बेटी की सहेली के इश्क में पगलाए एक बुजुर्ग की कहानी थी

It was the story of an old man who fell madly in love with his daughter friend, बेटी की सहेली के इश्क में पगलाए एक बुजुर्ग की कहानी थी

बेटी की सहेली के इश्क में पगलाए एक बुजुर्ग की कहानी थी

बेटी की सहेली के इश्क में पगलाए एक बुजुर्ग की कहानी थी निशब्द।

उसका दिल कहता है कि ये गलत है। उसका दिमाग कहता है कि ये गलत है। लेकिन उसकी भावनाएं उसके काबू से बाहर हैं। 2 मार्च 2007 को रिलीज़ हुई थी अमिताभ बच्चन के करियर की सबसे कंट्रोवर्शियल फिल्म निशब्द। यानि आज इस फिल्म के 17 साल पूरे हो गए। भले ही निशब्द बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित रही हो। लेकिन फिर भी ये फिल्म हमेशा याद की जाएगी। जिया खान की डेब्यू फिल्म के तौर पर भी और बच्चन साहब की सबसे कंट्रोवर्शियल फिल्म के तौर पर भी। रामगोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित ये फिल्म बड़ी चर्चाओं में थी। विषय ही कुछ ऐसा था फिल्म का। बच्चन साहब अपनी बेटी की उम्र की लड़की के इश्क में गिरफ्तार हो जाते हैं। और एक महानायक को ऐसा करते देखना हमारे यहां भला किसे हजम होगा जी।

चलिए, इस फिल्म से जुड़ी कुछ कहानियां जानते हैं। इस फिल्म की शूटिंग के पहले दिन ही अमिताभ बच्चन जी के मेकअप मैन ने उनसे कहा था कि सर, आपने ये फिल्म साइन करके बहुत बड़ी गलती कर दी है। यहां तक की जया बच्चन भी अमित जी के इस किरदार को लेकर बहुत टेंशन में थी। मगर अमित जी इसे एक कलाकार की नज़र से देख रहे थे। इसलिए उन्हें इस बात की फिक्र नहीं हो रही थी कि कोई उनके बारे में क्या कह रहा है। एक इंटरव्यू में रामगोपाल वर्मा ने कहा था कि ना तो उन्हें और ना ही कभी बच्चन साहब को इस फिल्म को लेकर कोई अफसोस रहा।

इस फिल्म को लेकर एक बड़ी कन्फ्यूज़न बच्चन साहब के फैंस के बीच में ये रही है कि बच्चन साहब तो एक टीवी इंटरव्यू में कह चुके ह। कि ये फिल्म व्लादिमीर नबोकोव के नोवेल लोलिता पर आधारित नहीं है। जबकी इंडियन एक्सप्रेस पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा ने इस फिल्म को लोलिता नोवेल से प्रेरित ही बताया था। तो हो सकता है उस वक्त बच्चन साहब थोड़ा डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हों। क्योंकि इस फिल्म के बाद उनके होमटाउन प्रयागराज में उनके खिलाफ काफी विरोध-प्रदर्शन हुए थे। लोगों को ये बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही थी कि बच्चन साहब किसी फिल्म में 18 साल की लड़की से रोमांस करते दिखें।

ये फिल्म जब रिलीज़ हुई थी तब फिल्म क्रिटिक्स ने जिया खान और बच्चन साहब के अभिनय की तो सराहना की थी। लेकिन फिल्म के स्क्रीनप्ले को एकदम खराब बताया था। एक क्रिटिक ने तो यहां तक कह दिया था कि रामगोपाल वर्मा ने इतना खराब स्क्रीनप्ले लिखा कि इसे पूरा शूट करने में उन्हें एक महीना भी नहीं लगा। वैसे ये बात तो सही भी है कि केरल के मुन्नार में इस फिल्म की शूटिंग को मात्र 20 दिनों में ही कंप्लीट कर लिया गया था। जिया खान को इस रोल के लिए फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू का नॉमिनेशनल मिला था।

इस फिल्म में आफताब शिवदसानी भी थे। और ये पहला मौका था जब आफताब शिवदसानी ने अमिताभ बच्चन के साथ किसी फिल्म में एक्टिंग की हो। वैसे, इसके बाद अभी तक किसी और फिल्म में आफताब ने बच्चन साहब के साथ काम नहीं किया है। जबकी फिल्म शहंशाह और इंसानियत में आफताब बच्चन साहब के बचपन का किरदार निभा चुके हैं। निशब्द में बच्चन साहब की बेटी का रोल निभाया था एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या ने। ये श्रद्धा आर्या की पहली हिंदी फिल्म थी। वैसे, श्रद्धा ने बहुत अधिक हिंदी फिल्मों में काम नहीं किया है। निशब्द के बाद उन्होंने 2010 की पाठसाला में काम किया था। और फिर पिछले साल यानि 2023 में आई रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में इन्होंने एक कैमियो किया था। श्रद्धा ने टीवी पर काफी काम किया है। जबकी साउथ की भी कई बड़ी फिल्मों में वो नज़र आ चुकी हैं।

तो साथियों, इस अनोखी फिल्म के बारे में आप भी अपने विचार अवश्य रखिएगा, अगर आपने ये देखी हो तो। हम तो इसे झेल ही नहीं पाए थे। और इत्तेफाक देखिए, आज तक कभी दोबारा देखने की कोशिश नहीं की। लेकिन अभी सोचता हूं कि किसी दिन वक्त मिला तो एक दफा तो पूरी देख ही लूं। #nishabd2007 #nishabdmovie #AmitabhBachchan #jiahkhan #Nishabd #RamGopalVarma