पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश में भी होंगे धमाके, जिहादी बम बनकर फटेंगे लोग... यूनुस की शह पर इस्लामिक चरमपंथियों और ISI में गठजोड़

बांग्लादेश में जिस तरह से कट्टरपंथियों को बढ़ावा मिल रहा है, उसमें ISI की साफ तौर पर छाप देखी जा सकती है। ISI के वरिष्ट खुफिया अधिकारी असीम मलिक ने पिछले दिनों ढाका का दौरा किया था। पिछले साल अगस्त के बाद कई आतंकवादियों को जेल से रिहा कर दिया गया है।

Mar 27, 2025 - 11:13
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पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश में भी होंगे धमाके, जिहादी बम बनकर फटेंगे लोग... यूनुस की शह पर इस्लामिक चरमपंथियों और ISI में गठजोड़
ढाका: बांग्लादेश में जिस रफ्तार के साथ इस्लामिक उग्रवादियों को बढ़ावा मिल रहा है उससे साफ पता चलता है कि एक दिन ये देश पाकिस्तानियों की तर्ज पर 'आतंकवादियों' का मुल्क बन जाएगा। पाकिस्तान की कुख्यात इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने अफगानिस्तान में जिहाद फैलाने के लिए 'जिहाद का जहर' अपने ही लोगों में भरा। जिसका नतीजा ये है कि आज पाकिस्तान में हर दिन बम धमाके होते हैं। और ISI अब बांग्लादेश में भी ऐसा ही कर रही है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के संरक्षण में बांग्लादेश में कट्टरपंथियों को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं। शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद देखा जा रहा है कि दजेश में चरमपंथी तत्वों को जमकर समर्थन मिल रहा है।मोहम्मद यूनुस ने जमात-ए-इस्लामी (JeI) जैसे चरमपंथी संगठनों पर लगाए गये प्रतिबंधों को हटा दिए हैं, जो बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हमला करने के लिए कुख्यात रहा है। इसके अलावा भारत विरोधी और सांप्रदायिक हिंसा में शामिल जमात की उग्रवादी छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिबिर (ICS) को भी मोहम्मद यूनुस के शासन में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। सबसे चिंताजनक बात ये है कि मोहम्मद यूनुस ऐसे तत्वों को मुख्यधारा में ला रहे हैं। बांग्लादेश में होगा कट्टरपंथियों का राज!मोहम्मद यूनुस की सरकार ने वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित इस्लामी चरमपंथी समूह 'हिज्ब उत-तहरीर' के संस्थापक सदस्य नसीमुल गनी को गृह सचिव बना दिया है। ये वो शख्स है, जो पूरी दुनिया में इ्स्लामिक खिलाफत की वकालत करता है। इसके अलावा मोहम्मद यूनुस ने मोहम्मद महफूज आलम को अपना विशेष सहायक बनाया है। ये वो शख्स है, जो बांग्लादेश में कट्टर इस्लामिक शासन लाने के लिए किए जाने वाले आंदोलनों का ना सिर्फ समर्थन करता है, बल्कि उनका मास्टरमाइंड भी है। आलम पूरी तरह से चरमपंथियों से जुड़ा हुआ है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ खतरनाक बयानबाजी करता है। इसके अलावा ये पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के मजबूत संबंधों की वकालत भी करता है।इन नियुक्तियों के अलावा बांग्लादेश से एक और चौंकाने वाली बात ये है कि मोहम्मद यूनुस की सरकार ने उन आतंकवादियों को रिहा करना शुरू कर दिया है, जिन्हें बांग्लादेश की अदालतों ने ही आतंकवादी धाराओं में दोषी ठहराया था। बांग्लादेश के धर्म निरपेक्ष ब्लॉगरों की हत्या के लिए जिम्मेदार अल-कायदा से जुड़े समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को पिछले साल अगस्त में ही जेल से रिहा कर दिया गया। जिससे साफ पता चलता है कि बांग्लादेश का भविष्य कैसा होने वाला है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ये उस मोहम्मद यूनुस की सरकार में हो रहा है, जिसे अमेरिका ने 'उदारवादी' होने का सर्टिफिकेट दे रखा है। माना जा रहा है कि इस सबके पीछे ISI का दिमाग है।ISI फिर से बना रहा बांग्लादेश को अपना गढ़!बांग्लादेश में जिस तरह से कट्टरपंथियों को बढ़ावा मिल रहा है, उसमें ISI की साफ तौर पर छाप देखी जा सकती है। ISI के वरिष्ट खुफिया अधिकारी असीम मलिक ने पिछले दिनों ढाका का दौरा किया था। हालांकि ढाका ने उनका दौरा होने से इनकार किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने ढाका की यात्रा की थी। इस दौरान पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच नए सिरे से सहयोग बनाने की बात की गई है। आईएसआई ने 2003 में जनरल परवेज मुशर्रफ की यात्रा के बाद से बांग्लादेश में अपने ऑपरेशन को काफी बढ़ा दिया था। उसने कॉक्स बाजार को हथियारों की तस्करी और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए एक बेस बना लिया था। ISI के बांग्लादेश में पैर पसारने का असर निश्चित तौर पर भारत पर पड़ेगा। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इस्लामिक कट्टरपंथ फैलने का खतरा है। आईएसआई पहले भी उल्फा जैसे विद्रोही संगठनों के लिए हथियारों की तस्करी कर चुका है। इसके अलावा, हुजी-बी और हिज्ब उत-तहरीर जैसे चरमपंथी समूह खुलेआम इस्लामिक राज्य की स्थापना की वकालत करते हैं, जो बांग्लादेश की मूलभूत धर्मनिरपेक्षता को चुनौती देता है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश को एक ऐसे रास्ते पर ले जा चुके हैं, जिसके अंत में सिर्फ और सिर्फ अंधेरा है और आज जिस तरह से पाकिस्तान में हर दिन धमाके हो रहे हैं, हर दिन लोग फट रहे हैं, ऐसा बांग्लादेश में भी हो सकता है।

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