महाकुंभ: ग्रीस की पेनेलोप ने अपनाया सनातन धर्म, सिद्धार्थ से की शादी, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर ने किया कन्यादान

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में ग्रीस की रहने वाली पेनलोप ने सनातन धर्म अपनाते हुए अपने सिद्धार्थ के साथ वैदिक रीतियों के साथ विवाह कर लिया। विवाह के बाद सिद्धार्थ ने कहा कि हमने अपने विवाह के लिए सबसे प्रमाणिक समय को चुना है। इस समय प्रयागराज अपनी दिव्य प्रकृति के […]

Jan 27, 2025 - 07:53
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महाकुंभ: ग्रीस की पेनेलोप ने अपनाया सनातन धर्म, सिद्धार्थ से की शादी, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर ने किया कन्यादान
Greece penelop adopted Sanatan Dharma And Married Sidhharath

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में ग्रीस की रहने वाली पेनलोप ने सनातन धर्म अपनाते हुए अपने सिद्धार्थ के साथ वैदिक रीतियों के साथ विवाह कर लिया। विवाह के बाद सिद्धार्थ ने कहा कि हमने अपने विवाह के लिए सबसे प्रमाणिक समय को चुना है। इस समय प्रयागराज अपनी दिव्य प्रकृति के लिहाज से ब्रम्हांड की सबसे अच्छी जगह है।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पेनलोप का कन्यादान जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने किया। अपने और पेनलोप के विवाह को लेकर सिद्धार्थ कहते हैं कि वो सच में खास हैं। हम प्रमाणिक तरीके से विवाह करना चाहते थे, जो कि दिव्य होने के साथ सरल भी हो। इसी कारण से हमने प्रयागराज में 26 जनवरी का दिन चुना। इसके पीछे सबसे खास वजह ये भी है कि प्रयागराज की दिव्यता इस वक्त ब्रम्हांड में सर्वोत्तम है।

सनातन धर्म सबसे प्राचीन

सिद्धार्थ ने महाकुंभ में विवाह को लेकर कहा कि जब भी हम लोग विवाह के बारे में सोचते हैं तो इस बात को भूल जाते हैं कि ये एक पवित्र बंधन है। सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है और बाकी दुनिया के लिए सनातन धर्म सबसे प्राचीन खिड़की की तरह है। विवाह को वैदिक तरीके से ही किया जाना चाहिए। सनातन धर्म में विवाह संस्कार हमें सिखाता है कि महिला और पुरुष दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं।

शब्दों से परे जादुई

वहीं सिद्धार्थ के साथ विवाह के बंधन में बंधी पेनेलोप ने महाकुंभ के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह शब्दों से परे और जादुई है। पेनेलोप बताती हैं कि इससे पहले मैंने कभी भी इस तरह की भारतीय शादी में शामिल नहीं हो सकी। लेकिन, दुल्हन होने के नाते अब मैं खुद इसे अनुभव कर पा रही हूं। सब कुछ मेरे लिए नया है। मुझे ऐसा लगता है कि आज जो कुछ भी हुआ है, वो पूरी तरह से शब्दों से परे और जादुई है। कुछ तस्वीरों को मैं देखती हूं तब मुझे अहसास होता है कि मैं दिव्य ऊर्जा का अनुभव कर रही हूं।

वहीं पेनेलोप का कन्यादान करने वाले जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने बताया कि यह जोड़ा पिछले कुछ सालों से सनातन धर्म का अनुयायी है। सिद्धार्थ विभिन्न स्थानों पर योग सिखा रहे हैं।

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