15 अक्टूबर का इतिहास जानिए घटनाएँ जानिए आज की प्रमुख जानकरी आज के दिन विशेष

15 अक्टूबर के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ शामिल हैं जो विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं। यहाँ इस दिन की कुछ प्रमुख घटनाओं का विवरण दिया गया है औरंगजेब और बीजापुर 15th October events, history of 15th October, today in history, important events of October 15, October 15th historical events, global events on 15 October, 15 October milestones, special events 15 October, world history 15th October, events of 15 October, 15 October historical facts,

Oct 13, 2024 - 17:05
Oct 14, 2024 - 06:23
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15 अक्टूबर का इतिहास जानिए घटनाएँ जानिए आज की प्रमुख जानकरी आज के दिन विशेष

15 अक्टूबर 1686 - औरंगजेब और बीजापुर के बीच शांति समझौता
1686 में मुग़ल शासक औरंगजेब ने बीजापुर के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो मुग़ल साम्राज्य के विस्तार की एक महत्वपूर्ण घटना थी। बीजापुर दक्षिण भारत में एक प्रमुख राज्य था, जो लंबे समय तक मुग़लों के साथ संघर्ष में था। इस समझौते ने बीजापुर को मुग़ल नियंत्रण में लाने का मार्ग प्रशस्त किया और दक्षिण में मुग़ल साम्राज्य को स्थिरता प्रदान की।

15 अक्टूबर 1866 - क्यूबेक में भीषण आग
1866 में कनाडा के फ्रेंच बहुल क्षेत्र क्यूबेक में जबरदस्त आग लगी, जिससे 2500 मकान जलकर खाक हो गए। इस विनाशकारी आग ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई और हजारों लोग बेघर हो गए। क्यूबेक की यह आग उस समय की सबसे भयानक घटनाओं में से एक थी, जिसने शहर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को प्रेरित किया।

15 अक्टूबर 1923 - लीवर्ड द्वीप के उत्तर में तूफ़ान
1923 में वर्ष का पांचवा उष्णकटिबंधीय तूफ़ान लीवर्ड द्वीप के उत्तर में आया, जिससे इस क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ। उष्णकटिबंधीय तूफान आमतौर पर भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ आते हैं, जो द्वीपों में बाढ़ और संपत्ति का नुकसान करते हैं। इस तूफ़ान ने भी क्षेत्र के जनजीवन को प्रभावित किया।

15 अक्टूबर 1932 - टाटा एयरलाइन की शुरुआत
1932 में टाटा कंपनी ने टाटा सन्स लिमिटेड नामक भारत की पहली एयरलाइन की शुरुआत की। जे.आर.डी. टाटा द्वारा संचालित यह एयरलाइन एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने भारत में हवाई यात्रा के युग की शुरुआत की। टाटा एयरलाइन, जो बाद में एयर इंडिया बनी, ने भारतीय विमानन उद्योग के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

15 अक्टूबर 1935 - टाटा एयरलाइन की पहली उड़ान
1935 में टाटा एयरलाइन की पहली व्यावसायिक उड़ान शुरू हुई, जो भारतीय विमानन के इतिहास में एक मील का पत्थर था। यह उड़ान कराची से मुंबई के बीच हुई थी और इसका संचालन जे.आर.डी. टाटा ने स्वयं किया। यह एयरलाइन आगे चलकर राष्ट्रीय एयरलाइन "एयर इंडिया" के रूप में स्थापित हुई।

15 अक्टूबर 1949 - त्रिपुरा का भारत में विलय
1949 में त्रिपुरा राज्य भारत में सम्मिलित किया गया। स्वतंत्रता के बाद त्रिपुरा की राजनीतिक स्थिति को लेकर कई चर्चाएं थीं, लेकिन इस दिन त्रिपुरा आधिकारिक रूप से भारतीय गणराज्य का हिस्सा बना। यह भारत की अखंडता और एकता के लिए महत्वपूर्ण कदम था।

15 अक्टूबर 1958 - ट्यूनीशिया और मिस्र के बीच राजनयिक संबंध समाप्त
1958 में ट्यूनीशिया ने मिस्र के साथ अपने राजनयिक संबंध समाप्त कर लिए। यह निर्णय क्षेत्रीय और राजनीतिक कारणों से लिया गया था, क्योंकि उस समय दोनों देशों के बीच मतभेद उभर रहे थे। यह घटना उत्तरी अफ्रीका में राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाती है।

15 अक्टूबर 1970 - अनवर सादात मिस्त्र के राष्ट्रपति बने
1970 में अनवर सादात मिस्त्र के राष्ट्रपति चुने गए। वह मिस्त्र के दूसरे राष्ट्रपति बने और उनके शासनकाल में मिस्त्र ने कई प्रमुख राजनीतिक और आर्थिक सुधार देखे। उनकी सबसे प्रमुख उपलब्धि 1979 में इज़राइल के साथ शांति समझौता थी, जिसने मिस्त्र की विदेश नीति में बदलाव लाया।

15 अक्टूबर 1978 - सोवियत संघ का परमाणु परीक्षण
1978 में सोवियत संघ ने पूर्वी कजाखस्तान में एक परमाणु परीक्षण किया। यह परीक्षण सोवियत संघ के परमाणु शक्ति के रूप में विकास और वैश्विक स्तर पर सामरिक शक्ति के प्रदर्शन का हिस्सा था। इसने शीत युद्ध के समय में हथियारों की होड़ को और अधिक गहरा किया।

15 अक्टूबर 1990 - मिखाइल गोर्बाचेव को नोबेल शांति पुरस्कार
1990 में सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार शीत युद्ध की समाप्ति में उनके महत्वपूर्ण योगदान और सोवियत संघ में राजनीतिक सुधारों के लिए सम्मानित किया गया। गोर्बाचेव की नीतियों ने यूरोप और दुनिया भर में शांति की दिशा में नया मार्ग प्रशस्त किया।

15 अक्टूबर 1996 - फिजी व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि की पुष्टि करने वाला पहला देश
1996 में फिजी ने व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) की पुष्टि की, जो इसे इस संधि की पुष्टि करने वाला पहला देश बना। इस संधि का उद्देश्य परमाणु हथियारों के परीक्षणों को रोकना था, और फिजी का समर्थन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।

15 अक्टूबर 1997 - अरुंधति राय को बुकर पुरस्कार
1997 में भारतीय लेखिका अरुंधति राय को उनके उपन्यास 'द गॉड ऑफ स्माल थिंग्स' के लिए प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास केरल के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक ताने-बाने पर आधारित था और इसे वैश्विक स्तर पर सराहा गया।

15 अक्टूबर 1998 - फातिमा बी को संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार
1998 में भारत की फातिमा बी को गरीबी उन्मूलन के लिए उनके प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार समाज के कमजोर वर्गों की सेवा और उनके उत्थान के प्रति उनके समर्पण को मान्यता देता है।

15 अक्टूबर 1999 - चीन का प्रक्षेपास्त्र परीक्षण
1999 में चीन ने 12 हजार किलोमीटर तक मार करने वाले 'डी.एफ.-41 आईसीबीएम' प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया। यह चीन की सैन्य क्षमता और परमाणु शक्ति को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस परीक्षण ने वैश्विक सैन्य और सामरिक संतुलन पर प्रभाव डाला।

15 अक्टूबर 2006 - संयुक्त राष्ट्र का उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध
2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाए। यह निर्णय उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षणों और हथियार कार्यक्रमों के चलते लिया गया, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा माने गए। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य उत्तर कोरिया को अपने परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए मजबूर करना था।

15 अक्टूबर 2007 - अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
2007 में अमेरिका के तीन अर्थशास्त्रियों- लियोनिड हरविक्ज, एरिक मस्किन, और रोजर मायरसन को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनका काम बाजारों में अस्थिरता और संसाधनों के वितरण के अध्ययन पर केंद्रित था।

15 अक्टूबर 2008 - अरविंद अडिग को बुकर पुरस्कार
2008 में भारतीय लेखक अरविंद अडिग को उनके उपन्यास 'द व्हाइट टाइगर' के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस उपन्यास ने भारतीय समाज की विषमताओं, गरीबी, और भ्रष्टाचार को बेबाकी से उजागर किया और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहा गया।

15 अक्टूबर 2012 - हिलेरी मेंटल को मैन बुकर पुरस्कार
2012 में ब्रिटिश लेखिका हिलेरी मेंटल को उनके उपन्यास “ब्रिंग अप द बडीज़” के लिए मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित था और इसे समकालीन साहित्य का उत्कृष्ट उदाहरण माना गया। यह उनकी दूसरी बुकर पुरस्कार विजेता कृति थी।

15 अक्टूबर 2013 - फिलीपीन्स में भूकंप
2013 में फिलीपीन्स में 7.2 तीव्रता के भूकंप ने 215 से अधिक लोगों की जान ले ली। यह भूकंप बोहोल द्वीप के पास आया, जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ। इस विनाशकारी घटना ने देश को गंभीर मानवीय संकट में डाल दिया, और राहत कार्यों की तत्काल आवश्यकता उत्पन्न हुई।

कृपानाथ मल्लाह (1973)
कृपानाथ मल्लाह भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो असम के करीमगंज निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के सदस्य हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हैं और क्षेत्र के विकास और लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहे हैं। कृपानाथ मल्लाह विशेष रूप से सामाजिक न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रयासरत हैं। अपने लोकसभा कार्यकाल के दौरान, उन्होंने असम के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए कई योजनाओं को आगे बढ़ाया है।

मागुण्टा श्रीनिवासुलु रेड्डी (1953)
मागुण्टा श्रीनिवासुलु रेड्डी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो आंध्र प्रदेश के नेल्लोर से लोकसभा सांसद हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और 17वीं लोकसभा में जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। रेड्डी ने अपने क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है। उन्होंने शिक्षा, कृषि, और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है और क्षेत्र में जल संसाधनों और सिंचाई परियोजनाओं के सुधार के लिए भी कार्य किया है।

महेंद्र नाथ पांडेय (1948)
महेंद्र नाथ पांडेय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद रहे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में शिक्षा, कृषि, और उद्योग के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। महेंद्र नाथ पांडेय केंद्र सरकार में कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं, जिसमें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का नेतृत्व शामिल है। वे भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख भी रह चुके हैं और राज्य की राजनीति में उनका प्रभाव व्यापक है।

मदन सिंह चौहान (1947)
मदन सिंह चौहान छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक गायक और संगीतज्ञ हैं। उनकी आवाज़ और संगीत शैली ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध किया है। वे विशेष रूप से छत्तीसगढ़ी लोकगीतों और संगीत पर आधारित हैं और उन्हें स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने और प्रचारित करने के लिए जाना जाता है। चौहान का संगीत छत्तीसगढ़ की जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है और उनके लोकगीतों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपराओं की झलक मिलती है।

अब्दुल कलाम (1931)
अब्दुल कलाम, जिन्हें 'मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है, भारत के 11वें राष्ट्रपति थे और एक महान वैज्ञानिक और शिक्षक भी। उनका जन्म 1931 में रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और रक्षा कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके नेतृत्व में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। वे सरल और विनम्र जीवन जीने के लिए प्रसिद्ध थे। 2015 में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी प्रेरणादायक उपस्थिति आज भी जीवित है।

मदन लाल खुराना (1936)
मदन लाल खुराना भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री थे। उनका जन्म 1936 में हुआ और वे लंबे समय तक भाजपा के महत्वपूर्ण सदस्य रहे। खुराना ने दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्हें एक कुशल प्रशासक माना जाता था। दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने बुनियादी ढांचे, परिवहन और स्वच्छता में सुधार के लिए काम किया। इसके अलावा, उन्होंने पार्टी की संगठनात्मक क्षमताओं को भी मजबूत किया और भाजपा को दिल्ली में प्रमुख राजनीतिक शक्ति बनाने में मदद की।

मीरा नायर (1957)
मीरा नायर एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक हैं, जिनका जन्म 1957 में हुआ। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई है और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। उनकी फिल्मों में 'सलाम बॉम्बे!', 'मॉनसून वेडिंग', और 'द नेमसेक' जैसी कृतियाँ शामिल हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। नायर की फिल्में अक्सर भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं, प्रवासियों के जीवन, और मानवीय संवेदनाओं को चित्रित करती हैं। उनके काम को क्रांतिकारी और प्रभावशाली माना जाता है।

मुख़्तार अब्बास नक़वी (1957)
मुख्तार अब्बास नक़वी भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व किया है। वे 17वीं लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रहे हैं और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। नक़वी का राजनीतिक करियर तीन दशकों से अधिक का है, और वे भारतीय राजनीति में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और कल्याण के मुद्दों पर मुखर रहे हैं। उन्होंने पार्टी और सरकार में अपनी नीतिगत दृष्टिकोण और रणनीतिक समझ के लिए पहचान बनाई है।

रमन सिंह (1952)
रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता और छत्तीसगढ़ के दूसरे मुख्यमंत्री हैं। उनका जन्म 1952 में हुआ और उन्होंने छत्तीसगढ़ को विकास और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए उल्लेखनीय काम किया। मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, राज्य में कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में कई सुधार किए गए। वे लंबे समय तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे और उनकी नीतियों ने राज्य के समग्र विकास को प्रभावित किया। रमन सिंह की छवि एक सशक्त और जनहितैषी नेता की रही है।

फ़ैज़ी (1595)
फ़ैज़ी अकबर के दरबार के एक प्रसिद्ध फ़ारसी कवि और विद्वान थे। उनका पूरा नाम अबुल फ़ैज़ फ़ैज़ी था। वे अकबर के नवरत्नों में से एक थे और उनके भाई अबुल फ़ज़ल भी अकबर के दरबारी और सलाहकार थे। फ़ैज़ी की काव्य रचनाएँ फ़ारसी साहित्य में उच्च स्थान रखती हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण ग्रंथों का अनुवाद भी किया, जिसमें संस्कृत से फ़ारसी में 'लीलावती' नामक गणितीय पुस्तक का अनुवाद प्रमुख है। फ़ैज़ी की साहित्यिक और बौद्धिक सेवाओं ने उन्हें मुग़ल साम्राज्य के सांस्कृतिक विकास में एक प्रमुख योगदानकर्ता बनाया।

साईं बाबा (1918)
साईं बाबा शिरडी के संत थे, जिनका जीवन मानवता और भक्ति की मिसाल है। उन्होंने जीवनभर मानवता की सेवा की और धर्म, जाति या संप्रदाय के भेदभाव से ऊपर उठकर प्रेम और करुणा का संदेश दिया। साईं बाबा के चमत्कारों और उपदेशों ने लाखों भक्तों को आकर्षित किया, और आज भी वे श्रद्धा और सबूरी (धैर्य) के प्रतीक माने जाते हैं। शिरडी में उनका समाधि स्थल आज भी भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। साईं बाबा ने अपने जीवन में सरलता और सेवा को महत्व दिया और सभी को निःस्वार्थ प्रेम की सीख दी।

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (1961)
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' हिंदी साहित्य के एक महान कवि, उपन्यासकार, निबंधकार और कहानीकार थे। वे हिंदी की छायावादी काव्य धारा के प्रमुख कवियों में से एक थे और उनकी रचनाएँ सामाजिक और मानवीय संवेदनाओं की गहरी अभिव्यक्ति करती हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में "राम की शक्ति पूजा" और "तुलसीदास" शामिल हैं। निराला ने हिंदी कविता को एक नया आयाम दिया और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज की समस्याओं को उकेरा। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने अपनी साहित्यिक प्रतिभा के द्वारा हिंदी साहित्य में अमर स्थान प्राप्त किया।

देवी प्रसाद राय चौधरी (1975)
देवी प्रसाद राय चौधरी एक प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार और मूर्तिकार थे, जिन्हें भारतीय कला और मूर्तिकला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कला में नवाचार और भारतीय संस्कृति को नई दृष्टि से प्रस्तुत किया। देवी प्रसाद राय चौधरी को 1958 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियाँ और चित्रकला कृतियाँ भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा मानी जाती हैं। वे भारतीय कला जगत के एक महत्वपूर्ण स्तंभ थे, जिन्होंने भारतीय मूर्तिकला को नई पहचान दिलाई।

दुर्गा भाभी (1999)
दुर्गा भाभी का असली नाम दुर्गावती देवी था, और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी थीं। वे भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों की सहयोगी थीं और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। दुर्गा भाभी ने कई साहसिक अभियानों में हिस्सा लिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में गिनी जाती हैं और उनके बलिदान और साहस की कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है।

नोरोदम शिनौक (2012)
नोरोदम शिनौक कंबोडिया के पूर्व राजा थे और उन्होंने देश के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कंबोडिया को उपनिवेशवाद से मुक्त कराने में बड़ी भूमिका निभाई और कंबोडिया के सामाजिक और राजनीतिक संरचना को स्थिर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे कई बार कंबोडिया के राजा और प्रधानमंत्री रहे। शिनौक ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन वे हमेशा अपने देश के कल्याण के प्रति समर्पित रहे। उनकी मृत्यु 2012 में हुई, लेकिन कंबोडिया के लोगों के दिलों में वे आज भी जीवित हैं।

भानु अथैया (2020)
भानु अथैया भारतीय सिनेमा की मशहूर ड्रेस डिज़ाइनर थीं और उन्हें भारत की पहली ऑस्कर विजेता होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने 1982 में फिल्म 'गांधी' के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का ऑस्कर पुरस्कार जीता। अपने करियर में भानु अथैया ने भारतीय सिनेमा के कई दिग्गज निर्देशकों के साथ काम किया और फिल्म जगत में कॉस्ट्यूम डिज़ाइन को एक नई पहचान दिलाई। उन्होंने 'लगान', 'लगान', और 'स्वदेश' जैसी फिल्मों में भी काम किया। उनका योगदान भारतीय सिनेमा के विकास में अमूल्य है।

अक्किथम अछूथन नंबूथिरी (2020)
अक्किथम अछूथन नंबूथिरी मलयालम भाषा के महान कवि थे। उन्होंने मलयालम साहित्य को कई उत्कृष्ट काव्य रचनाएँ दीं और उन्हें साहित्य के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुआ। उनकी रचनाएँ सामाजिक न्याय, मानवीय मूल्यों और जीवन की गहराईयों को व्यक्त करती हैं। अक्किथम को 2019 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी कविताएँ परंपरागत भारतीय मूल्यों और आधुनिक विचारधारा का अद्वितीय संगम थीं। उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें मलयालम साहित्य में एक महान स्थान प्राप्त है।

ओ. पी. शर्मा (2022)
ओ. पी. शर्मा भारत के प्रसिद्ध जादूगर थे, जिन्हें भारत में जादू की कला को लोकप्रिय बनाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई दशकों तक जादू का प्रदर्शन किया और अपने अद्भुत जादुई शो के माध्यम से देश और दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई। ओ. पी. शर्मा ने जादू की प्राचीन और आधुनिक तकनीकों को मिलाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वे न केवल एक महान कलाकार थे, बल्कि उन्होंने जादू को एक सांस्कृतिक और मनोरंजन कला के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विश्व छड़ी दिवस
विश्व छड़ी दिवस हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन नेत्रहीनों और दृष्टिहीन लोगों की मदद करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। सफेद छड़ी को नेत्रहीन लोगों की स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है, और यह उनके जीवन में आत्मनिर्भरता का संदेश देता है। इस दिन का उद्देश्य नेत्रहीन लोगों के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके अधिकारों और स्वाभिमान को सुनिश्चित करना है। विश्व छड़ी दिवस के माध्यम से दृष्टिहीन लोगों की चुनौतियों और उनकी सहायता के लिए समाज की भूमिका को उजागर किया जाता है।

विश्व ग्रामीण महिला दिवस
विश्व ग्रामीण महिला दिवस 15 अक्टूबर को मनाया जाता है और यह ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने के लिए समर्पित है। यह दिन उन महिलाओं को समर्पित है जो कृषि, पर्यावरण संरक्षण, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। इस दिन का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के अधिकारों, उनकी आर्थिक सुरक्षा और उनके जीवन में सुधार के लिए जागरूकता फैलाना है। ग्रामीण महिलाएँ अक्सर समाज की रीढ़ होती हैं, और यह दिन उनके योगदान की सराहना करता है।

विश्व डाक दिवस (सप्ताह)
विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है, लेकिन इसका सप्ताह 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है। यह दिन डाक सेवाओं के महत्व को रेखांकित करता है और डाक क्षेत्र के कर्मचारियों की सराहना करता है। डाक सेवा ने दुनिया को जोड़ने में और सूचना, संचार और वस्तुओं के आदान-प्रदान में अहम भूमिका निभाई है। इस सप्ताह के दौरान, डाक सेवाओं के महत्व और उनके आधुनिक रूपों पर चर्चा की जाती है और उनके विकास को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है।

राष्ट्रीय विधिक सहायता दिवस (सप्ताह)
राष्ट्रीय विधिक सहायता दिवस (सप्ताह) 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज के वंचित और गरीब वर्गों को न्याय तक पहुँचाने के लिए जागरूकता फैलाना है। यह दिन भारतीय संविधान के तहत सभी नागरिकों के लिए न्याय तक समान पहुँच सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित करता है। विधिक सहायता के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को न्याय प्राप्ति में मदद की जाती है। इस दिन विधिक सेवाओं की जानकारी और उनके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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