हिमाचल में इस महीने से महंगी होगी बिजली:मिल्क और पर्यावरण सेस शामिल; 25 लाख कंज्यूमर को झटका, शून्य बिल वालों को राहत

हिमाचल प्रदेश में इस महीने से बिजली महंगी हो जाएगी। कांग्रेस सरकार ने फरवरी महीने के बिजली के बिल पर मिल्क सेस और एनवायरमेंट सेस शामिल कर दिया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट तथा अन्य के 2 पैसे से 6 रुपए तक प्रति यूनिट बिजली के दाम बढ़ेगें। इसका असर राज्य के 25 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बता दें कि बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं पर मिल्क सेस लगाया गया है। जिन उपभोक्ताओं का शून्य बिल होगा, उनसे मिल्क सेस नहीं लिया जाएगा। दूसरी सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं पर दूध के साथ एनवायरमेंट सेस भी लगाया गया है। इन उद्योगों से पर्यावरण उपकर लिया जाएगा राज्य के स्मॉल, मीडियम और बड़े उद्योगों, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर लिया जाएगा। इन उद्योगों से 10 पैसे के मिल्क सेस लिया जाएगा। साथ में एनवायरमेंट सेस भी चुकाना होगा। एनवायरमेंट सेस 2 पैसे से लेकर 6 रुपए तक प्रति यूनिट देना होगा। उद्योगों की 3 कैटेगरी बनाई बिजली बोर्ड ने एनवायरमेंट सेस लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा है। इनमें लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों तीन श्रेणी में शामिल किए गए। सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा राज्य सरकार ने इसके लिए बीते साल विधानसभा में विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच पारित किया था। इसे राज्यपाल की मंजूरी को भेजा गया है। राज्यपाल की भी मंजूरी मिल गई है। इसके बाद दूध और पर्यावरण सेस वसूलने के लिए बिजली बोर्ड को सॉफ्टवेयर में बदलाव करने में लगभग तीन महीने का समय लग गया। अब सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा हो गया है। लिहाजा फरवरी महीने के बिजली के बिल दूध और पर्यावरण सेस के साथ जारी होंगे। दूध उत्पादन बढ़ाने में इस्तेमाल होगा राजस्व सुक्खू सरकार का दावा है कि मिल्क सेस से इकट्ठा होने वाले राजस्व का इस्तेमाल हिमाचल में दूध उत्पादन बढ़ाने और दूध उत्पादकों को फायदा पहुंचाने के लिए होगा।

हिमाचल में इस महीने से महंगी होगी बिजली:मिल्क और पर्यावरण सेस शामिल; 25 लाख कंज्यूमर को झटका, शून्य बिल वालों को राहत
हिमाचल प्रदेश में इस महीने से बिजली महंगी हो जाएगी। कांग्रेस सरकार ने फरवरी महीने के बिजली के बिल पर मिल्क सेस और एनवायरमेंट सेस शामिल कर दिया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट तथा अन्य के 2 पैसे से 6 रुपए तक प्रति यूनिट बिजली के दाम बढ़ेगें। इसका असर राज्य के 25 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बता दें कि बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं पर मिल्क सेस लगाया गया है। जिन उपभोक्ताओं का शून्य बिल होगा, उनसे मिल्क सेस नहीं लिया जाएगा। दूसरी सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं पर दूध के साथ एनवायरमेंट सेस भी लगाया गया है। इन उद्योगों से पर्यावरण उपकर लिया जाएगा राज्य के स्मॉल, मीडियम और बड़े उद्योगों, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर लिया जाएगा। इन उद्योगों से 10 पैसे के मिल्क सेस लिया जाएगा। साथ में एनवायरमेंट सेस भी चुकाना होगा। एनवायरमेंट सेस 2 पैसे से लेकर 6 रुपए तक प्रति यूनिट देना होगा। उद्योगों की 3 कैटेगरी बनाई बिजली बोर्ड ने एनवायरमेंट सेस लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा है। इनमें लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों तीन श्रेणी में शामिल किए गए। सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा राज्य सरकार ने इसके लिए बीते साल विधानसभा में विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच पारित किया था। इसे राज्यपाल की मंजूरी को भेजा गया है। राज्यपाल की भी मंजूरी मिल गई है। इसके बाद दूध और पर्यावरण सेस वसूलने के लिए बिजली बोर्ड को सॉफ्टवेयर में बदलाव करने में लगभग तीन महीने का समय लग गया। अब सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा हो गया है। लिहाजा फरवरी महीने के बिजली के बिल दूध और पर्यावरण सेस के साथ जारी होंगे। दूध उत्पादन बढ़ाने में इस्तेमाल होगा राजस्व सुक्खू सरकार का दावा है कि मिल्क सेस से इकट्ठा होने वाले राजस्व का इस्तेमाल हिमाचल में दूध उत्पादन बढ़ाने और दूध उत्पादकों को फायदा पहुंचाने के लिए होगा।