ग्रीन कार्ड धारकों को विदेश यात्रा का डर, रेडिट पर लिखा- मैं छुट्टियों के लिए उत्साहित नहीं... यूजर्स ने ढांढस बंधाते हुए दिए ऐसे रिएक्शन

US Green Card Holders Fear: अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की ओर व्यापक आव्रजन प्रवर्तन अभियान के तरीके ने कई वीजा धारकों और वैध स्थायी निवासियों को भी चिंता में डाला है। ग्रीन कार्ड धारकों को विदेश यात्रा करने से डर लग रहा है। रेडिट पर एक यूजर ने लिखा कि वह अब अपनी छुट्टियों के लिए उत्साहित नहीं है। वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा कि वह बहुत घबराया हुआ है और वापसी की उड़ान में सो नहीं पाएगा।

Mar 22, 2025 - 19:32
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ग्रीन कार्ड धारकों को विदेश यात्रा का डर, रेडिट पर लिखा- मैं छुट्टियों के लिए उत्साहित नहीं... यूजर्स ने ढांढस बंधाते हुए दिए ऐसे रिएक्शन
वॉशिंगटन: हाल के महीनों में कई ग्रीन कार्ड और धारकों ने विदेश यात्रा के बारे में बढ़ती चिंताएं व्यक्त की हैं। उन्होंने अमेरिका की कठोर आव्रजन नीतियों और फिर से प्रवेश करने पर होने वाली कड़ी जांच का हवाला दिया है। पोर्ट ऑफ एंट्री पर कड़ी जांच और फिर से प्रवेश करने से इनकार किए जाने की रिपोर्ट्स ने कई ग्रीन कार्ड धारकों के लिए यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या विदेश यात्रा जोखिम उठाने लायक है?बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में रेडिट पर 'ह्यूमन-कैंडल138' नामक हैंडल से इन चिंताओं के बारे में पोस्ट किया गया। यूजर ने लिखा, ''मैं उस बिंदु पर पहुंच गया हूं जहां मैं अब अपनी छुट्टियों के लिए उत्साहित नहीं हूं... मैं यहां उन सभी पोस्ट को पढ़कर अटक गया हूं जो मेरे जैसे ग्रीन कार्ड धारकों को यात्रा करने से हतोत्साहित करने के बारे में हैं।''

'सोचा था कि ग्रीन कार्ड होने से चीजें बेहतर हो जाएंगी...'

साफ रिकॉर्ड होने और 2023 में एक बार सफलतापूर्वक यात्रा करने के बावजूद यूजर गहरी चिंता महसूस कर रहा है। यूजर ने लिखा, ''मैंने सोचा था कि ग्रीन कार्ड होने से चीजें बेहतर हो जाएंगी... मुझे अब और नहीं पता... मैं बस जोखिम उठाने जा रहा हूं... मेरे पास सितंबर 2024 से मेरा टिकट है।''यूजर की यह आशंका ऐसे समय में सामने आई है जब ऐसी नई नीतियां बनाई गई हैं जिनके अंतर्गत ऐसे व्यक्तियों को लक्षित किया गया है जिनके रिकॉर्ड में मामूली उल्लंघन है या जिन्होंने बहुत ज्यादा यात्राएं की हैं। पोस्ट में आगे लिखा गया, "मैं बस अपना दुख व्यक्त करना चाहता हूं, मैं कुछ भी नियंत्रित नहीं कर सकता... मैं बस इस तूफान का सामना करने जा रहा हूं... आशा है कि आप सभी भी ऐसा कर सकते हैं!"

'बस जाओ और मौज करो'

रेडिट यूजर्स ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने पोस्ट करने वाले को प्रोत्साहित किया कि वह डर को हावी न होने दे। उसने लिखा, ''...मैं इस साल अकेले ही दो बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छुट्टियां मना चुका हूं… बस जाओ और मौज करो! इस सोच के साथ जाओ कि ‘मैं एक स्थायी निवासी हूं, मुझे यहां रहना है… चाहे कुछ भी हो जाए मैं वापस लड़ूंगा… तुम्हारी इच्छाशक्ति किसी भी डराने वाली रणनीति से ज्यादा मजबूत है!''एक अन्य यूजर ने सुझाव दिया कि जोखिम कभी-कभी बढ़ा-चढ़ाकर बताए जाते हैं। उसने लिखा, "बस चले जाइए। जिन लोगों को रोका गया, उन सभी के ग्रीन कार्ड में रेड फ्लैग थे। वारंट, कानून का पालन न करना, निर्धारित समय से ज्यादा समय तक रुकना, आदि..."

'मैं वापसी की उड़ान में सो नहीं पाऊंगा'

वहीं, एक यूजर ने चिंता दोहराई, "मुझे भी ऐसा ही लग रहा है... सब कुछ बिल्कुल साफ है... मुझे पता है कि मुझे उत्साहित होना चाहिए लेकिन मैं बहुत घबराया हुआ हूं... मैं वापसी की उड़ान में सो नहीं पाऊंगा।"

ट्रंप प्रशासन की आव्रजन कार्रवाई से चिंता

यह चिंता ट्रंप प्रशासन के तहत व्यापक आव्रजन प्रवर्तन अभियान की पृष्ठभूमि में आई है। हाल की नीतियों ने ग्रीन कार्ड धारकों के अमेरिकी निवास को बनाए रखने के इरादे पर सवाल उठाने के आधारों का विस्तार किया है। यहां तक कि कानूनी स्थिति वाले लोगों के लिए भी सेकेंडरी इंस्पेक्शन और निर्वासन में वृद्धि हुई है, जिससे कुछ लोग डर के कारण सेल्फ डिपोर्टेशन के लिए प्रेरित हो रहे हैं। प्रशासन की बयानबाजी ने लोगों के बीच बेचैनी को और बढ़ा दिया है, जिसमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का यह कहना भी शामिल है कि अगर ग्रीन कार्ड धारकों को राष्ट्र के हित में नहीं माना जाता है तो उनका निवास रद्द किया जा सकता है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,