आजादी के जश्न के बाद तिरंगे को सुरक्षित फोल्ड करना अनिवार्य, ग्राफिक से समझें तरीका

How to fold Indian flag: आजादी के जश्न के बाद भारतीय तिरंगे को उसी तरह से फोल्ड करके सुरक्षित रखना भी जरूरी है जितने सम्मान के साथ उसे फहराते हैं. फ्लैग कोड में इसे फोल्ड करने का तरीका भी बताया गया है. जानिए, तिरंगे को कैसे फोल्ड करें.

Aug 15, 2025 - 18:38
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आजादी के जश्न के बाद तिरंगे को सुरक्षित फोल्ड करना अनिवार्य, ग्राफिक से समझें तरीका
आजादी के जश्न के बाद तिरंगे को सुरक्षित फोल्ड करना अनिवार्य, ग्राफिक से समझें तरीका

How to Fold Indian Flag: भारत का तिरंगा सिर्फ झंडाभर नहीं है. यह देश की आत्मा, एकता और बलिदान का प्रतीक है. 22 जुलाई, 1947 को इसे देश के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया गया और 15 अगस्त, 1947 को लालकिले पर पहली बार फहराया गया. आज देशवासी इसे गर्व से फहरा रहे हैं, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के सेलिब्रेशन के बाद तिरंगे को उसी गरिमा और सम्मान से वापस सहेजकर रखा जाना चाहिए जितना सम्मान आजादी के जश्न के दौरान दिया जाता है.

फ्लैग कोड कहता है कि झंडे को कभी ऐसी जगह पर न रखें जहां वो गंदा हो या कटने-फटने का डर हो. अगर तिरंगा किसी भी तरह से डैमेज हो जाता है तो उसे कपड़ों की तरह नहीं फेंका जा सकता. इस तरह झंडे को सुरक्षित रखने का तरीका भी तय किया गया है.

क्या है तिरंगे को फोल्ड करने का सही तरीका?

तिरंगे को फोल्ड करने का भी अपना एक तरीका है. फ्लैग कोड में इसे फोल्ड को करने का सही तरीका बताया गया है. इसे फोल्ड करने के लिए हॉरिजॉन्टल (क्षैतिज) रूप में रखे. अब केसरिया और हरे रंग की पट्टियों को सफेद रंग के पीछे की तरफ मोड़ें. अब सफेद पट्टी को इस तरह मोड़ना होगा कि केवल अशोक चक्र ही दिखाई दे. केसरिया और हरे रंग की पट्टियों के कुछ हिस्से दिखाई दें. अब मुड़े हुए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को हाथों या हथेलियों में लेकर सुरक्षित स्थान पर रखना होगा.

यह है तरीका

तिरंगे का अपमान दंडनीय अपराध

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर करना न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के अंतर्गत यह एक दंडनीय अपराध भी है.कानून कहता है, कोई भी किसी सार्वजनिक स्थान पर या सार्वजनिक तौर पर किसी स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को जलाता है, विकृत करता है या अपवित्र करता है, नष्ट करता है, रौंदता है या मौखिक या लिखित शब्दों द्वारा या कृत्यों द्वारा अपमानित करता है तो उसे तीन साल तक के कारावास या जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जाएगा.

फ्लैग कोड कहता है, कोई भी नागरिक, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान ध्वज फहरा सकता है.बशर्ते कि यह सम्मानपूर्वक किया जाए.जुलाई 2022 में हुए एक संशोधन के कारण, अब ध्वज को दिन और रात दोनों समय फहराया जा सकता है. बशर्ते वह खुले में हो और अगर अंधेरा हो तो उस पर पर्याप्त रोशनी हो. इससे पहले, राष्ट्रीय ध्वज केवल सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता था.

राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान की स्थिति में रखा जाना चाहिए. यह उच्चतम बिंदु होना चाहिए और प्रमुखता से दिखाई देना चाहिए. कभी भी क्षतिग्रस्त, गंदे या अस्त-व्यस्त झंडे को न फहराएं. अगर वह फटा गया है या क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसे सम्मानपूर्वक वापस रख देना चाहिए.

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