MahaKumbh-2025: मौनी अमावस्या से पहले उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, अब तक 15 करोड़ लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

Mahakumbh-2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे सनातन आस्था के महाकुंभ के दौरान संगम के पवित्र जल में अब तक 15 करोड़ से अधिक लोग डुबकी लगा चुके हैं। केवल आज की ही बात करें तो सुबह 8 बजे तक 45.50 लाख लोगों ने स्नान कर लिया था। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले […]

Jan 28, 2025 - 14:13
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MahaKumbh-2025: मौनी अमावस्या से पहले उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, अब तक 15 करोड़ लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी
Prayagraj Mahakumbh Mauni Amavasya snan

Mahakumbh-2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे सनातन आस्था के महाकुंभ के दौरान संगम के पवित्र जल में अब तक 15 करोड़ से अधिक लोग डुबकी लगा चुके हैं। केवल आज की ही बात करें तो सुबह 8 बजे तक 45.50 लाख लोगों ने स्नान कर लिया था। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले श्रद्धालुओं का ये हुजूम देखने को मिल रहा है।

महाकुंभ का आज 16वां दिन है और रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मौनी अमावस्या के दिन 8-10 करोड़ श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आ सकते हैं। ऐसे में हालात को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया गया। प्रयागराज और इसके आसपास के 10 जिलों के डीएम और एसपी को भी प्रयागराज में व्यवस्था संभालने के लिए डिप्लॉय कर दिया गया है। श्रद्धालुओं की आवक को देखते हुए अधिकारियों ने व्यापक प्रबंध किए हैं।

करीब किलोमीटर के गंगा तट पर 44 नए घाट बनाए गए हैं, जहां पर श्रद्धालुओं को स्नान कराने की तैयारी है। इसके अलावा प्रत्येक घाटों पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को तैनात किया गया है। इसके अलावा अरैल और ऐरावत घाटों पर आईएएस अधिकारियों, एसडीएम और पीसीएस अधिकारियों को तैनात किया गया है। महाकुंभ क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अधिकारी लगातार मीटिंग कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों औऱ अन्य एजेंसियों के साथ बैठक के बाद पूरे महाकुंभ क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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संतों, कल्पवासियों और रैन बसेरे भरे खचाखच

आस्था का संगम ऐसा है कि मौनी अमावस्या से पहले ही महाकुंभ में अखाड़ों से लेकर संतों, रैन बसेरों, होटलों और संस्थाओं के शिविर सभी खचाखच भर गए हैं। मौनी अमावस्या के लिए आज रात 8 बजे से स्नान का मुहूर्त शुरू होने जा रहा है। उससे पहले प्रशासन ने अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया है। व्यवस्था ऐसी है कि अखाड़ों के लिए संगम में अलग से घाट बना दिए गए हैं। उस अमृत स्नान पथ पर अखाड़ों के संत उनके शिष्य और भक्तों को ही जाने की अनुमति होगी।

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