पीएम मोदी का दौरा था आतंकियों का असली टारगेट, पहलगाम हमले के बाद बढ़ी जांच तेज़ी

PM Modi's visit was the real target of the terrorists, investigation intensified after Pahalgam attack, पीएम मोदी का दौरा था आतंकियों का असली टारगेट, पहलगाम हमले के बाद बढ़ी जांच तेज़ी

May 4, 2025 - 17:28
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पीएम मोदी का दौरा था आतंकियों का असली टारगेट, पहलगाम हमले के बाद बढ़ी जांच तेज़ी
पीएम मोदी का दौरा था आतंकियों का असली टारगेट, पहलगाम हमले के बाद बढ़ी जांच तेज़ी

पीएम मोदी का दौरा था आतंकियों का असली टारगेट? पहलगाम हमले के बाद बढ़ी जांच तेज़ी

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की नई साजिश का खुलासा

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, आतंकियों का असली निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा हो सकती थी। हालांकि खराब मौसम के चलते पीएम मोदी का दौरा रद्द हो गया, जिससे यह संभावित हमला टल गया।

खुफिया एजेंसियों को पहले से था इनपुट

खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की योजना थी कि वे जम्मू-कश्मीर के पर्यटक स्थलों, विशेषकर श्रीनगर के बाहरी क्षेत्रों में स्थित होटलों को निशाना बनाएंगे। डाचीगाम जैसे संवेदनशील इलाकों की पहले ही निगरानी बढ़ा दी गई थी। इनपुट में यह भी बताया गया था कि गैर-स्थानीय मजदूरों, हिंदू तीर्थयात्रियों और कश्मीरी पंडितों को भी संभावित निशाना बनाया जा सकता है।

पहलगाम हमले से पहले की गतिविधियाँ

कौन थे हमले के पीछे?

जांच में सामने आया है कि स्थानीय आतंकी आदिल ठोकर और आसिफ शेख, जो पर्यटकों के बीच घुलमिल गए थे, इस हमले में शामिल थे। उन्होंने पर्यटकों को खाने-पीने के स्टॉल्स की ओर बुलाकर पुरुषों को अलग किया और फिर हमला किया।

बैसारन कैसे बना आतंकियों का निशाना?

बैसारन, जो एक टिकट-आधारित प्रवेश स्थल है और कभी आतंकी गतिविधियों का गढ़ नहीं रहा, अचानक निशाना बनाया गया। यह एक संकेत है कि आतंकियों ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है ताकि सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दिया जा सके।

क्या पीएम मोदी की यात्रा थी असली निशाना?

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की योजना 19 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री मोदी की कटरा-श्रीनगर रेल सेवा के उद्घाटन के दौरान हमला करने की थी। इस यात्रा का महत्व बहुत अधिक था, और हमले के जरिये आतंकी इस विकास परियोजना से जनता का ध्यान हटाना चाहते थे।

पाकिस्तानी आतंकियों का रोल

हमले में शामिल हाशिम मूसा, जो पहले भी कई हमलों में सक्रिय था, त्राल में अन्य आतंकियों के साथ देखा गया था। उसकी गतिविधियों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि हमले की योजना बड़े स्तर पर बनाई गई थी।

क्यों बनाए गए पर्यटक निशाना?

घाटी में सामान्य स्थिति को तोड़ने की कोशिश

हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में बढ़ते पर्यटन को शांति और सामान्य स्थिति का प्रतीक माना जा रहा था। आतंकियों ने इसी धारणा को तोड़ने के लिए पर्यटकों को निशाना बनाया। उनका उद्देश्य था कि डर और असुरक्षा का माहौल फिर से बन सके।

ओवरग्राउंड वर्कर्स की भूमिका

जांच में यह भी सामने आया कि इस हमले में OGW (Overground Workers) की भूमिका अहम रही। 10 में से लगभग 3 OGW कट्टर सोच रखते हैं जबकि बाकी पैसे के लिए काम करते हैं। पहलगाम हमले के बाद लगभग 9 OGW के घरों को गिराया गया, जिससे घाटी में तनाव और बढ़ गया।

संवेदनशील क्षेत्र और पिछले हमले

जबरवान पहाड़ियों के नीचे बढ़ी गतिविधियाँ

जबरवान पहाड़ियों के नीचे स्थित इलाकों को पहले ही संवेदनशील माना जा रहा था। अक्टूबर 2024 में गगनगीर और बुटा पाथरी में गैर-स्थानीय मजदूरों और सेना के जवानों की हत्या के बाद सुरक्षा पहले ही बढ़ा दी गई थी। लेकिन फिर भी आतंकी हमले को अंजाम देने में सफल हो गए।

केंद्र सरकार की सतर्कता और विपक्ष की अपील

हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने सुरक्षा बढ़ा दी है। वहीं, उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि ओवरग्राउंड वर्कर्स के घरों को गिराने से पहले संवेदनशीलता बरती जाए, ताकि निर्दोष लोग न फंसें।


पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थी जिसका मकसद घाटी में अमन-चैन की तस्वीर को धूमिल करना था। अगर पीएम मोदी की यात्रा नहीं टलती, तो आतंकियों का निशाना कहीं बड़ा और भयावह हो सकता था। ऐसे में यह ज़रूरी है कि सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क रहें और समय पर कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में ऐसे हमले रोके जा सकें।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,