सिद्दपीठ मां शाकुम्भरी देवी में अनन्त चतुर्दशी के दिन उमड़ा लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब
मां शाकंभरी देवी के 51 सिद्धपीठों में से एक सिद्धपीठ, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद से 45 किमी दूर शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। अनन्त चतुर्दशी के दिन यहां के श्रद्धालु अपने घरों से झंडे और अखंड ज्योत लेकर मां शाकंभरी देवी के दर्शन के लिए यात्रा करते हैं।
बेहट, सहारनपुर- मां शाकंभरी देवी के 51 सिद्धपीठों में से एक सिद्धपीठ, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद से 45 किमी दूर शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। अनन्त चतुर्दशी के दिन यहां के श्रद्धालु अपने घरों से झंडे और अखंड ज्योत लेकर मां शाकंभरी देवी के दर्शन के लिए यात्रा करते हैं। मां शाकंभरी देवी के भक्त अपनी करुणामयी माता से मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं और झंडा व अखंड ज्योत लेकर उनके दरबार में पहुंचते हैं। पुलिस सुरक्षा के साथ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालु डीजे पर भजन गाते-नाचते आते हैं और मां के भवन में प्रसाद चढ़ाते हैं। यह मेला झंडा मेले के नाम से भी प्रसिद्ध है और मां शाकंभरी देवी के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड के गांवों व शहरों से मां शाकंभरी देवी के भक्त हाथ में झंडे व अखंड ज्योत लेकर माता के जयकारे लगाते व डीजे पर बज रहे माता के भजनों की धुनों पर नाचते-गाते सिद्धपीठ मां शाकंभरी के दर्शनों को मां के दरबार में पहुंच रहे हैं। इस पदयात्रा को लेकर मान्यता है कि मां शाकंभरी देवी से मांगी गई मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धालु माता के दर्शनों को पैदल चलकर आते हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालु सुंदर सुंदर झांकियां सजाकर लाते हैं। जो लोगों का मन मोह रहीं हैं।
अनन्त चतुर्दशी को श्रद्धालुओं द्वारा मां शाकंभरी देवी को झंडा अर्पण किया जाता है ओर हैं। अपने घर से जो अखंड ज्योत लेकर आते हैं उसका समापन किया जाता है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही है।आपको बता दे की झंडा मेले के समय शाकुंभरी देवी के स्थानीय लोग अपनी क्षमता अनुसार भंडारा जैसी कार्यक्रम मेडिकल सुविधा यात्रियों के लिए बड़े ही श्रद्धा भाव से उपलब्ध कराते हैं यहां के स्थानीय निवासी इस यात्रा बड़े भागीदार व्यक्ति कहे जाते हैं हर साल मेले के समय यहां के निवासी सेवा भाव से निरंतर श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर रहते हैं
आपको बता दे की झंडा मेले के समय शाकुंभरी देवी के स्थानीय लोग अपनी क्षमता अनुसार भंडारा जैसे कार्यक्रम, मेडिकल की सुविधा आदि यात्रियों के लिए बड़े ही श्रद्धा भाव से उपलब्ध कराते हैं यहां के स्थानीय निवासी इस यात्रा के बड़े भागीदार व्यक्ति कहे जाते हैं हर साल मेले के समय यहां के निवासी सेवा भाव से निरंतर श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर रहते हैं।
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