बिहार में कांग्रेस संगठन को नई धार देने की कोशिश, 25 को खरगे-राहुल गांधी करेंगे इन नेताओं संग मीटिंग

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस लगातार रणनीतिक तैयारी में जुटी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर राजेश कुमार को जिम्मेदारी सौंपने के बाद पार्टी नेतृत्व खास बैठक करने जा रहा। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी 25 मार्च को बिहार कांग्रेस नेताओं से मिलेंगे।

Mar 22, 2025 - 19:32
 0
बिहार में कांग्रेस संगठन को नई धार देने की कोशिश, 25 को खरगे-राहुल गांधी करेंगे इन नेताओं संग मीटिंग
नई दिल्ली : ने हिंदी पट्टी के दो सबसे बड़े राज्यों यूपी और बिहार में एक बार फिर अपनी मजबूती पर जोर देना शुरू किया है। हालांकि इन दोनों राज्यों में पार्टी फिलहाल क्षेत्रीय दलों के साथ दिख रही है। खासकर कर बिहार में वह लंबे समय से आरजेडी के साथ है, लेकिन इसके बावजूद पार्टी अब यहां अपनी जमीनी मौजूदगी के साथ-साथ संगठन की मजबूती को बढ़ाना चाहती है। इसके पीछे कहीं न कहीं गत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली सीटें हैं। जहां बिहार में उसे तीन सीटें मिलीं, वहीं यूपी में छह सीटें। इन सीटों ने कहीं न कहीं पार्टी के भीतर एक उम्मीद जताई है।

कांग्रेस नेतृत्व ने बिहार पर बढ़ाया फोकस

यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी, खासकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष इस पर काफी तवज्जो दे रहे हैं। वह पिछले दिनों दो बार राज्य का दौरा करके आए हैं। जल्द ही ही पार्टी का हाईकमान राज्य को लेकर मीटिंग करने वाला है। आगामी 25 मार्च को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार कांग्रेस को लेकर एक अहम रणनीतिक बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें वह आगामी चुनाव को लेकर चर्चा करेंगे।

राजेश कुमार को बिहार कांग्रेस चीफ की कमान

बिहार पर राहुल का कितना फोकस है, इसका महत्व इसी से समझा जा सकता है कि वहां राहुल के नियमित दौरों के अलावा राज्य में प्रभार एक युवा नेता कृष्णा अलावरू को दी गई है, जो राहुल के भरोसेंमंद माने जाते हैं। इतना हीं नहीं, पार्टी ने बिहार में अपना चेहरा भी बदला है। वहां भूमिहार नेता अखिलेश प्रसाद सिंह से कमान लेकर दलित चेहरे राजेश कुमार को सौंपी गई है।राहुल जिस तरह से देश में जातिगत जनगणना को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं, उस दिशा में एक दलित के हाथ में बिहार जैसे राज्य की कमान देना एक बेहतर रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। समझा जा रहा है कि राजेश कुमार के बहाने कांग्रेस ने समाज के एक बड़े वर्ग को संदेश देने की कोशिश की है।कन्हैया कुमार को बड़ी जिम्मेदारीइतना ही नहीं, वहां राहुल ने अपने कुछ और भरोसेमंद लोगों को जमीन पर उतारा है या उतारने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें एक अहम नाम युवा चेहरे कन्हैया कुमार का है, जो खुद बिहार से आते हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने बाकायदा रणनीति के तहत ऐसा किया है। कन्हैया इन दिनों युवाओं और उनसे जुड़े सबसे बड़े मुद्दे रोजगार को लेकर राज्य में पदयात्रा कर रहे हैं। वह इन दिनों राज्यभर के अलग-अलग जिलों में 'पलायन रोको, रोजगार दो' नाम से पदयात्रा कर रहे हैं, जिसे काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिल रही है।

इसलिए कन्हैया को जमीन पर उतारा

युवा चेहरा होने के साथ ही कन्हैया फिलहाल प्रदेश की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के प्रभारी भी हैं। यह बात और है कि उनकी इस यात्रा को लेकर जहां एक ओर आरजेडी असहज हो रही है, वहीं पार्टी के भीतर भी कुछ लोग सहज नहीं थे। इसमें सबसे अहम नाम पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का है। हालांकि न चाहते हुए भी उन्हें इस यात्रा में शामिल होना पड़ा। माना जा रहा है कि उन्हें कन्हैया को इतनी जिम्मेदारी दिया जाना गले नहीं उतर रहा था।

पप्पू यादव को बड़ी जिम्मेदारी का प्लान

अखिलेश की तरह कन्हैया भी भूमिहार चेहरा हैं। वहीं चर्चा है कि पार्टी आगामी असेंबली चुनावों के मद्देनजर पप्पू यादव को भी अहम जिम्मेदारी दे सकती है। इनके पीछे कांग्रेस की राज्य में अपने बल पर मजबूत होने की रणनीति मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि दिल्ली के बाद कांग्रेस बिहार में भी यह प्रयोग करने पर विचार कर रही है। दरअसल, इन दोनों ही नेताओं को लेकर आरजेडी के अपने कुछ पूर्वाग्रह और दिक्कतें हैं।

आखिर कांग्रेस की रणनीति क्या है

हालांकि अभी तक कांग्रेस मान रही है कि बिहार में वह गठबंधन में है। ऐसे में वह जमीन पर अपनी मजबूत मौजूदगी के भरोसे आने वाले वक्त में आरजेडी के साथ सम्मानजनक सीटों के बंटवारा देख रही है। कांग्रेस को लगता है कि इनके चलते आरजेडी के साथ ठीकठाक बारगेनिंग हो सकती है। कहा जाता है कि चुनाव से ठीक पहले अखिलेश सिंह के जाने के पीछे भी एक वजह उनकी आरजेडी सहित तमाम दलों के साथ सहज संबंध भी माने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी को कहीं न कहीं लगता था कि अखिलेश सिंह के रहते आरजेडी के साथ टफ बारगेनिंग नहीं हो पाती।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,