सीतापुर: नैमिषारण्य में शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा, आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम

84 Kosi Parikrama: सीतापुर के नैमिषारण्य में ऐतिहासिक 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत शनिवार की सुबह से हो गई।

सीतापुर: नैमिषारण्य में शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा, आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम

84 Kosi Parikrama: सीतापुर के नैमिषारण्य में ऐतिहासिक 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत शनिवार की सुबह से हो गई।

सीतापुर: नैमिषारण्य में शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा, आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित पवित्र तीर्थस्थल नैमिषारण्य में 84 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ हो गया है। यह परिक्रमा श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का जीवंत प्रमाण भी है। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और पूरे माहौल में भक्ति और आध्यात्मिकता की अद्भुत छटा बिखरी रही।

परिक्रमा का महत्व

84 कोसी परिक्रमा का धार्मिक महत्व बेहद खास है। मान्यता है कि इस परिक्रमा से मनुष्य को जीवन के समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। यह परिक्रमा श्रीहरि विष्णु, महादेव और अन्य देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति का एक उत्तम मार्ग मानी जाती है।

आस्था और भक्ति का माहौल

नैमिषारण्य में परिक्रमा के दौरान भक्तगण गंगा, यमुना, सरयू और गोमती के पवित्र जल का आचमन कर अपनी यात्रा आरंभ करते हैं। पूरे मार्ग में धार्मिक भजन-कीर्तन, हवन और सत्संग का आयोजन किया जा रहा है। संत-महात्माओं के प्रवचन भक्तों को धर्म और अध्यात्म का संदेश दे रहे हैं।

सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था

परिक्रमा को लेकर प्रशासन द्वारा विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। चिकित्सा शिविर, जल सेवा केंद्र और विश्राम स्थल भी बनाए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।

सांस्कृतिक और पारंपरिक झलकियां

परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह रामलीला, कृष्णलीला और अन्य धार्मिक नाटक प्रस्तुत किए जा रहे हैं। श्रद्धालु बड़े ही उत्साह से भक्ति संगीत में लीन होकर आगे बढ़ रहे हैं। यह परिक्रमा सनातन संस्कृति, भक्ति और भारतीय परंपराओं का अद्भुत संगम प्रस्तुत कर रही है।

परिक्रमा का समापन

यह 84 कोसी परिक्रमा नैमिषारण्य क्षेत्र के विभिन्न तीर्थ स्थलों से होते हुए पूर्ण होगी। इस दौरान भक्तजन कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के दर्शन करेंगे और भक्ति की अनूठी यात्रा का अनुभव करेंगे।

नैमिषारण्य की यह 84 कोसी परिक्रमा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि अध्यात्म, श्रद्धा और परंपरा का एक विराट संगम है, जिसमें भक्तगण अपने मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।