'MLC बनने के लिए मेरे घर...' गिरिराज से पहले अरुण जेटली भी आए थे कीर्ति आजाद के निशाने पर, जानें

Giriraj Vs Kirti: बजट सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने लोकसभा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर तीखी व्यक्तिगत टिप्पणी की। कीर्ति आजाद ने कहा कि गिरिराज सिंह एमएलसी बनने के लिए उनके घर के चक्कर काटते थे। कीर्ति आजाद ने पहले भी कुछ नेताओं पर व्यक्तिगत हमले किए हैं।

Mar 12, 2025 - 08:17
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'MLC बनने के लिए मेरे घर...' गिरिराज से पहले अरुण जेटली भी आए थे कीर्ति आजाद के निशाने पर, जानें
पटना: लोकसभा में बजट सत्र के दौरान टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद और केंद्रीय मंत्री के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। महंगाई के मुद्दे पर बोलते हुए कीर्ति आजाद पर गिरिराज सिंह ने टोका-टाकी की। इसके बाद कीर्ति आजाद ने गुस्से में आकर गिरिराज सिंह पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा कि वे एमएलसी बनने के लिए उनके घर के चक्कर काटते थे और उनके घर में बैठे रहते थे। कीर्ति आजाद अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं। वे पहले भी कुछ और नेताओं पर इसी तरह के हमले कर चुके हैं। यहां तक कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी उन्होंने नहीं बख्शा था। कीर्ति आजाद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं और 1983 में क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रह चुके हैं। फिलहाल, तृणमूल कांग्रेस पार्टी से वर्धमान-दुर्गापुर सीट से सांसद हैं।

घर के चक्कर काटते रहे हैं गिरिराज: कीर्ति

बजट सत्र के दौरान कीर्ति आजाद ने लोकसभा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर तीखी टिप्पणी कर राजनीतिक माहौल को गर्म कर डाला। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कीर्ति आजाद ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से उलझ गए। दरअसल, कीर्ति आजाद महंगाई पर सरकार के विरुद्ध अपनी बात रख रहे थे तो अचानक गिरिराज सिंह बीच में हस्तक्षेप कर बैठे। नाराज कीर्ति आजाद ने मंत्री गिरिराज सिंह पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते कह डाला कि गिरिराज सिंह एमएलसी बनने के लिए उनके घर के चक्कर काटते थे। उनके घर में बैठे रहते थे।गिरिराज सिंह की टोकाटाकी से कीर्ति आजाद इतने नाराज हो गए कि उन्होंने कहा कि ये MLC बनने के लिए मेरे घर में बैठा करते थे। इनको (गिरिराज सिंह) बात करने की तमीज नहीं है। इन्‍हें ये नहीं पता कि अपनों से बड़ों से कैसे बात की जाती है। इन्‍हें सदन में बात करने की तमीज नहीं है। मैं आप-आप कर रहा हूं और ये तुम-तुम कर के बोल रहे हैं। भगवान भी इनका कुछ नहीं कर सकते हैं। कीर्ति आजाद यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि लाल बाबू प्रसाद के साथ आकर मेरे पास पड़े रहते थे।

मेरे बरामदे में बैठे रहते थे जेटली: कीर्ति

तृणमूल कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद और भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अरुण जेटली के बीच खींची तलवार के भी कम चर्चे नहीं। तब, प्रसंगवश कीर्ति आजाद बोल गए थे कि अरुण जेटली मेरे बरामदे में बैठे रहते थे। वैसे तो, कीर्ति आजाद और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा। दिलचस्प ये कि इसका मूल कारण राजनीति नहीं बल्कि क्रिकेट रहा। जैसे-जैसे अरुण जेटली का प्रभाव बढ़ा, उसी अनुपात में भाजपा की राजनीति में कीर्ति आजाद हाशिये पर भी चले गए। मगर, विरोध का परचम लहराते कीर्त आजाद ने अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार तक का आरोप लगाते कहा कि डीडीसीए में भयंकर घपला भी है। बाद में इस लड़ाई में कई क्रिकेट खिलाड़ी भी शामिल हो गए। यह सच है कि अरुण जेटली क्रिकेट की राजनीति में शामिल थे और कीर्ति विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य, हो सकता है, कुछ और भी जानते होंगे। लेकिन अरुण जेटली की स्थिति गिड़गिड़ाने वाली तो नहीं थी।

क्या है भीतर का सच?

हालांकि, इस प्रसंग में तात्कालीन भाजपा के कद्दावर नेता ऑफ द रिकॉर्ड बोलते हैं कि 1993 में ही वे विधायक बन गए थे और 1999 में सांसद भी बन गए। इस लिहाज से वे प्रभावी तो थे। मगर, इतने भी नहीं कि किसी को एमएलसी या की सांसद बनने की अहम भूमिका रखते थे। गिरिराज सिंह को एमएलसी बनाने में कीर्ति आजाद की कोई बड़ी भूमिका रही होगी, यह अधूरा सच है।

गिरिराज के एमएलसी बनने की कहानी

गिरिराज सिंह जब एमएलसी बने थे तो उन्हें सुशील मोदी का पूरा समर्थन था। बिहार प्रभारी कैलाशपति मिश्र थे और प्रदेश अध्यक्ष नंद किशोर यादव थे। तब संजय पासवान भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री थे और राष्ट्रीय अध्यक्ष जना कृष्णमूर्ति थे। जन कृष्णमूर्ति साल 2002 में राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और इसी वर्ष गिरिराज सिंह एमएलसी बने थे। तब यशोदा बाबू का कार्यकाल समाप्त होना था और भूमिहार से एमएलसी बनाना था। ऐसा नहीं कि भूमिहार में किसी एक का नाम तब चर्चा में था। तब, गिरिराज सिंह के साथ सुधीर शर्मा का भी नाम था। लेकिन उम्र में बड़े होने के कारण सहमति बनी और गिरिराज सिंह एमएलसी बने। गिरिराज सिंह सिर्फ भाजपा विधायक से ही एमएलसी नहीं बने। भाजपा ने अपनी तरफ से बसपा और निर्दलीय विधायकों को जोड़ा। तब, उस समय गिरिराज सिंह और कामेश्वर चौपाल एमएलसी बने थे। वैसे भी, गिरिराज सिंह ने भाजपा संगठन को अपना कीमती समय दिया और वे मुरली मनोहर जोशी, लाल मुनि चौबे और मदन जायसवाल समेत प्रदेश के कई नामवर का सहयोग हासिल था।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,