संघ ने जीवन का उद्देश्य और देश सेवा का संस्कार दिया: प्रधानमंत्री

RSS प्रारंभिक जीवन में देशभक्ति के भाव और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रभाव को विस्तार से बताया गया है। बचपन में संघ की शाखाओं से जुड़े अनुभवों, देशभक्ति के गीतों, और अनुशासन के संस्कारों ने किस प्रकार उनके जीवन को दिशा दी, यह स्पष्ट होता है। उन्होंने संघ द्वारा समाजसेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे सेवा कार्यों—जैसे सेवा भारती, विद्या भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, भारतीय मजदूर संघ—का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे ये संगठन बिना किसी सरकारी सहायता के समाज में परिवर्तन ला रहे हैं। उनके राजनीतिक और सामाजिक विचारों पर संघ के 'जन सेवा ही प्रभु सेवा' के सिद्धांत और संतों के सान्निध्य का भी गहरा प्रभाव रहा। यह संवाद संघ की कार्यपद्धति, विचारधारा, और राष्ट्रहित में समर्पण के महत्व को रेखांकित करता है।

Mar 16, 2025 - 18:33
Mar 16, 2025 - 18:38
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संघ ने जीवन का उद्देश्य और देश सेवा का संस्कार दिया: प्रधानमंत्री
rss modi

आठ वर्ष की उम्र में RSS से जुड़े, सेवा भारती, वनवासी कल्याण और विद्या भारती जैसे कार्यों का किया उल्लेख

प्रश्न: आपके जीवन में देशभक्ति का भाव प्रारंभ से ही दिखाई देता है। आपने जीवन भर भारत को सर्वोपरि रखने की बात कही है। ऐसा कहा जाता है कि आप मात्र आठ वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे। क्या आप संघ के बारे में और संघ का आपके जीवन और विचारधारा पर क्या प्रभाव पड़ा, इसके बारे में बता सकते हैं?

उत्तर: देखिए, बचपन से ही मेरे स्वभाव में था कि कुछ न कुछ नया करता रहूँ। मुझे याद है, हमारे गाँव में एक माकोसी जी आया करते थे—नाम ठीक से याद नहीं, शायद माकोसी सोनी। वे सेवा दल से जुड़े थे और डफ़ली लेकर देशभक्ति के गीत गाते थे। उनकी आवाज़ बहुत अच्छी थी। मैं पागलपन की हद तक उनके गीत सुनने चला जाता था। घंटों, रात-रात भर देशभक्ति के गाने सुनता था, क्यों पसंद आता था, यह कहना मुश्किल है।

इसी तरह हमारे गाँव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा चलती थी। वहाँ खेलकूद, देशभक्ति के गीत, व्यायाम सब कुछ होता था। वह माहौल दिल को छू जाता था। बस ऐसे ही हम संघ से जुड़ गए। संघ ने मुझे एक संस्कार दिया—कि जीवन में जो भी करो, उसे देश के लिए करो। पढ़ाई भी करो तो सोचो कि देश के काम आए। शरीर भी स्वस्थ रखो तो देश के लिए उपयोगी बनो।

संघ अपने आप में बहुत बड़ा संगठन है। अब यह अपने शताब्दी वर्ष में है। विश्व में इतना बड़ा स्वयंसेवी संगठन शायद ही कहीं और हो। करोड़ों लोग इससे जुड़े हैं। लेकिन संघ को समझना आसान नहीं है। संघ सिखाता है कि जीवन का उद्देश्य सिर्फ व्यक्तिगत प्रगति नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए समर्पण होना चाहिए।

प्रश्न: संघ से मिले इस संस्कार को क्या आपने अपने जीवन में कोई उदाहरण रूप में देखा या अनुभव किया?

उत्तर: बिल्कुल। संघ से प्रेरणा लेकर अनेक स्वयंसेवक विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रहे हैं। जैसे, सेवा भारती नामक संगठन। वे झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के बीच करीब सवा लाख सेवा प्रकल्प चला रहे हैं—बिना सरकारी मदद के। बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य, स्वच्छता, संस्कार—सब काम समाज के सहयोग से करते हैं।

इसी तरह वनवासी कल्याण आश्रम है, जो आदिवासी क्षेत्रों में रहकर सेवा कर रहा है। उनके सत्तर हज़ार से अधिक एकल विद्यालय चल रहे हैं। अमेरिका में भी कुछ लोग हर महीने कोका-कोला न पीकर वह पैसा इन विद्यालयों को दान देते हैं।

'विद्या भारती' भी एक उदाहरण है। पच्चीस हज़ार से अधिक स्कूल, तीस लाख से ज्यादा छात्र, कम खर्च में शिक्षा और साथ में संस्कार देने का कार्य करते हैं।

मजदूर वर्ग के लिए भी संघ प्रेरित संगठन 'भारतीय मजदूर संघ' है। पचपन हज़ार यूनियन, करोड़ों सदस्य—यह शायद दुनिया का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन है। वे वामपंथी विचार से हटकर "वर्कर्स यूनाइट द वर्ल्ड" की बात करते हैं, यानी दुनिया के मजदूरों को जोड़ने की बात।

प्रश्न: क्या आपके राजनीतिक विचारों पर भी संघ का प्रभाव रहा?

उत्तर: संघ ने मुझे सिखाया कि समाज और देश के लिए कार्य करना ही सर्वोच्च है। संघ का सेवाभाव और 'जन सेवा ही प्रभु सेवा' का विचार मेरे जीवन का मूल मंत्र बन गया। संघ से मुझे अनुशासन मिला, जीवन का उद्देश्य मिला। बाद में जब मैं संतों के सानिध्य में आया, तो वहाँ से मुझे आध्यात्मिक आधार मिला। स्वामी आत्मस्थानंद जी जैसे संतों ने मुझे हर पल मार्गदर्शन दिया।

रामकृष्ण मिशन, विवेकानंद जी के विचार, संघ का सेवाभाव—इन सबने मुझे गढ़ा है। इसलिए, मैं कह सकता हूँ कि जो भी आज मैं हूँ, उसमें संघ, संतों और राष्ट्र के लिए सेवा का गहरा योगदान है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,