हिमाचल में कारों-बसों में कूड़ादान रखना अनिवार्य:आज से उल्लंघन पर 10 हजार जुर्माना; कचरा फेंका तो 1500 रुपए पैनल्टी देनी होगी

हिमाचल प्रदेश में आज से सभी कॉमर्शियल व्हीकल में कूड़ेदान रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इनको नहीं लगाने वाले कॉमर्शियल व्हीकल को 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा। इसी तरह जो व्यक्ति इधर-उधर कूड़ा फेंकते पकड़ा जाएगा, उसे 1500 रुपए का जुर्माना भरना होगा। पर्यावरण विभाग की यह अधिसूचना आज से प्रदेश में लागू हो गई है। बता दें कि हिमाचल में हर साल डेढ़ करोड़ से दो करोड़ टूरिस्ट पहाड़ों पर सैर करने के लिए पहुंचता है। इनमें ज्यादातर टूरिस्ट टैक्सी, टैम्पो या फिर वोल्वो बसों में आता है। ऐसे में सभी को हिमाचल में कूड़ा नहीं फैलाने की आदत डालनी होगी। आमतौर पर टूरिस्ट पर्यटन स्थलों पर कचरा फेंक देते हैं। इस पर पहले कार्रवाई का प्रावधान नहीं था। मगर अब सरकार 1995 में बने हिमाचल प्रदेश नॉन बायोग्रेडेबल गारबेज कंट्रोल एक्ट में पैनल्टी का प्रावधान कर लिया है। लिहाजा अब टूरिस्ट समेत स्थानीय लोगों को भी कचरा फैलाने की गलती भारी पड़ेगी। हिमाचल आने वाले कॉमर्शियल व्हीकल चलाने वाले बाहरी राज्यों के ट्रांसपोर्टर को भी गारबेज बिन्स के साथ ही हिमाचल में प्रवेश करना होगा। गारबेज बिन्स नहीं लगाने पर जेब ढीली करनी होगी। जुर्माने की राशि टैक्सी में सवार टूरिस्ट से नहीं बल्कि टैक्सी ड्राइवर से वसूली जाएगी। इन गाड़ियों को गारबेज बिन्स अनिवार्य पर्यावरण विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया, सभी कॉमर्शियल व्हीकल में गारबेज बिन्स अनिवार्य किया गया है। टैक्सी नंबर, टेंपो ट्रेवलर प्राइवेट बसों, हिमाचल व बाहरी राज्यों की सरकारी बसों, वोल्वो बसो समेत सभी कॉमर्शियल व्हीकल (माल ढुलाई करने वाले सभी वाहनों) में गारबेज बिन्स हर हाल में लगाने होंगे। उन्होंने बताया, पर्सनल व्हीकल को अभी छूट दी गई है। आने वाले दिनों में कॉमर्शियल व्हीकल को भी इसके दायरे में लाया जा सकता है। इसका मकसद पहाड़ों व पर्यटन स्थलों पर फैलने वाली गंदगी को रोकना तथा पर्यावरण संरक्षण करना है। उन्होंने बताया, सरकार ने चालान के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को ऑथोराइज किया है। यानी हिमाचल सरकार के किसी भी विभाग के अधिकारी इसके चालान कर सकेंगे। चालान के लिए जल्द एप लॉन्च करेगा विभाग: राणा राज्य सरकार इसके लिए एक मोबाइल एप भी लांच करने जा रही है। इस एप की मदद से विभागों को चालान में परेशानी नहीं होगी और चालान बुक की जरूरत नहीं पड़ेगी। हिमाचल में प्लास्टिक पर पहले से प्रतिबंध बता दें कि हिमाचल सरकार रंगदार पॉलिथीन लिफाफों, सिंगल यूज प्लास्टिक, 60 GSM से अधिक मोटाई वाले नॉन वॉवन प्लास्टिक बैग पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। सबसे पहले जनवरी 1999 में रंगदार पॉलिथीन लिफाफों पर बैन लगाया गया था। उसके बाद जून 2004 को 70 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलिथीन के थैलों पर प्रतिबंध लगाने वाला हिमाचल पहला राज्य बना। 2 अक्टूबर 2009 को पॉलिथीन थैलों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई। इसके बाद सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया।

Apr 29, 2025 - 12:54
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हिमाचल में कारों-बसों में कूड़ादान रखना अनिवार्य:आज से उल्लंघन पर 10 हजार जुर्माना; कचरा फेंका तो 1500 रुपए पैनल्टी देनी होगी
हिमाचल प्रदेश में आज से सभी कॉमर्शियल व्हीकल में कूड़ेदान रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इनको नहीं लगाने वाले कॉमर्शियल व्हीकल को 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा। इसी तरह जो व्यक्ति इधर-उधर कूड़ा फेंकते पकड़ा जाएगा, उसे 1500 रुपए का जुर्माना भरना होगा। पर्यावरण विभाग की यह अधिसूचना आज से प्रदेश में लागू हो गई है। बता दें कि हिमाचल में हर साल डेढ़ करोड़ से दो करोड़ टूरिस्ट पहाड़ों पर सैर करने के लिए पहुंचता है। इनमें ज्यादातर टूरिस्ट टैक्सी, टैम्पो या फिर वोल्वो बसों में आता है। ऐसे में सभी को हिमाचल में कूड़ा नहीं फैलाने की आदत डालनी होगी। आमतौर पर टूरिस्ट पर्यटन स्थलों पर कचरा फेंक देते हैं। इस पर पहले कार्रवाई का प्रावधान नहीं था। मगर अब सरकार 1995 में बने हिमाचल प्रदेश नॉन बायोग्रेडेबल गारबेज कंट्रोल एक्ट में पैनल्टी का प्रावधान कर लिया है। लिहाजा अब टूरिस्ट समेत स्थानीय लोगों को भी कचरा फैलाने की गलती भारी पड़ेगी। हिमाचल आने वाले कॉमर्शियल व्हीकल चलाने वाले बाहरी राज्यों के ट्रांसपोर्टर को भी गारबेज बिन्स के साथ ही हिमाचल में प्रवेश करना होगा। गारबेज बिन्स नहीं लगाने पर जेब ढीली करनी होगी। जुर्माने की राशि टैक्सी में सवार टूरिस्ट से नहीं बल्कि टैक्सी ड्राइवर से वसूली जाएगी। इन गाड़ियों को गारबेज बिन्स अनिवार्य पर्यावरण विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया, सभी कॉमर्शियल व्हीकल में गारबेज बिन्स अनिवार्य किया गया है। टैक्सी नंबर, टेंपो ट्रेवलर प्राइवेट बसों, हिमाचल व बाहरी राज्यों की सरकारी बसों, वोल्वो बसो समेत सभी कॉमर्शियल व्हीकल (माल ढुलाई करने वाले सभी वाहनों) में गारबेज बिन्स हर हाल में लगाने होंगे। उन्होंने बताया, पर्सनल व्हीकल को अभी छूट दी गई है। आने वाले दिनों में कॉमर्शियल व्हीकल को भी इसके दायरे में लाया जा सकता है। इसका मकसद पहाड़ों व पर्यटन स्थलों पर फैलने वाली गंदगी को रोकना तथा पर्यावरण संरक्षण करना है। उन्होंने बताया, सरकार ने चालान के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को ऑथोराइज किया है। यानी हिमाचल सरकार के किसी भी विभाग के अधिकारी इसके चालान कर सकेंगे। चालान के लिए जल्द एप लॉन्च करेगा विभाग: राणा राज्य सरकार इसके लिए एक मोबाइल एप भी लांच करने जा रही है। इस एप की मदद से विभागों को चालान में परेशानी नहीं होगी और चालान बुक की जरूरत नहीं पड़ेगी। हिमाचल में प्लास्टिक पर पहले से प्रतिबंध बता दें कि हिमाचल सरकार रंगदार पॉलिथीन लिफाफों, सिंगल यूज प्लास्टिक, 60 GSM से अधिक मोटाई वाले नॉन वॉवन प्लास्टिक बैग पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। सबसे पहले जनवरी 1999 में रंगदार पॉलिथीन लिफाफों पर बैन लगाया गया था। उसके बाद जून 2004 को 70 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलिथीन के थैलों पर प्रतिबंध लगाने वाला हिमाचल पहला राज्य बना। 2 अक्टूबर 2009 को पॉलिथीन थैलों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई। इसके बाद सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया।

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