हरिद्वार: दोनों तरफ से भीड़, किसी का पैर फिसला, तभी… मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के पीछे की असली कहानी; हादसे पर ट्रस्ट का पहला बयान

उत्तराखंड के हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और 35 घायल हुए. सीढ़ियों वाले रास्ते पर अचानक बढ़ी भीड़ और बिजली के तार में करंट की अफवाह की वजह से यह हादसा हुआ. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि कैसे अचानक भीड़ में अफरा-तफरी मची और भगदड़ मच गई.

हरिद्वार: दोनों तरफ से भीड़, किसी का पैर फिसला, तभी… मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के पीछे की असली कहानी; हादसे पर ट्रस्ट का पहला बयान
हरिद्वार: दोनों तरफ से भीड़, किसी का पैर फिसला, तभी… मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के पीछे की असली कहानी; हादसे पर ट्रस्ट का पहला बयान

उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर परिसर में मची भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल हो गए. भगदड़ के बाद चारों ओर एम्बुलेंस के सायरन बजते दिखाई दिए. इस हादसे से धर्मनगरी हरिद्वार के लोग सहम गए. मनसा देवी मंदिर पर आने के लिए तीन मुख्य मार्ग हैं, जिनमें रोपवे, पैदल मार्ग और सीढ़ियों वाला रास्ता है. आज रविवार को यह हादसा सीढ़ियों वाले मार्ग पर हुआ.

मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि सीढ़ियों वाले रास्ते में जमा हुई भीड़ और अफवाह फैलने से भगदड़ हुई. इस समय मनसा देवी मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है. भगदड़ के बाद जिला प्रशासन ने मनसा देवी आने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं. पैदल वाला रास्ता, सीढ़ी वाला रास्ता और रोपवे वाला रास्ता भी बंद कर दिया गया है. यानी अभी के लिए मनसा देवी यात्रा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया और तीनों मार्गों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं

6 लोगों की मौत और 35 लोग घायल

हादसे के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज मौके पर पहुंचे. हालात सामान्य होने पर श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए मार्ग खोल दिए जाएंगे. मनसा देवी मंदिर परिसर में मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल बताए जा रहे हैं. घटना को लेकर हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि मार्ग पर करंट लगने की अफवाह से भीड़ में भगदड़ की स्थिति पैदा हुई. अफवाह की वजह से लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे स्थिति खराब हो गई.

मौके पर मौजूद लोगों ने क्या बताया?

वहीं दूसरी ओर इस घटना के दौरान मौके पर मौजूद अजय जायसवाल ने बताया कि यह घटना बिजली के तार में करंट की अफवाह फैलने की वजह से नहीं, बल्कि मनसा देवी पैदल मार्ग और सीढ़ी मार्ग पर अचानक भीड़ बढ़ने से हुई. उन्होंने कहा कि एक तरफ भीड़ पैदल मनसा देवी मंदिर की ओर सीढ़ियों से आ रही थी. दूसरी ओर सीढ़ियों से ही मनसा देवी मंदिर के दर्शन करके पैदल भीड़ वापस जा रही थी. ऐसे में दोनों तरफ की भीड़ आपस में टकरा गई और एक शख्स का पैर फिसल गया. इससे भगदड़ मच गई और इस घटना ने इतना बड़ा रूप ले लिया.

मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि किसी यात्री का पैर फिसलने के बाद यह बड़ी घटना हो गई. उन्होंने इस घटना पर दुख जताया और कहा कि कांवड़ मेला कुशल संपन्न हो गया. लेकिन उसके बाद यह अचानक से घटना घट गई, जिसका उन्हें बहुत दुख है और वह मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इसके साथ ही घायलों के जल्दी ठीक होने की भी कामना करते हैं.

अफवाह फैली और भगदड़ सी मच गई

इस घटना में घायलों का कहना है कि अचानक भीड़ में अफवाह फैली और भगदड़ सी मच गई. इस घटना में 35 लोग घायल हुए हैं और 6 लोगों की मौत हुई है, जिनमें दो बच्चे और एक महिला शामिल है. मरने वालों में और घायल लोगों में बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोग शामिल हैं. घटनास्थल पर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम तैनात हैं. बिजली विभाग हरिद्वार के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर प्रदीप कुमार का कहना है कि बिजली के तारों में कोई करंट नहीं आया और न ही कोई तार टूट कर गिरा. यह सब अफवाह है. यहां पर बिजली के सभी तार सुरक्षित हैं और ठीक हैं. घायलों में से 6 घायलों को गंभीर हालत में ऋषिकेश एम्स में इलाज के लिए भेजा गया है. बाकी घायलों का इलाज हरिद्वार के अस्पताल में चल रहा है.

मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंपा जाएंगे. हरिद्वार के सांसद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल में घायलों से पूछताछ की. धर्मनगरी हरिद्वार में भगदड़ की ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी धर्मनगरी में भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है. हरिद्वार में लगने वाले कुंभ में कई बार इस तरह की भगदड़ की घटनाएं हुई हैं.

साल 1912 से 2011 तक भगदड़ से हुए हादसे

साल 1912 में हरिद्वार कुंभ में भगदड़ होने से 7 लोगों की मौत हुई थी. साल 1966 में हरिद्वार कुंभ में सोमवती स्नान पर भगदड़ होने से 12 लोगों की मौत हुई थी. साल 1986 में हरिद्वार कुंभ में भगदड़ होने से 52 लोगों की मौत हुई थी. साल 1996 में हरिद्वार कुंभ में सोमवती स्नान पर भगदड़ होने से 22 लोगों की मौत हुई थी. साल 2010 में हरिद्वार कुंभ में भगदड़ होने से 7 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 11 लोग घायल हुए थे. साल 2011 में हरिद्वार गायत्री कुंभ में भगदड़ होने से 20 लोगों की मौत हुई थी.