गुरु नानक देव जी की जयंती सेवा और भक्ति का संदेश

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Nov 15, 2024 - 21:32
Nov 15, 2024 - 21:33
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गुरु नानक देव जी की जयंती सेवा और भक्ति का संदेश

गुरु नानक देव जी की जयंती: सेवा और भक्ति का संदेश

आज, 15 नवंबर 2024, पूरी दुनिया सिख धर्म के संस्थापक और महान संत गुरु नानक देव जी की जयंती मना रही है। यह पवित्र दिन "गुरु पर्व" या "प्रकाश पर्व" के नाम से जाना जाता है। गुरु नानक देव जी ने मानवता को प्रेम, सेवा, समानता, और भक्ति का मार्ग दिखाया। उनका जीवन और उपदेश हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं

गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में पंजाब के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ, जिसे अब ननकाना साहिब (पाकिस्तान) कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन में अनेक यात्राएं कीं और विभिन्न धर्मों तथा संस्कृतियों के लोगों को यह सिखाया कि "एक ओंकार" यानी ईश्वर एक है और हम सभी उसके बच्चे हैं।

उन्होंने मानवता को जाति, धर्म, और लिंग के भेदभाव से ऊपर उठने का संदेश दिया। उनका प्रमुख उद्देश्य यह था कि हर व्यक्ति "नाम जपो, किरत करो, और वंड छको" (भगवान का नाम स्मरण करो, ईमानदारी से काम करो, और भोजन व धन जरूरतमंदों के साथ बांटो) के सिद्धांतों का पालन करे।

गुरु पर्व के मुख्य आयोजन

गुरु नानक जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास, और लंगर का आयोजन होता है। इस दिन सिख समुदाय प्रभात फेरी निकालते हैं, जिसमें गुरु नानक देव जी के उपदेशों को भजन और कीर्तन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाता है।
गुरुद्वारों में "अखंड पाठ" (गुरु ग्रंथ साहिब का 48 घंटे का सतत पाठ) होता है। इस दिन समाज के हर वर्ग के लोग गुरुद्वारों में लंगर का प्रसाद ग्रहण करते हैं, जो सेवा और समानता का प्रतीक है।

गुरु नानक देव जी की प्रासंगिकता

आज के दौर में जब समाज में भेदभाव, हिंसा और स्वार्थ बढ़ रहा है, गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं और भी प्रासंगिक हो जाती हैं। उनका जीवन सिखाता है कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है और प्रेम ही सबसे बड़ी पूजा है।

शुभकामनाएं

गुरु नानक देव जी की जयंती पर हम उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लें और समाज में सेवा, समानता, और भक्ति की भावना का विस्तार करें।
"शुभ गुरु पर्व!"

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