बांग्लादेशी मुस्लिम ‘पिनाकी’ फ्रांस से चला रहा भारत विरोधी एजेंडा, अपनी ही बहन को लव जिहाद में फंसाने को था तैयार!

बांग्लादेश का एक कुख्यात कन्वर्टिड मुस्लिम ‘पिनाकी भट्टाचार्य’ अब भी अपने हिन्दू नाम से यूरोप में भारत विरोधी दुष्प्रचार का अगुआ रहा है। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो के माध्यम से आजकल वह बांग्लादेश के जमाती मजहबी उन्मादियों को हिन्दुओं, भारत और बांग्लादेश की सेना के विरुद्ध भड़काने में जुटा हुआ है। बताया जाता […]

Mar 24, 2025 - 17:27
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बांग्लादेशी मुस्लिम ‘पिनाकी’ फ्रांस से चला रहा भारत विरोधी एजेंडा, अपनी ही बहन को लव जिहाद में फंसाने को था तैयार!

बांग्लादेश का एक कुख्यात कन्वर्टिड मुस्लिम ‘पिनाकी भट्टाचार्य’ अब भी अपने हिन्दू नाम से यूरोप में भारत विरोधी दुष्प्रचार का अगुआ रहा है। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो के माध्यम से आजकल वह बांग्लादेश के जमाती मजहबी उन्मादियों को हिन्दुओं, भारत और बांग्लादेश की सेना के विरुद्ध भड़काने में जुटा हुआ है। बताया जाता है कि वह अल कायदा का काडर है और जमाते इस्लामी की सोच से प्रभावित हो कर युवाओं को उसकी ओर खींचता है। इसके लिए वह अपने पूर्व हिन्दू नाम से ही सोशल मीडिया पर उकसाने वाली सामग्री पोस्ट करता है। यही ‘पिनाकी’ है जिसने भारत के ​गत आम चुनावों के दौरान संभवत: पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर भाजपा को हराने का अभियान चलाया था और हिन्दुओं को लेकर खूब उलटा सीधा लिखा था।

पिनाकी खुद को बांग्लादेश का ‘डॉक्टर’ बताता है

बांग्लादेश के प्रतिष्ठित अखबार ‘ब्लिट्ज’ के संपादक और जाने—माने पत्रकार सलाउद्दीन शोएब चौधरी ने तो इस ‘पिनाकी भट्टाचार्य’ को लेकर अपने लेखों में कई खुलासे किए हैं। एक विवादास्पद व्यक्ति पिनाकी खुद को बांग्लादेश का एक ‘डॉक्टर’ बताता है और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के रूप में भी मशहूर है। वर्तमान में वह फ्रांस में निर्वासन में रह रहा है। वहीं से वह बांग्लादेश में भारत विरोधी और हिंदू विरोधी दुष्प्रचार करता है। उसके कृत्य बांग्लादेश और भारत के संबंधों को प्रभावित करने की दिशा में रहे हैं।

जुड़ा है इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस से 

सलाउद्दीन ने लिखा है कि ‘इस पिनाकी भट्टाचार्य दरअसल पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस से जुड़ा है। अपने सैकड़ों हज़ारों “प्रशंसकों” और “फॉलोअर्स” के साथ ही अलकायदा से कथित तौर पर जुड़ी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी से अपने संबंधों का इस्तेमाल वह भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर फैला रहा है। इतना ही नहीं, वह यूरोपीय देशों में भारतीय मिशनों की घेराबंदी करने का भी प्रयास करता रहा है।’ मई 2024 के अपने इस आलेख में सलाउद्दीन आगे लिखते हैं, ‘अपनी सोशल मीडिया पोस्ट और यूट्यूब वीडियो पर ‘जिहादी पिनाकी’ भारत के मतदाताओं से खुलेआम भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खड़े होने और राहुल गांधी की कांग्रेस, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अन्य “मोदी विरोधी” और “भाजपा विरोधी” ताकतों को वोट देने का आह्वान कर रहा है।’

“मोदी और बीजेपी के खिलाफ खड़े होने” का आह्वान कर रहा

यानी ”पिनाकी भारत के मुसलमानों से “मोदी और बीजेपी के खिलाफ खड़े होने” का आह्वान कर रहा है। वह नियमित रूप से हिंदुओं, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए आपत्तिजनक शब्द प्रयोग करता है। 5 मई, 2024 को जिहादी पिनाकी ने बर्लिन, जर्मनी में भारतीय दूतावास के घेराव करने का प्रचार करते हुए एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “21 मई को बर्लिन में भारतीय दूतावास के सामने घेराव करें। जर्मनी में रहने वाले बांग्लादेशी देशभक्त बड़ी संख्या में इस अभियान में शामिल होते हैं।” जिहादी पिनाकी के आह्वान पर प्रतिक्रिया देते हुए, पहले भी बीएनपी और जमातियों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग का घेराव किया था।”

बांग्लादेश में “इंडिया आउट” जैसा अभियान 

पता चला है कि जिहादी पिनाकी अन्य यूरोपीय देशों में भारतीय मिशनों को निशाना बनाकर इसी तरह की साजिशें रचता रहा है। इस बीच, फ्रांस में बैठकर ‘जिहादी पिनाकी’ बांग्लादेश में “इंडिया आउट” और “भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करो” अभियानों को तेज करने के लिए भरसक कोशिशें करता रहा है, जहां वह भारत विरोधी नारे लगाने के लिए नाबालिग बच्चों का भी इस्तेमाल कर रहा है। पिनाकी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमाते इस्लामी के लोगों को भारत विरोधी बयानबाजी वाले वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित करने के लिए भी उकसाता रहा है। 11 मई, 2024 को अपनी एक पोस्ट में ‘जिहादी पिनाकी’ ने बांग्लादेश में सुपर स्टोर्स को “प्रामाणिक पाकिस्तानी” उत्पाद बेचने की घोषणा करने के लिए मजबूर करने में अपनी सफलता प्राप्त की थी। जहां पहले उसी दुकान के साइनबोर्ड पर लिखा था—यह प्रामाणिक भारतीय और बांग्लादेशी परिधान बेचता है।

जमाते इस्लामी से संबंध स्वीकारा

इस बीच, 22 मार्च, 2024 की अपनी एक फेसबुक पोस्ट में ‘जिहादी पिनाकी’ ने अपनी तस्वीर साझा करते हुए जमाते-इस्लामी के साथ अपने जुड़ाव को खुलेतौर पर स्वीकार किया। पोस्ट में जिहादी पिनाकी ने लिखा, “देश [बांग्लादेश] छोड़ने से एक रात पहले। मैंने 5 जनवरी, 2019 को देश छोड़ दिया। अगली सुबह, मुझे अपनी दाढ़ी मुंडवानी पड़ी…। पांच साल बीत गए। अपने देश को छोड़ने और सुरक्षित रूप से सीमा पार कराने में [इस्लामी] छात्र शिबिर [जमाते-इस्लामी का छात्र मोर्चा] के पूर्व और वर्तमान सदस्यों ने कोई खास मदद नहीं दी। जिन्होंने मदद की…”वे मेरे भाई हैं। मैं उन लोगों को बता रहा हूं जो पूछते हैं कि मैं देश से कैसे भागा-और उन [छात्र शिबिर] सदस्यों ने मुझे सुरक्षित रूप से बैंकॉक पहुंचाया”।”

अपने कन्वर्जन के बाद, जिहादी पिनाकी ने जमाते इस्लामी के छात्र मोर्चे इस्लामी छात्र शिबिर के एक कार्यकर्ता को अपने निवास पर लाकर अपनी बहन को लव जिहाद में फंसाने का भी प्रयास किया; एक फर्जी नाम का उपयोग करके उसे अपनी बहन लोपा मुद्रा भट्टाचार्य से हिंदू के रूप में मिलवाया।

फ्रांस में बैठकर ‘जिहादी पिनाकी’ बांग्लादेश में “इंडिया आउट” और “भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करो” अभियानों को तेज करने के लिए भरसक कोशिशें करता रहा है

राजशाही मेडिकल कॉलेज से की पढ़ाई

इस ‘जिहादी पिनाकी’ का जन्म 1967 में बांग्लादेश के बोगरा जिले के अंतर्गत जलेशरी टोला में हुआ था। 1985 से 1992 तक पिनाकी ने राजशाही मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की। यह मेडिकल कॉलेज इस्लामी छात्र शिबिर के गढ़ के नाते कुख्यात है। उसका कन्वर्जन दरअसल जमाते-इस्लामी और तब्लीगी जमात के जबरदस्त प्रभाव में आने का परिणाम था। जब उसके माता-पिता, भाई-बहन और पत्नी ने हिंदू धर्म छोड़ने से इनकार कर दिया, तो हताश पिनाकी ने अपने परिवार के सदस्यों को खुलेतौर पर काफिर कहना शुरू कर दिया। लेकिन, पिनाकी की यह चाल भी उसके परिवार के किसी भी सदस्य को विचलित नहीं कर सकी। इसके बजाय, पिनाकी के परिवार के सदस्य, जिनमें उनके पिता शायमोल भट्टाचार्य, एक सम्मानित स्कूल शिक्षक, लेखक और नाटक अभिनेता शामिल थे, अपने बेटे के कन्वर्जन से बहुत निराश थे। उनके रिश्ते इस हद तक खराब हो गए कि श्यामल ने गुस्से में आकर पिनाकी को त्याग दिया और उससे बातचीत तक बंद कर दी।

पत्नी ने खुद को अलग किया

पिनाकी की पत्नी, जो खुद भी एक चिकित्सक है, ने इस दुष्ट ‘जिहादी’ से खुद को दूर कर लिया और बाद में अलग हो गई। बांग्लादेश में रहते हुए, पिनाकी अपनी दवा फैक्ट्री में जीवनरक्षक दवाओं के उत्पादन की आड़ में, अवैध गतिविधियों में लिप्त रहा था। वह नकली दवाओं और ‘याबा’ टैबलेट का निर्माण करता था जो मेथम्फेटामाइन और कैफीन का एक घोल है। उसे आपराधिक नेटवर्क के माध्यम से वितरित किया जाता था।

बांग्लादेश के प्रतिष्ठित अखबार ‘ब्लिट्ज’ के संपादक और जाने-माने पत्रकार सलाउद्दीन शोएब चौधरी (File Photo)

जैसे ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उसके अवैध कार्यों पर शिकंजा कसना शुरू किया, पिनाकी बांग्लादेश से भाग गया और फ्रांस में शरण मांगी। उसने तत्कालीन अवामी लीग सरकार का “राजनीतिक शिकार” और “कट्टरपंथी हिंदुओं” का शिकार होने का झूठा दावा किया। 26 नवंबर, 2022 को पिनाकी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, “इस्राएल को दुनिया के नक्शे से मिटाने का एकमात्र तरीका है जिहाद। मेरे सभी प्रशंसकों और फॉलोअर्स को इस अभियान में शामिल होना चाहिए”। यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि पिनाकी भट्टाचार्य ने बड़े आतंकी संगठन हमास के प्रति खुलेआम समर्थन व्यक्त किया है। साथ ही वह 7 अक्तूबर को इस्राएल में हुए हमास नरसंहार का भी समर्थन करता रहा है, जिसमें 1,200 निर्दोष लोग मारे गए थे।

हमास के कृत्य पर जताई थी खुशी

इसी पिनाकी ने हमास द्वारा दर्जनों इस्राएली और विदेशी नागरिकों को बंधक बनाए जाने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की थी। बताते हैं उसने मेटा और एक्स सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने “प्रशंसकों” की एक रेजिमेंट बना रखी है, जिन्हें अधिकांश जिहाद विरोधी खातों पर हमला करने का काम सौंपा गया है, जबकि वे भारत, हिंदुओं, यहूदियों और इस्राएल के खिलाफ खुलेआम नफरत फैला रहे हैं। चूंकि पिनाकी इस तरह के आपराधिक कृत्यों को जारी रखने के लिए फ्रांस की धरती का उपयोग कर रहा है, इसलिए संबंधित अधिकारियों को तुरंत मामले की जांच शुरू करने और उसे बांग्लादेश को प्रत्यर्पित करने के लिए दबाव बनाना चाहिए।

हिंदू नाम का कर रहा इस्तेमाल

सलाउद्दीन का कहना है कि ‘जिहादी पिनाकी’ हिंदू नाम का इस्तेमाल करके जिहादी हरकतें कर रहा है। वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। अंतरराष्ट्रीय और भारतीय मीडिया को चाहिए कि उसके कुख्यात कृत्यों को खुलकर उजागर करें। फ्रांसीसी अधिकारियों को उसे तुरंत बांग्लादेश को प्रत्यर्पित करना चाहिए।

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