संपादकीय: हंसी में उड़ाएं, कॉमिडी शो पर बवाल

Kunal Kamra Controversy: कुणाल कामरा के शो के बाद शिवसैनिकों की तोड़फोड़ और धमकियों ने कानून-व्यवस्था और हास्य-व्यंग्य की सहनशीलता पर सवाल उठाए हैं। मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। सबसे निराशाजनक पहलू खार के हैबिटेट कॉमिडी क्लब के बंद होने की घोषणा है, जो कला और संस्कृति की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

Mar 25, 2025 - 06:46
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संपादकीय: हंसी में उड़ाएं, कॉमिडी शो पर बवाल
स्टैंडअप कमीडियन कुणाल कामरा के शो के बाद जिस तरह से गुस्साए शिवसैनिकों ने आयोजनस्थल में तोड़फोड़ मचाई और उन्हें धमकियां दे रहे हैं, वह न केवल कानून-व्यवस्था के हालात पर प्रतिकूल टिप्पणी है बल्कि हास्य-व्यंग्य को बर्दाश्त करने की राजनीति की क्षमता पर भी सवाल उठाता है। अफसोस की बात है कि देश में ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिनमें आहत होती भावनाएं अभिव्यक्ति की आजादी पर भारी पड़ जाती हैं।दोनों पक्षों पर FIR : जहां तक मुंबई पुलिस की इस घटना पर प्रतिक्रिया का सवाल है तो यह अच्छी बात है कि उसने दोनों पक्षों की शिकायतों पर ध्यान दिया है। कमीडियन कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है तो तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। लेकिन यह पहला ही कदम है। आगे उसकी जांच किस तरह से आगे बढ़ती है और दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई कैसी दिशा लेती है, यह देखना बाकी है।कॉमिडी क्लब बंद : इस पूरे प्रकरण का एक निराशाजनक नतीजा मुंबई के खार स्थित हैबिटेट कॉमिडी क्लब बंद किए जाने की घोषणा के रूप में सामने आया। क्लब के मालिकों के मुताबिक, जब भी किसी शो को लेकर विवाद होता है तो उन्हें टारगेट किया जाने लगता है। हालांकि शो के दौरान जो भी परफॉरमेंस होती है, उसके कंटेंट से उनका कोई लेना-देना नहीं होता। बहरहाल, इस तरह के क्लब का बंद होना कला और संस्कृति की उन्नत चेतना के लिए जाने जाने वाले महाराष्ट्र जैसे राज्य की छवि के लिए नुकसानदेह है।कानून करे अपना काम : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में शो के कंटेंट पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि राज्य में कॉमिडी करने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कई कुछ भी बोले। इसमें दो राय नहीं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है। और हर कोई अपने बोले शब्दों के लिए कानून के आगे जिम्मेदार है। लेकिन क्या यह जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए किसी ग्रुप को कानून अपने हाथ में लेने दिया जाएगा?हंसी-मजाक की बात : खबरों के मुताबिक, इस शो में निशाना महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और शिवसेना के लीडर एकनाथ शिंदे को बनाया गया था। शो में कही गई बातों से सहमत होना कतई जरूरी नहीं है। लेकिन आखिरकार वह एक हंसी-मजाक का शो था और उसे इसी नजर से देखा जाना चाहिए।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,