सेक्स और रिलेशनशिप के विषय में संवाद समुद्र मंथन करने जैसा

र्ष शादी से पहले कन्या (उनकी होने वाली पत्नी) ने आधी रात बंधु को फोन कर के कहा के ऊन्ने "प्री वेडिंग शूट" की लोकेशन और शूट करने वाले कैमरा टीम फाइनल कर ली है। 

May 29, 2024 - 09:49
May 29, 2024 - 09:58
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सेक्स और रिलेशनशिप के विषय में  संवाद समुद्र मंथन करने जैसा

सेक्स और रिलेशनशिप के विषय में आज की पीढ़ी से संवाद करना समुद्र मंथन करने जैसा है। 
"प्री वेडिंग शूट" का ट्रेंड यानी रिवाज आज से  लगभग सात आठ साल पहले शुरू हुआ था। 

कांसेप्ट यह था की होने वाले वर वधु सगाई के बाद और शादी से पहले के समय में किसी सुनसान लोकेशन पर जाते हैं। 
उनके साथ कैमरा मैन होते हैं जो उस लोकेशन पर विभिन्न मुद्राओं में उनकी तस्वीरें खिंचते हैं और वीडियो शूट कर के उनके बीच फूट रहे प्रेम को प्रदर्शित करते हैं। 

यह ट्रेंड यानी रिवाज़ तब तक सबको बहुत सुहा रहा था जब तक फोटो या वीडियो साधारण हुआ करते थे। 

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साधारण यानी लड़का लड़की हाथों में हाथ डाले नदिया किनारे टहलते दिखाई देते थे। एक दूजे की आंखों में आखें डाल कर मुस्कुराते दिखाई देते थे। 

फिर इस साधारण से ट्रेंड को कुछ जोड़ों ने असाधारण बनाने की ठान ली। 
प्री वेडिंग शूट में एक दूजे से लिपटना ....एक दूजे को चूम लेना आदि इत्यादि होने लगा। कुल मिला कर प्री वेडिंग शूट को ........"सेक्सी" बनाने का ट्रेंड चलने लगा। 

हालांकि एक दूजे को गले लगाना या चूमने से किसी को क्या आपत्ति हो सकती है।

लेकिन आपत्ति तब होती है जब एक दूजे पर प्रेम वर्षा कर रहे जोड़ों का यह वीडियो शादी के समय मेहमानों के आगे बड़ी स्क्रीन पर चलाया जाता है। 

गत वर्ष हमारे एक युवा मित्र की सगाई हुई थी।

 इस वर्ष शादी से पहले कन्या (उनकी होने वाली पत्नी) ने आधी रात बंधु को फोन कर के कहा के ऊन्ने "प्री वेडिंग शूट" की लोकेशन और शूट करने वाले कैमरा टीम फाइनल कर ली है। 
शूटिंग राजस्थान के एक किले में की जायेगी। 

यह सुन के बंधु बिगड़ गया। 
ऊन्ने कहा मैडम मुझसे यो प्री वेडिंग शूट वाला चोंचला ना हो पायेगा। 

बंधु के मना करने पर दोनों में आधी रात लट्ठ बज गया। मने भयंकर लट्ठ बज गया।  

क्या है ना .....आदमी औरत को लड़ने के लिये सारी उम्र मिलती है। परंतु सगाई और शादी के बीच के समय लट्ठ बज जाना .....अच्छी बात नहीं है। 

खैर .....मैं अगले दिन बंधु से मिला। इस विषय पर थोड़ी बहुत बात हुई। 
मैंने भी उसे कहा के भाई ....होने वाली लुगाई है। जिद ना कर । एक आध दिन घूम फिर आ। फोटू खिंचवा ले....वीडियो बनवा ले। 
कन्या भी खुश ....तू भी खुश..... सब खुश.....दिक्कत क्या है? 

लडके ने जो जवाब दिया...... कसम से मेरी बोलती बंद हो गई। 

बोला...... "भाईसाहब * और मैं एक दूसरे को हग करते हैं या किस करते हैं या फिर एक दूसरे के साथ किसी लोकेशन पर कुछ टाईम बिताते हैं.....ठीक है। कोई दिक्कत ना है।   लेकिन हम दोनों के बीच जो हो रहा है .....वह पर्सनल है। मेरे और मेरी होने वाली पत्नी के बीच जो हो रहा है .....वह पर्सनल है। 
जो पर्सनल है उसे कैमरामैन शूट करेगा और शादी के दिन सारी दुनिया देखेगी?

भाई। लडके का जवाब और तमतमाया हुआ चेहरा देख अपनी तो बोलती बंद हो गई। 

बंधु ने कहा..... " मैं * को बाहों में लेता हूं और उसे बाहों में लेते हुऐ मुझे कैमरा मैन देख रहा है......? यही सब करना है तो सीधा बेडरूम में सीसीटीवी कैमरा लगवा दो ना?" 

मैं तो उसी दिन समझ गया था के लडके की अपनी प्राथमिकता हैं और यो ना झुकेगा। 

कन्या ( जो अब हमारी परम आदरणीय भाभी जी हैं) ......ने पूरा जोर लगा लिया। 
बातचीत बंद हो गई। तलवारें खींच गई। मान मुन्नव्वल हेतु वर और वधू पक्ष तो मध्यस्थता करनी पड़ी। 

लेकिन भाई ना माना। सांड के माफिक बीच सड़क खड़ा हो गया। बोला नहीं होगा तो...... नहीं होगा......। 

खैर .......ब्याह हुआ.....पूरे धूमधाम से हुआ। ब्याह में खूब फोटो खींची गई। 

लेकिन प्री वेडिंग शूट के नाम पर चल रहे ट्रेंड को भाई ने अपने ब्याह से ऐसे फेंक दिया जैसे कोई दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देता है। 

कुल मिला कर बंधु की बात काबिले गौर थी। 

कुछ बातें कुछ लम्हें .......कुछ तस्वीरें ......पर्सनल होती हैं। व्यक्तिगत जीवन का एक अटूट हिस्सा होती हैं। 

इस दौर में सबकी अपनी पसंद ......नापसंद है। सार्वजनिक कार्यक्रम में व्यक्तिगत तस्वीरों का प्रदर्शन कहां तक सही है इस विषय पर  विचार होना चाहिये।
नोट :- कोई अन्यथा न ले ये मेरी निजी विचार है 

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