भारतीय संस्कृति की जड़ें पर्वों से मजबूत होती हैं – स्वांतरंजन जी

लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ महानगर ने दीपावली के पर्व पर सीएमएस गोमतीनगर में कार्यकर्ता परिवार मिलन कार्यक्रम आयोजित किया। सर्वप्रथम अतिथियों ने भगवान गणेश जी व लक्ष्मी जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया तत्पश्चात देवी भजन की प्रस्तुति हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वांतरंजन जी ने कहा कि, […] The post भारतीय संस्कृति की जड़ें पर्वों से मजबूत होती हैं – स्वांतरंजन जी appeared first on VSK Bharat.

Oct 27, 2025 - 14:02
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भारतीय संस्कृति की जड़ें पर्वों से मजबूत होती हैं – स्वांतरंजन जी

लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ महानगर ने दीपावली के पर्व पर सीएमएस गोमतीनगर में कार्यकर्ता परिवार मिलन कार्यक्रम आयोजित किया। सर्वप्रथम अतिथियों ने भगवान गणेश जी व लक्ष्मी जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया तत्पश्चात देवी भजन की प्रस्तुति हुई।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वांतरंजन जी ने कहा कि, यहां उपस्थित हर किसी को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं। अपनी हिन्दू संस्कृति प्राचीन काल से ही उत्सवधर्मी रही है। हर सप्ताह हम पर्व-त्यौहार मनाते रहते हैं। भारतीय संस्कृति की जड़ें इन पर्वों से और मजबूत होती हैं। पंच दिवसीय पर्व के पहले कार्यकर्ता परिवारों का मिलन दीपोत्सव के पूर्व आयोजित हुआ, इसके लिये सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय जी ने कहा कि, समाज की ऐसी श्रद्धा है कि राम के वन से वापसी पर समाज ने आनन्द मनाया। यह घटना कितनी पुरानी है, लेकिन आज भी प्रचलित व प्रासंगिक है। राम जन्मभूमि मंदिर बनने व स्थापना की सूचना मात्र से ही जनता में उत्साह भर गया। अब तक लगभग 6 करोड़ से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं। यह भारत के गौरव का विषय है। अपने अपमान का परिमार्जन समाज के निरन्तर प्रयास से सम्भव होता है। विगत एक हजार साल में शायद कोई ऐसा मंदिर इस क्षेत्र में नहीं बना होगा। जिसमें लोहे का प्रयोग नहीं हुआ। यह मन्दिर केवल दर्शन का मन्दिर नहीं, बल्कि शिक्षा का मंदिर भी दिखेगा। मंदिर के चारों तरफ पंचायतन के दर्शन होंगे। राम के वनवास काल में सेवा व रक्षा करने वाले लक्ष्मण का मंदिर भी बनेगा। राम जी के सभी प्रमुख सहयोगियों का स्मारक बनाने को ध्यानगत रखते हुए महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, शबरी, जटायु, अहिल्या, हनुमान, गिलहरी, तुलसीदास आदि के मंदिर बनाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि इस दीपोत्सव परिवार मिलन के आयोजकों का हृदय से आभार व धन्यवाद देता हूं। उत्सव धीरे धीरे परिवार तक ही सीमित होते जा रहे थे। हमारे इतिहास या युग विशेष को नयी दिशा देने वाली घटनाओं को प्रतीक के रूप में हम आज पर्व रूप में मनाते हैं। पर्व व त्यौहार तो हम सदैव मनाते रहते हैं, लेकिन यह परिवार मिलन दुर्लभ है। यह दीपावली मिलन परिवार व समाज की एकता को बढ़ाने का कार्य करेगा। एकता व उमंग का भाव हमें ऐसे कार्यक्रमों से देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने प्रमुख सचिव को दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या के निरीक्षण का आदेश दिया, पता चला कि वहां अंधेरा छाया था। अगले वर्ष से सरकार ने अयोध्या में दीपोत्सव को मनाना शुरु किया। लोगों ने पूछा कि यह दीपोत्सव कराने से क्या होगा तो हमने कहा कि इससे संकल्प पूरा होगा। पहले तो डर भी लगता था कि कहीं लोग मंदिर निर्माण की मांग न कर दें। इसलिये पहले हमने गुलामी के नाम फैजाबाद को बदल कर अयोध्या किया। आगे परमात्मा की कृपा से रामंदिर हमारे सामने है।

आप 25 नवम्बर के बाद अयोध्या जाएंगे तो आपको मंदिर निर्माण में संघ परिवार व समाज का संघर्ष दिखायी पड़ेगा। हम आप सबसे आह्वान करते हैं कि धनतेरस पर स्वदेशी सामान ही खरीदें। साथ ही संकल्प लें कि दीपावली पर एक गरीब परिवार के घर मिठायी, दीया, लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा अवश्य पहुंचाएं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं यहां प्रवेश करते हुए सोच रहा था कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि शताब्दी वर्ष में संघ दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन जाएगा। भगवा रंग ही इसके प्रेरणा का प्रतीक है। कभी कभी मैं सोचता हूं कि इतना बड़ा संगठन कैसे बना होगा। आस्था व विश्वास में बड़ी ताकत होती है। यदि गणित की समस्या आस्था व विश्वास के आधार पर हल हो सकती है तो मानव जीवन की समस्या इसके आधार पर कैसे सम्भव नहीं है। पूजनीय डाक्टर हेडगेवार जी ने भगवा को ही अपना प्रेरणा स्रोत क्यों माना? क्योंकि शायद वे किसी व्यक्ति की प्रसिद्धि नहीं चाहते थे।

भारत सरकार ने संघ की शताब्दी यात्रा पर डाक टिकट व सिक्का जारी किया है। जब एक स्वयंसेवक ऐसे पदों पर होगा तो परिणाम ऐसे सुखद ही आएंगे। जब हम विदेशी दौरे पर जाते हैं और वहां संघ की विशालता की चर्चा होती है तो बताते हैं कि रक्षामंत्री बाद में पहले मैं संघ का स्वयंसेवक हूं।

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