Kalashtami 2025: कालाष्टमी की पूजा में पढ़ें ये व्रत कथा, बाबा काल भैरव का मिलेगा आशीर्वाद, दूर होंगे सभी कष्ट!

Kalashtami Vrat Katha In Hindi:कालाष्टमी का व्रत बाबा काल भैरव को समर्पित है. बाबा काल भैरव भगवान शिव का रौद्र रूप हैं. कालाष्टमी के दिन व्रत के साथ -साथ विधि-विधान से बाबा काल भैरव की पूजा करनी चाहिए. साथ ही कथा भी पढ़नी या सुननी चाहिए. ऐसा करने से बाबा काल भैरव का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही सभी कष्ट दूर होते हैं.

Mar 22, 2025 - 05:29
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Kalashtami 2025: कालाष्टमी की पूजा में पढ़ें ये व्रत कथा, बाबा काल भैरव का मिलेगा आशीर्वाद, दूर होंगे सभी कष्ट!
Kalashtami 2025: कालाष्टमी की पूजा में पढ़ें ये व्रत कथा, बाबा काल भैरव का मिलेगा आशीर्वाद, दूर होंगे सभी कष्ट!

Chaitra Kalashtami 2025 Vrat Katha: हिन्दू धर्म में कालाष्टमी का व्रत बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है. ये व्रत भगवान शिव के रौद्र रूप बाबा बाबा काल भैरव को समर्पित किया गया है.कालाष्टमी का व्रत हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. साथ ही इस दिन बाबा काल भैरव की विधि-पूर्वक पूजा की जाती है. इस दिन व्रत और पूजन करने से जीवन की सभी बांधाएं दूर हो जाती हैं. इस दिन पूजा के समय कथा का पाठ भी अवश्य करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन कथा का पाठ करने से पूजा का पूरा फल मिलता है. साथ ही जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

आज है कालाष्टमी

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आज सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो चुकी है. वहीं इस तिथि का कल यानी 23 मार्च को सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर हो जाएगा. भगवान काल भैरव की पूजा का निशा काल में खास महत्व है. ऐसे में आज ही चैत्र माह की कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा. आज निशा काल में पूजा का मुहूर्त देर रात 12 बजकर 4 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा.

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कालाष्टमी व्रत कथा

शिव पुराण की कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी सुमेरु पर्वत पर ध्यान में बैठे थे. उसी समय देवताओं ने उनके पास आकर उनको प्रणाम किया और उनसे ये पूछा कि इस संसार में अविनाशी तत्व क्या है. इस ब्रह्मा जी ने कहा कि मुझसे ही इस सृष्टि की उत्पत्ति हुई है. इसलिए इस सृष्टि में मुझसे बढ़कर कोई भी नहीं है. ब्रह्मा जी की ये बातें भगवान विष्णु को अच्छी नहीं लगीं. उन्होंने ब्रह्मा जी से कहा कि आप अपनी इतनी प्रंशसा न करें. क्योंकि मैनें ही आपको सृष्टि को रचने का आदेश दिया है.

उसके बाद दोनों ने वेदों का स्मरण किया और अपनी श्रेष्ठता के संबंध में पूछा. इस पर ऋग्वेद ने कहा कि हे ब्रह्मन! हे श्रीहरि! जिसके अंदर पूरा भू निहते हैं, वह भगवान शिव ही हैं. यजुर्वेद ने कहा कि भगवान शिव की कृपा के बिना वेदों की प्रामाणिकता भी साबित नहीं होती. उनसे ही इसकी प्रामाणिकता साबित होती है. सामवेद ने कहा कि जिनकी कांति से सारा विश्व प्रकाश मान होता है. वह महादेव जी हैं. वो ही सारे संसार को भरमाते हैं.

वेदों की बात सुनकर ब्रह्मा जी ने उनसे कहा कि उनकी बातों से उनका अज्ञान झलकता है. है. भगवान शिव तो अपने शरीर भस्म लगाए रहते हैं. सिर पर जटा जूट और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं. उनके गले में सांप है. भला वो कैसे परम तत्व हो सकते हैं. ब्रह्माजी और श्री हरि विष्णु के इन वचनों को सुनकर हर जगह मूर्त और अमूर्त रूप में रहने वाले ओंकार बोले कि भगवान शिव शक्तिधारी हैं. वो ही परमेश्वर हैं. सबका कल्याण करने वाले हैं. इस संसार में उनका अज्ञा के बिना कुछ नहीं होता.

इसके बाद भी ब्रह्मा जी और विष्णु का विवाद चल ही रहा था. तभी उनके बीच एक विशाल ज्योति आई. इस ज्योति की ना तो कोई शुरुआत थी और ना ही अंत. इस ज्योति से निकलने वाली अग्नि ब्रह्मा जी का पांचवें मुख को जलाने लगी. तब वहां महादेव प्रकट हुए. इसके बाद ब्रह्मा जी ने भगवान शिव को अपनी शरण में बुलाया और कहा कि मैं तुम्हारी रक्षा करुंगा. उन्होंने शिव जी से कहा कि तुम मेरे ही शीश से प्रकट हुए थे. फिर तुम्हारे रोने के कारण मैंने ही तुम्हारा नाम रुद्र रखा था.

ब्रह्मा जी के मुख से ये बातें सुनकर भगवान शिव को क्रोध आ गया. भगवान के क्रोध से ही उनके रौद्र रूप काल भैरव की उत्पत्ति हुई. काल भैरव ने घमंड में चूर ब्रह्म जी के जलते शीश को काट दिया. इसके बाद उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप लग गया. फिर भगवान शिव ने उनको सभी तीर्थों पर घूमने की सलाह दी. धरती के सभी तीर्थों पर घूमते हुए काल भैरव शिव की नगरी काशी में पहुंचे और यहीं उन्हें ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,