शुरुआत अच्छी, पर वश में नहीं कर पाती

फिल्मों का निर्देशन कर चुके विकास बहल ने मध्यांतर से पहले फिल्म का ज्यादातर

Mar 9, 2024 - 10:42
Mar 9, 2024 - 10:47
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शुरुआत अच्छी, पर वश में नहीं कर पाती

अच्छे व लाचार पिता की भूमिका में अजय देवगन सहज दिखते हैं। 

फिल्म दृश्यम की फ्रेंचाइज में विजय सलगांवकर (अजय देवगन) अपने परिवार को बचाने के लिए किसी भी सीमा तक जाता है। 'शैतान' में कबीर (अजय देवगन) भी अपनी बेटी को कहीं से भी वापस लाने को तैयार है। सुपरनेचुरल थ्रिलर के रूप में प्रचारित 'शैतान' में तांत्रिक के पास शक्तियां हैं, जिसके बल पर वह किशोरियों को वश में कर लेता है। गुजराती फिल्म वश की इस रीमेक की शुरुआत अच्छी है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट कबीर दसवीं कक्षा में पढ़ रही बेटी जानवी (जानकी बोधीवाला), आठ साल के नटखट बेटे ध्रुव (अंगद राज) और पत्नी ज्योति (ज्योतिका) के साथ फार्महाउस में छुट्टी मनाने जाता है। रास्ते में एक अजनबी वनराज (आर माधवन) उसकी बेटी को वश में कर लेता है। जानवी उसके हर आदेश का पालन करती है। वनराज चाहता है कि कबीर और ज्योति उसे जानवी को ले जाने की अनुमति चिल्लर पार्टी, क्वीन दें।


जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके विकास बहल ने मध्यांतर से पहले फिल्म का ज्यादातर हिस्सा वनराज द्वारा किए जाने वाले काले जादू पर केंद्रित रखा है। वनराज जैसे कहता है, जानवी करती है। यहां तक कि अपने भाई का सिर फोड़ देती है,

पिता को थप्पड़ मार देती है। पूर्वार्द्ध में कहानी बांधकर रखती है, पर मध्यांतर के बाद लड़खड़ा जाती है। ,

शानदार वनराज से जुड़े कई सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं। जैसे वशीकरण के बाद जानवी को ले जाने के लिए उसे कबीर व ज्योति की अनुमति की जरूरत क्यों है? इससे पहले 107 किशोरियों को कब्जे में लेने पर क्या सभी के माता-पिता की अनुमति ली थी? वह अपने काम को कैसे अंजाम दे रहा है? इसका कोई उल्लेख नहीं है। वनराज जब अग्नि के सामने खड़े होकर अपनी ताकत के बारे में बताता है, वह माहौल डराता नहीं है। संवाद भी प्रभावी नहीं हैं। पहली बार नकारात्मक भूमिका में नजर आए आर माधवन आरंभ में प्रभावित करते हैं, जब उनका किरदार तांत्रिक के रूप में आता है, तो किरदार पर पकड़ कमजोर पड़ती है। अच्छे और लाचार पिता की भूमिका में अजय देवगन सहज हैं। ज्योतिका के हिस्से में संवाद कम हैं। वनराज के साथ उनकी भिड़ंत का दृश्य अच्छा है। जानवी बनीं जानकी बोधिवाला ने मूल फिल्म में भी अभिनय किया है। कठपुतली की तरह हर आदेश मानने वाली जानवी की भूमिका में उनका अभिनय सराहनीय है। बाल कलाकार अंगद राज का काम उल्लेखनीय है। फिल्म का बैकग्राउंड संगीत भय और तनाव को बढ़ाने में मददगार साबित होता है। वशीकरण पर बनी यह फिल्म मध्यांतर के बाद कमजोर स्क्रीन प्ले की वजह से दर्शकों को पूरी तरह से वश में नहीं कर पाती है।

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