बिहार जमीन सर्वे को लेकर रैयतों की बल्ले- बल्ले, नीतीश सरकार ने समय सीमा को दिसंबर 2026 तक बढ़ाया

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे को लेकर सरकार की ओर से बड़ा अपडेट आया है। सरकार ने सर्वे की तारीख को बढ़ा दिया है। इससे उन रैयतों और किसानों को काफी फायदा होगा, जिन्होंने अभी तक अपने कागज जमा नहीं किए हैं। साथ ही उन्हें भी फायदा होगा, जो अपनी जमीन का कागज अभी भी जुटा रहे हैं। सरकार ने सर्वे की तारीफ को 2026 के दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

Mar 12, 2025 - 19:19
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बिहार जमीन सर्वे को लेकर रैयतों की बल्ले- बल्ले, नीतीश सरकार ने समय सीमा को दिसंबर 2026 तक बढ़ाया
पटना: बिहार सरकार ने लोगों को होने वाली असुविधाओं को कम करने के लिए चल रहे राज्यव्यापी भूमि सर्वेक्षण को पूरा करने की समय सीमा जुलाई 2026 से बढ़ाकर दिसंबर 2026 कर दी है। राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बुधवार को विधानसभा में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लिए 1,955.98 करोड़ रुपये के बजट प्रस्तावों पर चर्चा के समापन के दौरान यह घोषणा की। अगले वित्त वर्ष के लिए विभाग का बजट विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

विभागीय मंत्री का बयान

मंत्री ने कहा कि विभाग ने राज्य भर में भूमि के सर्वेक्षण और बंदोबस्ती के चल रहे कार्य को पूरा करने के लिए जुलाई 2026 की समय सीमा को पांच महीने बढ़ाने का फैसला किया है। अब यह अभ्यास दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा। यह निर्णय ये सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े और इस अभ्यास में पारदर्शिता भी बनी रहे। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस कार्य का उद्देश्य वास्तविक लोगों को डिजिटल भूमि अभिलेख उपलब्ध कराना है, ताकि विवादों को हमेशा के लिए समाप्त किया जा सके।

भूमि की स्पष्ट जानकारी

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस अभ्यास से सरकार को राज्य भर में फैली अपनी भूमि के बारे में भी स्पष्ट जानकारी मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को भूमिहीनों को देने के लिए तथा कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भी भूमि की आवश्यकता है। मंत्री ने आगे कहा कि भूस्वामियों के लिए अपनी स्वामित्व वाली भूमि संपत्ति से संबंधित स्व-घोषणा दस्तावेज अपलोड करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2025 है।

सर्वर को लेकर बयान

उन्होंने कहा कि सर्वर में कुछ तकनीकी गड़बड़ियां थीं... विभाग यह तय करेगा कि स्व-घोषणा दस्तावेज अपलोड करने की 31 मार्च, 2025 की समय सीमा बढ़ाई जाए या नहीं। उधर, राज्य सरकार द्वारा भूमिहीन लोगों को भूमि वितरण में कथित देरी को लेकर विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भूमि सर्वेक्षण लंबे समय से नीतीश कुमार सरकार के एजेंडे में रहा है, क्योंकि भूमि विवाद राज्य में कानून-व्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। राज्य सरकार राज्य में भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए विशेष भूमि सर्वेक्षण कर रही है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,