आयोजकों पर एफआइआर, बाबा का नाम नहीं
सत्संग के बाद बाबा की चरण रज लेने से मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत
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आयोजकों पर एफआइआर, बाबा का नाम नहीं
- मुख्य आयोजक देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य परिवार के साथ हो गए फरार
घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के बाद जताई साजिश की आशंका
जांच के लिए राज्यपाल ने गठित किया तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग
एसआइटी ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी, इसमें घटना के लिए सेवादारों को माना गया दोषी
80 हजार के लिए मांगी गई थी अनुमति, जुटाए गए ढाई लाख से ज्यादा श्रद्धालु
हाथरस जिला अस्पताल में हादसे में घायल मरीजों से वार्ता करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 हो गई है। इनमें से 113 की पहचान हो सकी है, आठ की शिनाख्त बाकी है। मृतकों में हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान के भी लोग शामिल हैं। 28 घायलों का उपचार चल रहा है। घटना के दूसरे दिन बुधवार को पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर समेत अन्य आयोजकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है, पर बाबा को इसमें नामित नहीं किया गया है। सभी आयोजक परिवार के साथ फरार हैं। मधुकर पंचायती राज विभाग में इंजीनियर है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और घायलों से भी मिले। उन्होंने घटना के पीछे साजिश की आशंका जताते हुए पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए। बुधवार को ही तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया गया है। इस बीच एडीजी आगरा की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी है, जिसमें घटना के लिए सेवादारों को दोषी माना गया है।
ज्ञात हो, मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के तहत एक दिवसीय प्रवचन के लिए फुलरई गांव में मंगलवार को डेढ़ सौ बीघा जमीन में आयोजन किया गया था। सत्संग के बाद बाबा का काफिला जाने को हुआ तो उसके दर्शन करने और चरण रज लेने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान मची भगदड़ में मंगलवार को ही 116 लोगों की जान चली गई थी। हादसे के दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम हाउस में अपनों की तलाश में पहुंचे लोगों की चीखें गूंजती रहीं। मुख्यमंत्री भी बुधवार को पहुंचे। उन्होंने हाथरस जिला अस्पताल में घायलों को देखने के बाद दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया।
उन्होंने हाईवे किनारे की उस जगह को देखा, जहां लोग हादसे का शिकार हुए। आयोग दो माह में देगा रिपोर्ट: इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में गठित न्यायिक जांच आयोग में पूर्व आइएएस अधिकारी हेमन्त राव व पूर्व आइपीएस अधिकारी भवेश कुमार सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं। आयोग दो माह में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा। हादसे की होगी त्रिस्तरीय जांच हादसे की पहली जांच पुलिस करेगी। दूसरी जांच एडीजी और कमिश्नर के नेतृत्व में गठित कमेटी करेगी। तीसरी न्यायिक जांच होगी।
बाबा ने कहा-असामाजिक तत्वों ने मचाई भगदड़
हादसे के बाद बाबा ने बुधवार शाम को बयान जारी किया। इसमें कहा कि मैं भगदड़ से पहले ही आयोजन स्थल से निकल गया था। कुछ असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई। उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई के लिए कदम उठाए जा रहे है। बाबा की ओर से जारी पत्र में घटना पर दुख व्यक्ति करते हुए लिखा गया है कि मरने वाले के परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना हैं। जानकारी के मुताबिक बाबा मैनपुरी में अपने एक भक्त
के यहां है। वहां पुलिस का पहरा है।
अगर हादसा भी है तो उसके पीछे कौन जिम्मेदार है। अगर घटना घटित हुई है ई है तो साजिश किसकी? कौन इसके पीछे है? यह पता करने के लिए न्यायिक जांच जरूरी है। कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है कि इस प्रकार की दुखद घटना में राजनीति ढूंढ़ते हैं। ऐसे लोगों की फितरत होती है, चोरी भी सीनाजोरी भी। - योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
यह बाबा का गैरकानूनी काम था।80 हजार लोगों के लिए अनुमति मांगी और दो लाख से ज्यादा की भीड़ इकट्ठा कर ली। एफआइआर कर बाबा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। - रेखा शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग
113 की पहचान हुई 8 मृतक अभी अज्ञात
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