पेरिस ओलंपिक में यूसुफ डिकेच का स्वैग: बिना गियर के रजत पदक जीतकर सोशल मीडिया पर छाए

ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले तुर्की के पिस्टल निशानेबाज यूसुफ डिकेच के ‘स्वैग’ के चर्चे सोशल मीडिया पर खूब हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर काफी वायरल हो गई है

Aug 2, 2024 - 21:25
Aug 2, 2024 - 21:26
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पेरिस ओलंपिक में यूसुफ डिकेच का स्वैग: बिना गियर के रजत पदक जीतकर सोशल मीडिया पर छाए

पेरिस ओलंपिक में यूसुफ डिकेच का स्वैग: बिना गियर के रजत पदक जीतकर सोशल मीडिया पर छाए

तुर्की के पिस्टल निशानेबाज यूसुफ डिकेच ने पेरिस ओलंपिक में अपने अद्वितीय अंदाज से सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। डिकेच ने बिना किसी सुरक्षा गियर या खास लेंस के, बस अपने रोजमर्रा के चश्मे और सफेद टी-शर्ट में, एक हाथ जेब में डालते हुए निशाना साधा और रजत पदक जीता। उनकी इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियाँ बटोरी हैं।

एक हाथ जेब में डाले, बिना किसी सुरक्षा गियर के, बिना कोई खास लेंस पहने , अपने रोजमर्रा के चश्मे के साथ एकदम सहजता से पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले तुर्की के पिस्टल निशानेबाज यूसुफ डिकेच के ‘स्वैग’ के चर्चे सोशल मीडिया पर खूब हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर काफी वायरल हो गई है, जिसमें वह सफेद रंग की टी शर्ट पहने एक हाथ जेब में डाले निशाना साध रहे हैं. उन्होंने दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सिल्वर जीता जो ओलंपिक निशानेबाजी में तुर्की का पहला मेडल है. यह वही स्पर्धा है, जिसमें भारत की मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 

यूसुफ डिकेच ने दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में यह सिल्वर मेडल हासिल किया है। यह तुर्की के लिए ओलंपिक निशानेबाजी में पहला मेडल है, जो उनकी कड़ी मेहनत और अद्वितीय शैली का प्रमाण है। उनकी इस सफलता ने निशानेबाजी के खेल में तुर्की का नाम रोशन किया है और वे कई युवा निशानेबाजों के लिए प्रेरणा बने हैं।

इस स्पर्धा में भारत के भी दो प्रमुख निशानेबाज, मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। भारतीय निशानेबाजों ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और इस प्रतिस्पर्धा में देश का गौरव बढ़ाया। मनु भाकर और सरबजोत सिंह की यह उपलब्धि भी कम सराहनीय नहीं है, क्योंकि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में अपने प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाया है।

यूसुफ डिकेच का यह स्वैग और उनकी सहजता उनके प्रशंसकों के बीच काफी चर्चित हो रही है। उनकी यह उपलब्धि ना सिर्फ तुर्की के लिए, बल्कि ओलंपिक के इतिहास में भी एक यादगार पल बन गई है। सोशल मीडिया पर उनकी यह तस्वीर और उनकी सफलता की कहानी निशानेबाजी के खेल में एक नई दिशा दिखा रही है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार