राजेन्द्र प्रसाद: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख और प्रथम राष्ट्रपति
राजेन्द्र प्रसाद की शिक्षा का आरंभी भाग मुख्य रूप से वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हुआ,
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राजेन्द्र प्रसाद, भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्तित्व थे। उनका जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के जीरादेई में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे और बाद में भारतीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। उनके पिता का नाम महदेव सहाय था और माता का नाम कृष्णा देवी था। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया, जिसका असाधारण और अमूल्य महत्त्व था।
राजेन्द्र प्रसाद की शिक्षा का आरंभी भाग मुख्य रूप से वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हुआ, जहां से उन्होंने अपनी स्नातकीय और स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की। उनकी शिक्षा में समाज सेवा और राष्ट्रीय उत्थान के लिए उत्साह भी था।
राजेन्द्र प्रसाद ने गांधीजी के साथ अपना समय बिताया और उनके नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उन्होंने अनेक आंदोलनों और सत्याग्रहों में भाग लिया और अपने प्रिय देश के स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
स्वतंत्रता के बाद, राजेन्द्र प्रसाद को भारतीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। उन्होंने अपने कार्यकाल में राष्ट्र के उत्थान और विकास के लिए प्रायोगिक उपायों का समर्थन किया। उनका योगदान राष्ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय, और विकास में अविस्मरणीय रहा है।
राजेन्द्र प्रसाद के विचार और दृष्टिकोण आज भी हमें एक उत्कृष्ट नेता के रूप में प्रेरित करते हैं। उनका जीवन और कार्य हमें साहस, समर्पण, और देशभक्ति की भावना से प्रेरित करते हैं। उनकी अमूल्य योगदान को स्मरणीय रूप में याद किया जाता है और उन्हें हमेशा सम्मान दिया जाएगा।
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