राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर दुष्प्रचार: जनार्दन मून के खिलाफ शिकायतें

Rashtriya swayamsevak Sangh संघ के प्रचार विभाग के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना वर्ष 1925 में हुई थी

Mar 31, 2024 - 10:22
Mar 31, 2024 - 10:49
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर दुष्प्रचार: जनार्दन मून के खिलाफ शिकायतें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर दुष्प्रचार: जनार्दन मून के खिलाफ शिकायतें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर दुष्प्रचार, पुलिस और चुनाव आयोग से की गई शिकायत

Propaganda in the name of Rashtriya Swayamsevak Sangh Complaints against Janardhan Moon

  1. जनार्दन मून ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम का दुरुपयोग करके एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि संघ कांग्रेस का समर्थन कर रहा है।

  2. इस घोषणा के बावजूद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पुलिस और चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की है, क्योंकि यह घोषणा उनके राजनीतिक धार्मिक मूल्यों के खिलाफ है और दुष्प्रचार के रूप में गिनी जा रही है।

  3. जनार्दन मून ने वीडियो में कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कांग्रेस के समर्थन में काम कर रहा है, जिससे यह भ्रम फैल गया है कि संघ की राजनीतिक धारा क्या है।

  4. संघ ने अपने प्रचार विभाग के माध्यम से स्पष्ट किया है कि उनका कोई भी राजनीतिक संबंध नहीं है और इसे फर्जी पोस्ट से बचने की आगाही दी है।

  5. संघ ने लोगों को अपनी आधिकारिक जानकारी केवल अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल और वेबसाइट से ही प्राप्त करने की सलाह दी है।

नागपुर । महाराष्ट्र के नागपुर निवासी जनार्दन मून ने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी कर पूरे देश में भ्रम फैलाया है। उनका दावा किया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोकसभा के मौजूदा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन कर रहा है। संघ ने इसके खिलाफ पुलिस और चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। संघ के नागपुर महानगर कार्यवाह रवींद्र बोकारे ने संघ की ओर से यह शिकायत दर्ज कराई है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर दुष्प्रचार, पुलिस और चुनाव आयोग से की गई  शिकायत

प्रचार विभाग के अनुसर 

संघ के प्रचार विभाग के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना वर्ष 1925 में हुई थी। यह सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय विश्व प्रसिद्ध संगठन है। कुछ साल पहले जनार्दन मून ने ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ नाम से एक संगठन बनाने की घोषणा की थी और दावा किया था कि संघ पंजीकृत नहीं है। मून ने सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम से एक संगठन बनाने की अनुमति भी मांगी, लेकिन सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय ने उन्हें अनुमति देने से इनकार किया था। इसके बाद जनार्दन मून ने हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन 2019 में ही दोनों अदालतों ने उनकी याचिका खारिज कर दी। फिलहाल जनार्दन मून के नाम पर ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ नाम की कोई संस्था पंजीकृत नहीं है। इसके बावजूद मून राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बैनर लेकर कार्यक्रम आयोजित करते हैं और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर दुष्प्रचार की पुलिस और चुनाव आयोग से  शिकायत



लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच जनार्दन मून ने 23 मार्च को शाम 04 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बैनर लगाकर नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा था कि संघ इस साल के चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस का समर्थन कर रहा है। साथ ही इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो यूट्यूब पर भी अपलोड किया।

नतीजतन पूरे देश में यह भ्रम फैल गया कि संघ कांग्रेस के समर्थन में प्रचार कर रहा है। साथ ही इस वीडियो के आधार पर खबरें भी प्रकाशित की गईं। इस का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नागपुर पुलिस कमिश्नरेट में शिकायत दर्ज कराई है और जनार्दन मून के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही संघ के नाम का इस्तेमाल कर हो रहे दुष्प्रचार को लेकर चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई है। बहरहाल संघ ने आह्वान किया है कि संघ का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। नतीजतन चुनाव के दौरान ऐसे फर्जी पोस्ट से सावधान रहें। संघ के प्रचार विभाग ने स्पष्ट किया है कि संघ की आधिकारिक जानकारी केवल उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल या वेबसाइट पर जारी होती है।

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