लक्ष्य सेन ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, ओलंपिक्स इतिहास में पहले भारतीय बने
2020 में ब्रॉन्ज जीता था। अब लक्ष्य सेन इस परंपरा को जारी रखने के करीब हैं और भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का मौका उनके पास है।
लक्ष्य सेन ने ओलंपिक्स सेमीफाइनल में बनाई जगह, भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया
लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में पुरुष सिंगल्स स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया। उन्होंने चीनी ताइपे के चोउ टिएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराया। पहला गेम 19-21 से हारने के बाद, दूसरे गेम में जोरदार वापसी करते हुए 21-15 से जीत हासिल की। तीसरे गेम में 21-12 से आसान जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में पहुंचे।
लक्ष्य सेन ओलंपिक्स के इतिहास में पुरुष सिंगल्स के सेमीफाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। इससे पहले एचएस प्रणय, किदाम्बी श्रीकांत और परुपल्ली कश्यप क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन कोई भी सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच सका था। सेमीफाइनल में उनका सामना विक्टर एक्सेलसन या कीन यो लोह से होगा। विक्टर के खिलाफ लक्ष्य का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है, 8 मुकाबलों में से सिर्फ एक जीत मिली है।
पिछले तीन ओलंपिक्स में भारत ने बैडमिंटन में पदक जीते हैं - 2012 में साइना नहवाल ने ब्रॉन्ज, 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर, और 2020 में ब्रॉन्ज जीता था। अब लक्ष्य सेन इस परंपरा को जारी रखने के करीब हैं और भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का मौका उनके पास है।
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एतिहासिक उपलब्धि: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में पुरुष सिंगल्स स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, ओलंपिक्स के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी।
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मैच का विवरण: लक्ष्य ने चीनी ताइपे के चोउ टिएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराया। पहला गेम 19-21 से हारने के बाद, दूसरे गेम में 21-15 से जोरदार वापसी की। तीसरे गेम में 21-12 से आसान जीत हासिल की।
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चोउ टिएन चेन की रैंकिंग: चोउ टिएन चेन दुनिया के नंबर-12 बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
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पदक की उम्मीद: ओलंपिक्स 2024 में अब लक्ष्य ही बैडमिंटन में भारत की आखिरी पदक की उम्मीद हैं। वे पदक पक्का करने से एक कदम दूर हैं।
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क्वार्टरफाइनल में भारतीय खिलाड़ी: एचएस प्रणय, किदाम्बी श्रीकांत और परुपल्ली कश्यप ने क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन कोई सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाया था।
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सेमीफाइनल मुकाबला: लक्ष्य का सामना विक्टर एक्सेलसन और कीन यो लोह के मैच के विजेता से होगा। विक्टर के खिलाफ लक्ष्य का रिकॉर्ड खराब है, 8 मुकाबलों में से सिर्फ एक जीत।
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भारतीय बैडमिंटन की विरासत: पिछले 3 ओलंपिक्स में बैडमिंटन में पदक जीतता रहा है भारत। 2012 में साइना नहवाल ने ब्रॉन्ज, 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर और 2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अब लक्ष्य सेन इस परंपरा को आगे बढ़ाने के करीब।
लक्ष्य की इस सफलता ने भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और वह पदक जीतकर इतिहास रचने के बहुत करीब हैं।
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