मैकडॉनल्ड्स किस आलू से बनाता है क्रिस्पी फ्राइज, क्या है इसका सीक्रेट?

National Potato Day: दुनियाभर में अपने बर्गर और फ्राइज से सबको दीवाना बनाने वाले मैकडॉनल्ड्स को यूं ही लोग नहीं पसंद करते. इसका सीक्रेट है आलू. नेशनल पोटेटो डे के मौके पर जानिए, क्या है मैकडॉनल्ड्स के आलू का सीक्रेट और दुनियाभर में सबसे ज्यादा कहां पैदा होता है आलू.

Aug 20, 2025 - 09:12
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मैकडॉनल्ड्स किस आलू से बनाता है क्रिस्पी फ्राइज, क्या है इसका सीक्रेट?
मैकडॉनल्ड्स किस आलू से बनाता है क्रिस्पी फ्राइज, क्या है इसका सीक्रेट?

मैकडॉनल्ड्स का बर्गर और फ्राइज खाते हुए कभी सोचा है कि ऐसा स्वाद घर में क्यों नहीं आता. इसकी एक बड़ी वजह है इसका आलू. मैकडॉनल्ड्स फ्राइज बनाने के लिए खास तरह के आलू का इस्तेमाल करता है, जिसे वो बकायदा क्रॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए उगाता है. अपने प्रोडक्ट के लिए आलू उगाने के पीछे कई कारण बताए गए हैं.

इसकी वजह है उसकी लम्बाई, इसके न्यूट्रिएंट्स और उसमें मौजूद नमी. ये खूबियां फ्राइज को बाहर से क्रिस्पी और अंदर से सॉफ्ट बनाती हैं. मैकडॉनल्ड्स सालों से अपने प्रोडक्ट के लिए यही तरीका अपना रहा है. जानिए, मैकडॉनल्ड्स आलू की कौनसी वैरायटी का इस्तेमाल करता है और अपना आलू क्यों उगाता है.

मैकडॉनल्ड किस आलू से बनाता है फ्राइज?

मैकडॉनल्ड्स फ्राइज को बनाने में आलू खास वैरायटी का इस्तेमाल करता है. जैसे- रसेट बरबैंक, रसेट रेंजर, उमाटिला रसेट और शेपोडी. ये किस्में टेस्टी फ्राइज़ बनाने के लिए जानी जाती हैं जो बाहर से कुरकुरी और अंदर से मुलायम होती हैं. दावा किया जाता है कि इनमें स्टार्च ज़्यादा और शुगर कम होती है.

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मैकडॉनल्ड्स के आलुओं को अमेरिका, कनाडा और यूरोप समेत कई देशों में उगाया जाता है. दरअसल, मैकडॉनल्ड्स सीधेतौर पर खेती नहीं करता है. वह दुनियाभर के किसानों और सप्लायर्स से जुड़कर खास किस्म के आलू उगवाने का काम करता है.इसके लिए बकायदा अनुबंध खेती की जाती है. यानी आलू की फसल लगाने को लेकर उसकी देखरेख तक, सबकुछ मैकडॉनल्ड्स की गाइडलाइन के मुताबिक होता है.

आसान भाषा में समझें तो अनुबंधित खेती के जरिए किसान मैकडॉनल्ड्स की तय गाइडलाइन के हिसाब से खेती करते हैं. आलू के आकार, रंग और स्टार्च की मात्रा पर विशेष ध्यान दिया जाता है.

अपने आलू क्यों उगाता है मैकडॉनल्ड्स?

मैकडॉनल्ड्स चाहता है कि फ्राइज आप चाहें दिल्ली में खाएं या अमेरिका में, इसका स्वाद, आकार और कुरकुरापन एक जैसा ही मिले. इसलिए मैकडॉनल्ड्स न तो आलू की प्रजाति बदलता है और फ्राइज के मापदंड. मैकडॉनल्ड्स के आलू की प्रजाति लम्बे आकार वाली है, ताकि इससे फ्राइज आसानी से तैयार की जा सकें. अगर यही आलू बाजार से खरीदे जाते तो इनकी क्वालिटी और आकार में भी फर्क आ जाता.

प्रोसेसिंग के बाद दुनियाभर के स्टोर तक पहुंचाता है

मैकडॉनल्ड्स आलू को काटकर, उसे ब्लांच करने के बाद फ्रीज करके इसे दुनियाभर के स्टोर्स तक पहुंचाता है. खूबी है कि आलू में कम शुगर और स्टार्ट ज्यादा हो ताकि फ्राइज को तलने पर से सुनहरी और कुरकुरी बनें. इसके लिए यह कंपनी बाकायदा किसानों और अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग देती है. ट्रेनिंग में किसानों को इसकी खेती, तकनीक और आधुनिक सुविधाओं के बारे में बताया जाता है.

कहां से आया आलू?

आलू की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के पेरू और बोलिविया में बताई जाती है. दावा किया जाता है कि 7 हजार सालों से यहां के लोग आलू उगा रहे हैं. 1500 के दशक में स्पेनिश खोजकर्ता जब दक्षिण अमेरिका पहुंचे तो आलू से रूबरू हुए. वापसी में अपने साथ आलू स्पेन लेकर गए. इसके बाद यह यूरोप पहुंचा और धीरे-धीरे इसका दायरा दुनियाभर में बढ़ता गया. सस्ता और जमीन में लम्बे समय तक सुरक्षित रहने वाला आलू धीरे-धीरे गरीबों का मुख्य भोजन बन गया.

वर्तमान में दुनियाभर में आलू की सबसे ज्यादा पैदावार पर चीन का कब्जा है. चीन के बाद आलू उगाने में चीन दूसरे पायदान पर है. इसके बाद रूस, यूक्रेन और अमेरिका जैसे देश आलू की खेती में तीसरे, चौथे और पांचवे पायदान पर हैं.

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