किरायेदार के रूप में मेरा एक अनुभव काफी चुनौतीपूर्ण रहा है, जिसे मैं साझा करना चाहूंगा।

दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र में, मैं एक किराए के मकान में रहता था। मकान मालिक का परिवार नीचे के फ्लोर पर रहता था, जिसमें पति-पत्नी और उनका तीन साल का बेटा शामिल थे, जबकि मैं ऊपर के एक कमरे में अकेला रहता था। मेरी नौकरी मालवीय नगर में थी, जहां मेरी रात की शिफ्ट होती थी—रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक। सुबह 7 बजे घर लौटकर, हल्का नाश्ता करके मैं सो जाता था।

Apr 5, 2025 - 06:11
Apr 5, 2025 - 06:20
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किरायेदार के रूप में मेरा एक अनुभव काफी चुनौतीपूर्ण रहा है, जिसे मैं साझा करना चाहूंगा।

दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र में, मैं एक किराए के मकान में रहता था। मकान मालिक का परिवार नीचे के फ्लोर पर रहता था, जिसमें पति-पत्नी और उनका तीन साल का बेटा शामिल थे, जबकि मैं ऊपर के एक कमरे में अकेला रहता था। मेरी नौकरी मालवीय नगर में थी, जहां मेरी रात की शिफ्ट होती थी—रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक। सुबह 7 बजे घर लौटकर, हल्का नाश्ता करके मैं सो जाता था।

मकान मालिक फरीदाबाद में काम करते थे और दिनभर घर पर नहीं रहते थे। उनकी पत्नी अक्सर मेरे कमरे में आकर बातचीत करती थीं, और उनका बेटा भी मेरे पास खेलता था। समय के साथ, उनकी पत्नी मुझसे अधिक खुलकर बातें करने लगीं और मुझे अपने करीब लाने की कोशिश करने लगीं। मैंने इन संकेतों को नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन एक दिन उन्होंने मेरे कमरे में आकर जबरदस्ती करने की कोशिश की। मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानीं, जिससे मुझे उन्हें धक्का देकर कमरे से बाहर निकालना पड़ा और धमकी देनी पड़ी कि मैं उनके पति को सब कुछ बता दूंगा।

उस दिन मैं अपनी बहन के घर चला गया और वहीं से ऑफिस गया। अगले दिन, जब मैं घर लौटा, तो मकान मालिक मुझसे नाराज थे और मुझ पर उनकी पत्नी के साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुझे दो दिन के भीतर मकान खाली करने का आदेश दिया। उनकी पत्नी ने फिर से मुझसे संपर्क किया और कहा कि यदि मैं उनकी बात मान लूं, तो मुझे मकान खाली नहीं करना पड़ेगा। मैंने कोई जवाब नहीं दिया और अगले दिन चुपचाप मकान खाली कर दिया।

यह अनुभव मेरे लिए बहुत तनावपूर्ण था। इस घटना के बाद, मैंने निर्णय लिया कि भविष्य में मकान चुनते समय अधिक सतर्क रहूंगा और मकान मालिक के परिवार की गतिशीलता को समझने की कोशिश करूंगा, ताकि ऐसी परिस्थितियों से बचा जा सके।

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AGUSTYA ARORA युवा पत्रकार BJMC Tilak School of Journalism and Mass Communication C.C.S. University MEERUT