखन कार्यशालाओं एवं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से भारतीय समाज को एक ऐसी दिशा दे, जिससे भारत राष्ट्र अपने उच्चतम गौरव को प्राप्त कर सके। इसके लिए समाज के हर वर्ग तक परिषद की पहुंच होनी चाहिए। समापन सत्र को परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुशील चंद्र त्रिवेदी ने भी संबोधित किया। उन्होंने उन्हें पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर आभार व्यक्त किया एवं अन्य सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं।

रीवा के कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में आयोजित अधिवेशन का शुभारंभ 7 नवंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द जी ने किया था। उद्घाटन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह के पूर्व राष्ट्रीय प्रदर्शनी का उद्घाटन अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुशीलचंद्र त्रिवेदी ने किया था। 7 नवंबर को ही परिषद द्वारा नगर में भव्य शोभायात्रा का आयोजन भी किया गया। अधिवेशन संयोजक चंद्रकांत तिवारी ने बताया कि अधिवेशन के समापन सत्र में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हुई।

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