आज का इतिहास 25 मार्च के दिन क्या खास हुआ है जानिए इस ब्लॉग मे

जानिए आज के दिन प्रमुख घटनाओ के बारे में जिनके बारे मे आप को जानना जरूर चाहिए क्या हुआ था 25 मार्च का दिन इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं What special happened on 25th March in today's history, know in this blog

आज का इतिहास 25 मार्च के दिन क्या खास हुआ है जानिए इस ब्लॉग मे

25 मार्च की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ,  25 मार्च को जन्मे प्रमुख व्यक्तित्व,  25 मार्च को हुए निधन, 

25 मार्च के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव,

1. दक्षेस (सार्क) देशों का स्थायी सचिवालय काठमांडू में खोला गया (1987)

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) का स्थायी सचिवालय 1987 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थापित किया गया। इसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। सार्क के सदस्य देशों में भारत, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान शामिल हैं। सचिवालय की स्थापना से इन देशों के बीच आपसी समन्वय और नीतिगत निर्णय लेने की प्रक्रिया को गति मिली।

2. भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के आठ वर्गों को वीज़ा छूट दी (1999)

25 मार्च 1999 को भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के आठ विशिष्ट वर्गों को वीज़ा नियमों में छूट देने की घोषणा की। इसमें व्यापारियों, वरिष्ठ नागरिकों, धार्मिक यात्रियों, विद्यार्थियों, चिकित्सकीय उपचार के लिए आने वाले मरीजों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों में भाग लेने वालों, सरकारी अधिकारियों और प्रेस प्रतिनिधियों को शामिल किया गया। इस निर्णय का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और संवाद को बढ़ावा देना था, लेकिन भारत-पाकिस्तान संबंधों में लगातार उतार-चढ़ाव के चलते वीज़ा नीति समय-समय पर बदलती रही।

3. सद्दाम नहर और फरात पुल पर इराक का कब्ज़ा (2003)

2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हमला शुरू हुआ था, जिसे ऑपरेशन इराकी फ्रीडम कहा गया। इसी दौरान इराक ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सद्दाम नहर और फरात पुल पर कब्ज़ा जमा लिया। यह युद्ध अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के शासन को समाप्त करने के लिए किया गया था। यह संघर्ष अंतरराष्ट्रीय राजनीति में काफी विवादित रहा और इसके परिणामस्वरूप इराक में लंबे समय तक अस्थिरता बनी रही।

4. पहले पोर्टेबल कम्प्यूटर बनाने वाले एडम ओस्बोर्न का निधन (2003)

25 मार्च 2003 को एडम ओस्बोर्न का निधन हुआ। वे ओस्बोर्न-1 नामक पहले व्यावसायिक पोर्टेबल कंप्यूटर के निर्माता थे, जिसे 1981 में लॉन्च किया गया था। ओस्बोर्न-1 का वज़न लगभग 11 किलो था और यह फ्लॉपी डिस्क आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता था। एडम ओस्बोर्न को कंप्यूटर क्रांति के अग्रदूतों में गिना जाता है। हालांकि, उनकी कंपनी ओस्बोर्न कंप्यूटर कॉर्पोरेशन अधिक समय तक नहीं टिक पाई और 1983 में दिवालिया हो गई।

5. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सूडान के लिए शांति सेना की मंजूरी दी (2005)

2005 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सूडान में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक विशेष शांति सेना की मंजूरी दी। यह निर्णय सूडान के दारफुर क्षेत्र में चल रहे संघर्ष और हिंसा को रोकने के लिए लिया गया था। सूडान में गृहयुद्ध और जातीय हिंसा के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए थे। संयुक्त राष्ट्र मिशन ने वहां मानवीय सहायता प्रदान करने और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में स्थिरता लाने के लिए काम किया।

6. टीम इंडिया विश्वकप क्रिकेट से बाहर (2007)

25 मार्च 2007 भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक निराशाजनक दिन था, जब वह क्रिकेट विश्वकप 2007 के ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई। यह विश्वकप वेस्टइंडीज में आयोजित किया गया था और भारत को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। टीम इंडिया को श्रीलंका और बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा, जिसके कारण वह सुपर-8 चरण में प्रवेश नहीं कर सकी। इस हार के बाद भारतीय क्रिकेट में व्यापक बदलाव देखने को मिले और कोच ग्रेग चैपल की आलोचना भी हुई।

7. टाटा ग्रुप की पुणे स्थित फर्म 'कम्यूटेशन रिसर्च लैब्स' और याहू का गठजोड़ (2008)

2008 में टाटा समूह की पुणे स्थित कंपनी 'कम्यूटेशन रिसर्च लैब्स' ने वैश्विक तकनीकी दिग्गज याहू के साथ एक समझौता किया। इस साझेदारी का उद्देश्य नवीनतम कंप्यूटिंग और सर्च टेक्नोलॉजी को विकसित करना था। टाटा ग्रुप का यह कदम भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना गया।

8. अंतरिक्ष यान एंडेवर का सफल मिशन (2008)

25 मार्च 2008 को नासा का अंतरिक्ष यान 'एंडेवर' अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से रवाना हुआ। इस मिशन का उद्देश्य आईएसएस पर नए उपकरण स्थापित करना और वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देना था। एंडेवर अमेरिकी अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा था, जिसने कई महत्वपूर्ण अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया।

9. उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया (2011)

25 मार्च 2011 को भारतीय संसद के राज्यसभा ने उड़ीसा का नाम बदलकर ‘ओडिशा’ करने वाले विधेयक को मंजूरी दी। इससे पहले यह विधेयक लोकसभा में पारित किया गया था। ओडिशा विधानसभा ने 28 अगस्त 2008 को नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पारित किया था, जिसे बाद में केंद्र सरकार को भेजा गया। यह बदलाव राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था। 

25 मार्च को जन्मे प्रमुख व्यक्तित्व

1. मोहन यादव (जन्म: 1965)

मोहन यादव भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री हैं। वे उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष रुचि रखने वाले यादव ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है।

2. फ़ारुख़ शेख़ (जन्म: 1948)

फ़ारुख़ शेख़ बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता थे, जिन्हें संजीदा अभिनय के लिए जाना जाता है। उन्होंने 'गर्म हवा', 'चश्मे बद्दूर', 'कथा' और 'उमराव जान' जैसी फ़िल्मों में यादगार अभिनय किया। उनकी सादगी और नैचुरल एक्टिंग दर्शकों के बीच आज भी लोकप्रिय है।

3. तेज राम शर्मा (जन्म: 1943)

तेज राम शर्मा भारतीय कवि थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्य को समृद्ध किया। उनकी कविताएँ समाज की वास्तविकता को दर्शाती हैं और पाठकों के दिलों को छू जाती हैं।

4. वसंत गोवारिकर (जन्म: 1933)

वसंत गोवारिकर भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे, जिन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वे इसरो (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष भी रहे और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

5. अज़ीज़ मुशब्बर अहमदी (जन्म: 1932)

अज़ीज़ मुशब्बर अहमदी भारत के 26वें मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए और भारतीय न्याय व्यवस्था को प्रभावी बनाने में योगदान दिया।

6. पी. शानमुगम (जन्म: 1927)

पी. शानमुगम भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जो दो बार पुदुचेरी के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पुदुचेरी के विकास के लिए कई योजनाएँ शुरू कीं और सामाजिक सुधारों पर बल दिया।

7. नॉर्मन बोरलॉग (जन्म: 1914)

नॉर्मन बोरलॉग एक अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक थे, जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 'हरित क्रांति के जनक' के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर कृषि उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

8. विलियम वेडरबर्न (जन्म: 1838)

विलियम वेडरबर्न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों के अधिकारों की वकालत करने वाले नेताओं में से एक थे।

25 मार्च को हुए निधन

1. निम्मी (निधन: 2020)

निम्मी 60 के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री थीं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी अदाकारी से खास पहचान बनाई। ‘बरसात’, ‘दीदार’ और ‘आन’ जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएँ आज भी याद की जाती हैं। वे राज कपूर और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम कर चुकी थीं।

2. नन्दा (निधन: 2014)

नन्दा बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं, जिन्होंने ‘जब जब फूल खिले’, ‘इत्तेफाक’, ‘छोटी बहन’ और ‘गुमनाम’ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय किया। उनकी मासूमियत और दमदार अभिनय की वजह से वे दर्शकों के दिलों में आज भी जीवित हैं।

3. कमला प्रसाद (निधन: 2011)

कमला प्रसाद हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध आलोचक थे। उन्होंने साहित्यिक समीक्षा को नई दिशा दी और भारतीय साहित्य में आलोचनात्मक विमर्श को समृद्ध किया।

4. देइवा ज़िवारात्तीनम (निधन: 1975)

देइवा ज़िवारात्तीनम भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल में समाज सुधार और राजनीतिक जागरूकता फैलाने का कार्य किया।

5. गणेशशंकर विद्यार्थी (निधन: 1931)

गणेशशंकर विद्यार्थी एक समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार थे। वे ‘प्रताप’ अखबार के संपादक थे और अपने निर्भीक लेखन के लिए प्रसिद्ध थे। कानपुर में सांप्रदायिक दंगों को रोकने का प्रयास करते हुए उन्होंने 25 मार्च 1931 को वीरगति प्राप्त की।


25 मार्च के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

गणेशशंकर विद्यार्थी बलिदान दिवस

गणेशशंकर विद्यार्थी का बलिदान दिवस 25 मार्च को मनाया जाता है। उन्होंने सत्य और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वे समाज में समानता और स्वतंत्रता के पक्षधर थे। उनकी स्मृति में यह दिन श्रद्धांजलि स्वरूप मनाया जाता है।