उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की चेतावनी: समुद्री सुरक्षा में एकतरफा कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना से आतंक

उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में नियम आधारित व्यवस्था को लेकर चुनौती चरम पर है और इसे समाधान करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि समुद्री क्षेत्र में हो रही एकतरफा कार्रवाई से ना केवल न्यायिक चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं

Feb 22, 2024 - 18:43
Feb 22, 2024 - 18:46
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की चेतावनी: समुद्री सुरक्षा में एकतरफा कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना से आतंक
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति ने चेतावनी दी: समुद्री सुरक्षा में एकतरफा कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना से आतंक

विशाखापत्तनम, 22 फरवरी 2024:

आज, भारतीय समुद्री सेमिनार (मिलन 2024) के दौरान, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समुद्री सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चिंता व्यक्त की और चेतावनी दी कि एकतरफा कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना से पूरे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

नियम आधारित व्यवस्था की चुनौती:

उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में नियम आधारित व्यवस्था को लेकर चुनौती चरम पर है और इसे समाधान करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि समुद्री क्षेत्र में हो रही एकतरफा कार्रवाई से ना केवल न्यायिक चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं, बल्कि यह स्थानीय विवादों को भी आगे बढ़ा सकती है।

समुद्री ताकत का महत्व:

उपराष्ट्रपति ने भारत की समुद्री ताकत को महत्वपूर्ण बताया और उच्च स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता की आवश्यकता को जताया। उन्होंने कहा कि भारत सीमाओं का सम्मान करने में विश्वास रखता है और नियम आधारित समुद्री व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए संकल्पित है।

वैश्विक निर्भरता और आपूर्ति श्रृंखलाएं:

उपराष्ट्रपति ने व्यापार और वाणिज्य के लिए समुद्र पर वैश्विक निर्भरता की महत्वपूर्णता पर भी बल दिया और समुद्री व्यवस्था के पालन की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने साझा किया कि आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा, समुद्री अर्थव्यवस्था का शोषण और शांति रखना सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

समुद्री संगोष्ठी का समर्थन:

उपराष्ट्रपति ने विशाखापत्तनम में आयोजित भारतीय समुद्री संगोष्ठी (मिलन 2024) का समर्थन किया और समुद्री सुरक्षा में सहयोग की आवश्यकता को बताया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज की संबोधन में सार्थक बातें कहीं और समुद्री सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चिंता व्यक्त की हैं। उनका कहना है कि एकतरफा कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना से पूरे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है, और इसे समाधान के लिए कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।

नौसैनिक अभ्यास, मिलन 2024 की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगोष्ठी में कई देशों के प्रतिनिधियों और युद्धपोतों ने भाग लिया।

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