स्कूलों में बच्चे इस बार गर्मी की छुट्टियों में सीखेंगे एक नई भाषा

शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के 14.5 लाख स्कूलों में 'भारतीय भाषा समर कैंप' की शुरुआत की है। नई शिक्षा नीति के तहत बच्चे गर्मी की छुट्टियों में खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से सीखेंगे एक नई भारतीय भाषा। यह पहल बिहार की बेटी जिया कुमारी को समर्पित की गई है। साथ ही स्कूली पाठ्यक्रम में AI और Machine Learning की पढ़ाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों में बच्चे इस बार गर्मी की छुट्टियों में सीखेंगे एक नई भाषा

May 21, 2025 - 16:01
May 21, 2025 - 16:03
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स्कूलों में बच्चे इस बार गर्मी की छुट्टियों में सीखेंगे एक नई भाषा

स्कूलों में बच्चे इस बार गर्मी की छुट्टियों में सीखेंगे एक नई भाषा

बड़ी पहल शिक्षा मंत्रालय - 

ने भारतीय भाषा समर कैंप का किया शुभारंभ, देशभर के सभी 14.5 लाख स्कूलों में होगा इसका आयोजन, शिक्षा मंत्री ने इस पहल को बिहार की बेटी को किया समर्पित

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रिभाषा फार्मूले पर तमिलनाडु की ओर से खड़े किए जा रहे सवालों के बीच केंद्र सरकार ने देश की भाषायी विविधता को स्कूली बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने को लेकर एक और बड़ी पहल की है। इस बार गर्मी की छुट्टियों में देशभर के सरकारी और निजी दोनों ही स्कूलों में भारतीय भाषा समर कैंप आयोजित किए जाएंगे। इसमें बच्चों को अपनी मातृभाषा के साथ एक या इससे अधिक भारतीय भाषा सिखाया जाएगा। यह सीख उन्हें रोचक अंदाज में खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिये दी जाएगी। यह समर कैंप एक सप्ताह का होगा, जिसमें बच्चों को भारतीय भाषा से जोड़ने के लिए हर दिन चार घंटे की गतिविधियां संचालित होंगी। ऐसे में कुल 28 घंटे का प्रशिक्षण होगा। कैंप के अंतिम दिन बच्चों को एक प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार  को इस अनूठी पहल का शुभारंभ किया और बगैर किसी का नाम लेते हुए कहा कि कुछ लोग भले ही भाषा को अपने स्वार्थ का माध्यम मानते हैं, लेकिन मेरे लिए देश की सभी भाषाओं का एक समान महत्व है। हम चाहते हैं कि लोग एक से ज्यादा भारतीय भाषाओं को सीखें।


उन्होंने समर कैंप की इस पहल को बिहार की बेटी जिया कुमारी को समर्पित किया और कहा कि बिहार की इस बेटी ने तमिल भाषा में 12वीं की परीक्षा पास की है। इसने तमिल भाषा में 100 अंकों में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। वह अपने श्रमिक पिता के साथ तमिलनाडु में ही पढ़ाई कर रही थी। प्रधान ने कहा कि बहुभाषी होना इसलिए जरूरी है, क्योंकि नौकरी के सिलसिले में सभी को एक राज्य से दूसरे राज्य जाना होता है। केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने वाले हरियाणा के एक शिक्षक को कुछ समय जहां तमिलनाडु में काम करना होता है तो कुछ समय कर्नाटक या फिर दूसरे राज्य में। ऐसे में उसके लिए बहुभाषी होना कितना फायदेमंद है। स्कूली शिक्षा सचिव संजय कुमार, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री और एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर डीपी सकलानी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। गौरतलब है कि भारतीय भाषा समर कैंप का आयोजन देश के सभी 14.5 लाख स्कूलों में आयोजित होगा। इसका लाभ इनमें पढ़ने वाले 98 लाख शिक्षक और 25 करोड़ से अधिक बच्चे ले सकेंगे। 

स्कूलों में इसी सत्र से पढ़ाया जाए एआइ और मशीन लर्निंग


प्रधान ने केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय संगठन के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे इसी शैक्षणिक सत्र से अपने स्कूलों में बच्चों को एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेस) और एमएल (मशीन लर्निंग) की पढ़ाई शुरू कराएं।
बच्चे अपनी भाषा में पढ़ेंगे श्रीराम मंदिर से लेकर नए संसद भवन की कहानी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब पाठ्यक्रम के साथ ही अयोध्या के श्रीराम मंदिर सहित वाराणसी के काशी विश्वनाथ कारीडोर, नए संसद भवन और बाबासाहेब के स्मारक से जुड़ी रोचक जानकारी अब उन्हीं की भाषा में पढ़ने को मिलेगी। प्रधान ने एनसीईआरटी की ओर से तैयार की गई भारत-लोकतंत्र की जननी, भारत पांचवी आर्थिक शक्ति, स्वच्छता, कोविड प्रबंधन और एशियन खेलों व विरासत और विकास पर आधारित 26 भाषाओं में भाषाई प्रवेशिकाएं और माड्यूल जारी किए है।

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