भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा भगत सिंह के जन्मदिवस पर विशेष
भगत सिंह का जीवन और उनका संघर्ष आज भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, और वे देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
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जीवन परिचय- भगत सिंह, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं में से एक थे। उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को भागनवाला के रूप में हुआ और उनका पालन-पोषण पंजाब के दोआब क्षेत्र में जालंधर जिले के संधू जाट किसान परिवार में हुआ। वे जापान और जर्मनी में भारतीय स्वतंत्रता के लिए सहयोग करने के लिए प्रसिद्ध हैं। भगत सिंह ने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्होंने लाखों भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के खिलाफ बातचीत की। ऐसे और उनके साथी स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव और राजगुरु के साथ दिल्ली के साहीवाल बाग में उग्रवादी प्रतिरोध की आग भड़क उठी थी, जिसे जलियांवाला बाग हत्याकांड के रूप में जाना जाता है।
भगत सिंह का जीवन और उनका संघर्ष आज भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और वे देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। भगत सिंह एक प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम और योद्धा थे, उनके प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना जीवन समर्पित किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया।
भगत सिंह के जीवन में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी-
1. जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919): भगत सिंह के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना जलियांवाला बाग हत्याकांड था, जो 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के बाद अपना कदम शंघाई की ओर नरसंहार किया।
2. हिंसक प्रतिरोध (1928-1931): भगत सिंह ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ हिंसक प्रतिरोध के रूप में दिल्ली के साहिवाल बाग में हिंसा विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसके बाद जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ।
3. सजा का दिन (23 मार्च 1931): भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु पर ब्रिटिश सरकार ने लाठीचार्ज के आरोप में फाँसी की सज़ा दी। उनका निधन आज के दिन "सजा का दिन" के रूप में मनाया जाता है।
इन घटनाओं में भगत सिंह के संघर्ष और स्वतंत्रता संग्राम में उनके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाया गया है और उन्हें एक महान स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में दर्शाया गया है।
भगत सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई नारे दिए जो उनकी आजादी के लिए जीवनदान के प्रतीक बने। एक प्रसिद्ध नारा जो उन्होंने प्रस्तुत किया था, वह था "इंकलाब जिंदाबाद!" जिसका मतलब होता है "आजादी जिंदाबाद!" यह नारा स्वतंत्रता संग्राम के स्पिरिट को प्रकट करता था और लोगों को आजादी के लिए उत्साहित करता था। भगत सिंह के नारों और उनके योगदान ने स्वतंत्रता संग्राम को एक महत्वपूर्ण और प्रेरणास्त्रोत बनाया, और उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा के रूप में याद किया जाता है।
भगत सिंह को एक लेखक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई पत्र और लेख लिखे थे जिनमें वे अपने दृढ़ भारतीय राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता संग्राम के दृष्टिकोण को व्यक्त करते थे। उनके लेखन में कुछ महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि "यादें" (यादें) और "स्वतंत्रता की राह" (स्वतंत्रता का मार्ग)। इन गुटों में स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत, स्वतंत्रता संग्राम के महत्व, और अपने संघर्ष के टुकड़ों को साझा किया गया। उनके लेखन का मुख्य उद्देश्य लोगों को एकजुट करना और स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को प्रसारित करना था। इसके साथ ही, उनकी कविता और लिपि स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा बनी और उन्हें एक ऐतिहासिक व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है।
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