Ucc ऐप में पंजीकरण को लेकर क्या सजग है शासन-प्रशासन? जनसेवा केंद्रों में खुफिया विभाग की है नजर

देवभूमि उत्तराखंड में संभवतः 26 जनवरी को समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों के दौरान पीएम मोदी इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। यूसीसी लागू करने के बाद सबसे बड़ी चुनौती इसके लिए पंजीकरण कराना है। दरअसल यूसीसी में प्रत्येक परिवार सदस्य का पंजीकरण एक एप्प पर किया जाएगा। ऐसा […]

Jan 22, 2025 - 07:15
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Ucc ऐप में पंजीकरण को लेकर क्या सजग है शासन-प्रशासन? जनसेवा केंद्रों में खुफिया विभाग की है नजर
प्रतीकात्मक तस्वीर

देवभूमि उत्तराखंड में संभवतः 26 जनवरी को समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों के दौरान पीएम मोदी इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। यूसीसी लागू करने के बाद सबसे बड़ी चुनौती इसके लिए पंजीकरण कराना है। दरअसल यूसीसी में प्रत्येक परिवार सदस्य का पंजीकरण एक एप्प पर किया जाएगा। ऐसा इस लिए किया जा रहा है, कि इस ऐप के जरिए ही हर नागरिक को प्रशासनिक और सामाजिक सुविधाएं मिलेंगी।

अब इस ऐप में चुनौती इस बात को लेकर है कि ज्यादातर लोग जन सेवा केंद्रों के माध्यम से ही पंजीकरण करवाएंगे। अभी तक जनसेवा केंद्रों को लेकर शासन प्रशासन का अनुभव कुछ ज्यादा अच्छा इसलिए भी नहीं है कि ज्यादातर केंद्रों में फर्जीवाड़ा होता रहा है। फर्जी फार्मों के आधार पर आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।

गृह मंत्रालय ने सभी जिलाधिकारियों को और पुलिस अधीक्षकों को इस बात के लिए आगाह किया है कि वो जनसेवा केंद्रों पर बराबर नजर रखें ताकि यूसीसी पंजीकरण में किसी तरह के फर्जीवाड़े न होने पाए।

उत्तराखंड वैसे भी डेमोग्राफी चेंज की समस्या से जूझ रहा है और यहां फर्जी आधारकार्ड और निवास प्रमाण पत्र बनाए जाते रहे है। गृह मंत्रालय ने पुलिस खुफिया विभाग को भी सचेत किया है कि वो आधार सेंटर्स पर पैने निगाहें रखें।

जानकारी के मुताबिक इस यूसीसी ऐप को एक मॉडल के रूप में भी देखा जा रहा है क्योंकि ये सफल रहा तो अन्य राज्य भी इसका उपयोग करेंगे और देश में एक नई सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था बनेगी,जिससे आम नागरिक को आसानी से ऑनलाइन सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी।

 

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