काशी की ज्ञानवापी और मथुरा का ईदगाह हिंदुओं को सौंप देना चाहिए : केके मुहम्मद

विशेष रूप से इरफान हबीब और उनकी टीम ने। दुर्भाग्य यह कि कांग्रेस की सरकार ने इस कट्टरपंथी टीम को खूब बढ़ावा दिया।

Mar 18, 2024 - 22:11
Mar 18, 2024 - 22:17
 0  15
काशी की ज्ञानवापी और मथुरा का ईदगाह हिंदुओं को सौंप देना चाहिए : केके मुहम्मद

इस्लामिक शिक्षा बनाती है कट्टर 

ख्यात पुरातत्वविद केके मुहम्मद 

  • कहा, अयोध्या को लेकर वामपंथी इतिहासकारों ने गढ़े झूठे नैरेटिव
  • कांग्रेस की शह पर अंत तक झूठ बोलती रही इरफान और उनकी टीम

मंदिरों को ध्वंस कर मस्जिद बनाने
के पीछे उन्होंने इस्लामिक शिक्षा को दोषी बताया। कहा कि मुसलमानों को शुरू से पढ़ाया जाता है कि हम ही सर्वश्रेष्ठ हैं। बाकी सब काफिर हैं। उनको मुसलमान बनाना भी हमारा फर्ज है। ऐसा सिर्फ इस्लाम में ही नहीं, ईसाई, यहूदी सभी संप्रदायों में है, सिर्फ सनातन को छोड़कर। मदरसों का पाठ्यक्रम बदलना चाहिए। दीनी तालीम की जगह आधुनिक शिक्षा देनी चाहिए

बीएचयू में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने वाराणसी आए केके मोहम्मद, काशी के  ज्ञानवापी और मथुरा के ईदगाह को लेकर कही ये बात - KK Mohammad came to  Varanasi to ...

मंदिरों को ध्वंस कर मस्जिद बनाने
के पीछे उन्होंने इस्लामिक शिक्षा को दोषी बताया। कहा कि मुसलमानों को शुरू से पढ़ाया जाता है कि हम ही सर्वश्रेष्ठ हैं। बाकी सब काफिर हैं। उनको मुसलमान बनाना भी हमारा फर्ज है। ऐसा सिर्फ इस्लाम में ही नहीं, ईसाई, यहूदी सभी संप्रदायों में है, सिर्फ सनातन को छोड़कर। मदरसों का पाठ्यक्रम बदलना चाहिए। दीनी तालीम की जगह आधुनिक शिक्षा देनी चाहिए

अयोध्या विवाद के हल में प्रमुख भूमिका निभाने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पूर्व अधिकारी पद्मश्री केके मुहम्मद ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा का ईदगाह हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है। यह स्पष्ट दिखता है। मुसलमानों को चाहिए कि इन्हें हिंदुओं को सौंपकर भाईचारे का परिचय दें और इस्लाम के सिद्धांतों को जीत दिलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में उत्खनन के बाद सच्चाई सामने आ गई थी, इसके बाद भी वामपंथी इतिहासकारों ने झूठे नैरेटिव गढ़े।

मुसलमानों को विवादित ज्ञानवापी, शाही ईदगाह संरचना हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए:  पूर्व एएसआई निदेशक केके मोहम्मद - सांबा टाइम्स

विशेष रूप से इरफान हबीब और उनकी टीम ने। दुर्भाग्य यह कि कांग्रेस की सरकार ने इस कट्टरपंथी टीम को खूब बढ़ावा दिया।
केके मुहम्मद बीएचयू के कला- इतिहास विभाग में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने के लिए काशी आए थे।  बातचीत में उन्होंने कहा कि वामपंथी इतिहासकारों ने अयोध्या ही नहीं बहुत से मामलों में झूठ गढ़ा। कहा गया कि अयोध्या में हुई खोदाई में एएसआइ के महानिदेशक रहे प्रो. बीबी लाल को कुछ मिला ही नहीं। तब उन्होंने मीडिया को बताया कि वह अकेले मुस्लिम थे जो अयोध्या में हुए उत्खनन में शामिल थे 

Hindu Muslim | Ram Janmabhoomi Archaeologist KK Muhammed On Gyanvapi Shahi  Idgah Masjid | केके मोहम्मद बोले-ज्ञानवापी और शाही ईदगाह हिंदुओं को सौंपें  मुसलमान: केके ने ही बाबरी ...

मंदिर होने के तमाम साक्ष्य मिले हैं। इसके बाद भी नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आने से एक माह पूर्व इरफान हबीब और एएमयू के इतिहासकार नदीम रिजवी ने लिखा कि केके मुहम्मद झूठ बोलता है। वह उत्खनन में शामिल नहीं था। तब बीबी लाल सर ने जवाब दिया कि वह मेरे साथ था। केके मुहम्मद ने कहा कि उप्र, मप्र, राजस्थान में 200 से अधिक मस्जिदें हैं, जिन्हें मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है। बिहार में इनकी संख्या अधिक नहीं है। कई बौद्ध स्तूपों को दरगाह में बदला गया। कुतुबमीनार भी क्या हिंदू मंदिर था,

Hindu Muslim | Ram Janmabhoomi Archaeologist KK Muhammed On Gyanvapi Shahi  Idgah Masjid | केके मोहम्मद बोले-ज्ञानवापी और शाही ईदगाह हिंदुओं को सौंपें  मुसलमान: केके ने ही बाबरी ...

इस सवाल पर कहा कि कुतुबमीनार नहीं, बल्कि उसके बगल में बनी कुतुबुल इस्लाम मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई है। कुतुबमीनार इस्लामिक संरचना है ताजमहल मुगलकालीन स्थापत्यः आगरा के ताजमहल पर उन्होंने कहा कि विवाद खड़ा करने वाले हर समुदाय में होते हैं। ताजमहल मुगलकालीन स्थापत्य है। मेहराब, गुंबद, मीनारें हिंदू स्थापत्य कला का हिस्सा नहीं हैं। उसके नीचे शिवलिंग होने की बात भी गलत है। मैंने इस पर शोध किया है। उन्होंने कहा कि यह कहने में मुझे गुरेज नहीं कि यदि भारत में हिंदू समुदाय बहुमत में नहीं होता तो यह धर्मनिरपेक्ष देश नहीं होता।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com