बिना ऑपरेशन पाइल्स (बवासीर) का इलाज – पूरी जानकारी

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Apr 9, 2025 - 21:16
Apr 9, 2025 - 21:20
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बिना ऑपरेशन पाइल्स (बवासीर) का इलाज – पूरी जानकारी
बिना ऑपरेशन पाइल्स (बवासीर) का इलाज – पूरी जानकारी

पाइल्स (बवासीर) की समस्या से परेशान हैं और बिना ऑपरेशन इसके इलाज की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। आपको पाइल्स के कारण, लक्षण, घरेलू नुस्खों, आयुर्वेदिक उपाय और पेट साफ रखने के आसान तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है, जो सुभाष गोयल जी द्वारा बताए गए अनुभवों और सुझावों पर आधारित है।


बिना ऑपरेशन पाइल्स (बवासीर) का इलाज – पूरी जानकारी

पाइल्स क्या है?

पाइल्स, जिसे आम भाषा में बवासीर कहा जाता है, एक आम मगर परेशान करने वाली बीमारी है, जिसमें गुदा या मलद्वार के अंदर और आसपास सूजन और मस्से (हैमोरॉइड्स) हो जाते हैं। जब इन मस्सों में सूजन या संक्रमण होता है, तो दर्द, जलन और कभी-कभी खून भी आने लगता है।

पाइल्स के मुख्य कारण

सुभाष गोयल जी के अनुसार, पाइल्स मुख्यतः पेट की खराब स्थिति के कारण होती है। जब खाना सही से पचता नहीं है और पेट में सड़ता है, तो वह शरीर में वायु (वात दोष) उत्पन्न करता है। यह वायु जब गुदा की नसों (पोर्टल वेन) में इंफेक्शन पैदा करती है, तब मस्से बाहर आ जाते हैं।

पाइल्स के अन्य कारण:

  • लगातार कब्ज रहना

  • मसालेदार व भारी भोजन

  • मांसाहार और शराब का अधिक सेवन

  • विरुद्ध आहार (उलटे खानपान)

  • लंबे समय तक बैठना

  • शारीरिक सक्रियता की कमी


पाइल्स के प्रकार

  1. खूनी बवासीर (Bleeding Piles) – जिसमें मल त्याग करते समय खून आता है। यह पित्त दोष के कारण होता है।

  2. बादिवाली बवासीर (Non-Bleeding Piles) – जिसमें सूजन और दर्द तो होता है लेकिन खून नहीं आता। यह वात दोष के कारण होती है।


बिना ऑपरेशन पाइल्स के इलाज के घरेलू उपाय

1. रसौत की गोली से इलाज

रसौत (Rasaunt) एक जड़ी-बूटी है जो पाइल्स में बेहद लाभकारी मानी जाती है। गोयल जी का सुझाव है:

बनाने की विधि:

  • 50 ग्राम रसौत लें

  • 250 ग्राम दूध और थोड़ा पानी मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं

  • जब इसका खोया बन जाए तो छोटी-छोटी गोलियां बना लें

  • रोज़ रात को सोने से पहले एक गोली लें

  • सिर्फ 7-8 दिन तक यह खाने से पाइल्स की समस्या दूर हो जाती है

यह नुस्खा पेट की गर्मी, सूजन और कब्ज – तीनों को एक साथ ठीक करता है।


2. त्रिफला चूर्ण – पाइल्स का वरदान

त्रिफला चूर्ण को गोयल जी “रामबाण इलाज” मानते हैं, जो सिर्फ रोगियों के लिए ही नहीं बल्कि स्वस्थ लोगों के लिए भी लाभकारी है।

त्रिफला बनाने की सही विधि:

  • हरड़ – 100 ग्राम

  • बहेड़ा – 200 ग्राम

  • आंवला – 400 ग्राम
    इन तीनों को धोकर सुखाएं, फिर पीसकर छान लें।

सेवन विधि:

  • महिलाएं: सुबह 5 बजे खाली पेट 1 चम्मच गर्म पानी या दूध के साथ

  • पुरुष: सोने से पहले 1 चम्मच गर्म पानी या दूध के साथ
    (समय परिस्थिति के अनुसार बदला जा सकता है)

यह आंतों को साफ करता है, पाचन क्रिया को बेहतर करता है और बवासीर के मूल कारण यानी कब्ज को दूर करता है।

विशेष सुझाव:

  • त्रिफला में कलौंजी मिलाने से इसका असर और भी प्रभावी हो जाता है। इसे "त्रिफला अमृत" कहा जाता है।

  • अगर किसी को त्रिफला खाने के बाद उल्टी या लूज मोशन हो जाए तो मात्रा कम कर दें, जैसे कि आधा चम्मच से शुरू करें।


पाइल्स से बचने के लिए सावधानियां

  • फाइबर युक्त भोजन करें (हरी सब्जियां, फल, सलाद)

  • दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं

  • नियमित व्यायाम करें

  • ज्यादा देर तक शौच रोके नहीं

  • तीखा, तला हुआ, शराब और मांसाहार से बचें


कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

अगर घरेलू उपायों के बाद भी निम्न लक्षण बने रहें तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है:

  • लगातार खून आना

  • असहनीय दर्द

  • सूजन जो दिन-ब-दिन बढ़ रही हो

  • कमजोरी या चक्कर महसूस होना


बवासीर एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, जिसे लोग अक्सर शर्म के कारण छिपाते हैं। लेकिन जैसा सुभाष गोयल जी कहते हैं – “बीमारी है तो बताओ, चिल्लाओ – क्या पता कोई इलाज बता दे।”

रसौत और त्रिफला जैसे आयुर्वेदिक उपायों से बिना ऑपरेशन पाइल्स को जड़ से खत्म किया जा सकता है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि पाचन क्रिया को ठीक रखें, कब्ज न होने दें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।


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