श्री राम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण समारोह

ध्वज का रंग, आकृति एवं प्रतीक चिन्ह किसी भी देश अथवा समाज के प्रतीक होते हैं, उदाहरणार्थ यूनियन-जैक ब्रिटेन की राज्य सत्ता का प्रतीक था और आज भी है, जबकि तिरंगा भारत की राजनीतिक संप्रभुता का प्रतीक है, इसी कारण 15 अगस्त, 1947 को विदेशी राज्य सत्ता का प्रतीक उतारा गया और तिरंगा झण्डा आरोहित […] The post श्री राम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण समारोह appeared first on VSK Bharat.

Nov 27, 2025 - 08:34
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श्री राम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण समारोह

ध्वज का रंग, आकृति एवं प्रतीक चिन्ह किसी भी देश अथवा समाज के प्रतीक होते हैं, उदाहरणार्थ यूनियन-जैक ब्रिटेन की राज्य सत्ता का प्रतीक था और आज भी है, जबकि तिरंगा भारत की राजनीतिक संप्रभुता का प्रतीक है, इसी कारण 15 अगस्त, 1947 को विदेशी राज्य सत्ता का प्रतीक उतारा गया और तिरंगा झण्डा आरोहित किया गया।

महाभारत में वर्णन है कि भगवान कृष्ण के रथ पर हनुमान अंकित पताका लहराती थी।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर चढ़ाया जाने वाला ध्वज केसरिया रंग का है, अग्नि की ज्वालाएँ और प्रातः काल के सूर्य की किरणें केसरिया रंग की होती हैं। भारत में केसरिया रंग त्याग का प्रतीक है। यह ध्वज ऊंचाई में 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा है, समकोण त्रिकोण आकृति का है।

भगवान राम का जन्म सूर्य वंश में हुआ है। अतः ध्वज पर सूर्य अंकित है, सूर्य के मध्य में ॐ अंकित है, ॐ परमात्मा के मुख से सृजित प्रथम अक्षर है। ध्वज पर कोविदार वृक्ष अंकित है, कोविदार वृक्ष महाराजा दशरथ के राज्य का प्रतीक था, वाल्मीकि रामायण में इसका वर्णन है, भरत जब राम से भेंट करने के लिए चित्रकूट गए तो लक्ष्मण ने रथ पर लगे ध्वज को देखकर प्रभु राम को बताया था कि यह तो हमारे ही राज्य का ध्वज है, शायद भरत आ रहे हैं।

इस प्रकार श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर, 25 नवम्बर 2025 (राम विवाह पंचमी) को चढ़ाया जाने वाला ध्वज राम राज्य की वापसी और भारत की एकात्मता का प्रतीक है। ध्वज भूमि से 191 फीट ऊंचाई तक पहुंचाया जाएगा, यह कार्य भारतीय सेना के माध्यम से सम्पन्न होगा, भारत में भूमि से 191 फीट ऊंचाई तक ध्वज को पहुंचाने का यह प्रथम प्रसंग है।

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