Explained: फेडरल रिजर्व का फैसला बदल देगा हालात, फिर चढ़ेगा शेयर बाजार!

इंडियन स्टॉक मार्केट में इस हफ्ते बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. पिछले हफ्ते छुट्टियों के चलते मार्केट कम ही दिन खुला, ऐसे में ये हफ्ता काफी अहम रहने वाला है. इस हफ्ते अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की मोनेटरी पॉलिसी भी आनी है.

Mar 16, 2025 - 09:00
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Explained: फेडरल रिजर्व का फैसला बदल देगा हालात, फिर चढ़ेगा शेयर बाजार!
Explained: फेडरल रिजर्व का फैसला बदल देगा हालात, फिर चढ़ेगा शेयर बाजार!

भारतीय शेयर बाजार में लंबे समय से छाया मायूसी का माहौल इस हफ्ते बदल सकता है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दरों को लेकर इस हफ्ते निर्णय ले सकता है, जो पूरी दुनिया के बाजारों को प्रभावित करता है. अगर फैसला भारत के पक्ष में रहता है तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की वापसी हो सकती है. इससे शेयर बाजार में एक बार फिर रौनक देखने को मिल सकती है. चलिए समझते हैं कैसी रहेगी बाजार की चाल

अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस हफ्ते नीतिगत ब्याज दरों को लेकर फैसला करने वाला है. अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दर में कटौती करता है या बढ़ोतरी करता है, तब ही ग्लोबल मार्केट्स पर इसका गहरा असर देखने को मिलेगा. वैसे अमेरिका के दूसरे देशों पर टैरिफ लगाने और वहां मंदी की आशंका के चलते फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बदलाव करने की गुंजाइश काफी कम है.

इस हफ्ते ब्रिटेन का सेंट्रल बैंक ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड’ भी ब्याज दरों का ऐलान करेगा. बाजार की नजर इस पर बनी रहेगी. वहीं ग्लोबल लेवल पर देखें तो चीन से रिटेल सेल, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का डेटा भी इसी हफ्ते रिलीज होगा. अमेरिका के भी रिटेल सेल और प्रोडक्शन डेटा पर बाजार और निवेशकों की नजर बनी रहेगी.

भारत लौटने लगेंगे एफपीआई निवेशक

भारतीय बाजार में मौजूदा गिरावट की मुख्य वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निकासी करना है. डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बदलाव से उन्हें बेहतर रिटर्न की उम्मीद है, जिसकी वजह से वह इंडियन मार्केट से पैसा खींच रहे हैं. लेकिन अगर अमेरिका में मंदी की आशंका गहराती है और फेडरल रिजर्व नीतिगत ब्याज दरों पर कोई बदलाव नहीं करता है, तो एफपीआई एक बार फिर भारत वापसी कर सकते हैं. हालांकि ये निर्भर करता है कि भारत के मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़े क्या कहानी बयां करते हैं. इस हफ्ते में सरकार थोक महंगाई के आंकड़े जारी करेगी.

क्यों भारत में डरा है निवेश?

भारतीय शेयर बाजार को लेकर अभी निवेशक डरा हुआ है. इसलिए पैसा लगाने के बजाय वह अभी निकासी कर रहा है. पिछले सप्ताह ग्लोबल ट्रेड को लेकर तनाव बढ़ने और अमेरिका में मंदी की आशंका से इंवेस्टर्स की धारणा प्रभावित हुई थी.

इस बारे में मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे का कहना है कि इंवेस्टर्स अभी डोनाल्ड ट्रंप सरकार के भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाए जाने को लेकर आशंकित है. इसके प्रभाव को लेकर वह अनिश्चिता से जूझ रहा है. इसलिए कुछ और समय तक बाजार में निगेटिव ट्रेंड देखने को मिल सकता है.

बाजार की चाल को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि इस हफ्ते बाजार में सीमित दायरे में कुछ उतार-चढ़ाव रहने का अनुमान है.

वहीं जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का मानना है कि ग्लोबल ट्रेड को लेकर लगातार बनी अनिश्चितताएं बाजार की रफ्तार को प्रभावित कर रही है.यह रुख जारी रहेगा. हालिया करेक्शन के बाद वैल्यूएशन में कमी के साथ कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, डॉलर इंडेक्स में नरमी का असर बाजार पर दिख सकता है.

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,