नाड़ा तोड़ना... इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रेप के आरोप पर जानिए क्या कहा

दाखिल आवेदन में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने रास्ते में ही मोटरसाइकिल रोक दी और लड़की का निजी अंग पकड़ लिया और आकाश लड़की को खींचकर पुलिया के नीचे ले गया,

Mar 20, 2025 - 19:05
 0  10
नाड़ा तोड़ना... इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रेप के आरोप पर जानिए क्या कहा

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यौन अपराध के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि एक लड़की का निजी अंग पकड़ना और उसकी पायजामी का नाड़ा तोड़ना, आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) का मामला नहीं है, बल्कि ऐसा अपराध धारा 354 (बी) (किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है. यह आदेश दो व्यक्तियों द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने पारित किया. इन आरोपियों ने कासगंज के विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए यह पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.

क्या था मामला

इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) की अदालत में एक आवेदन दाखिल करके आरोप लगाया गया था कि 10 नवंबर, 2021 को शाम करीब पांच बजे शिकायतकर्ता महिला अपनी 14 वर्षीय बेटी के साथ ननद के घर से लौट रही थी. दाखिल आवेदन में आरोप लगाया गया था महिला के गांव के ही रहने वाले पवन, आकाश और अशोक रास्ते में उसे मिले और पूछा कि वह कहां से आ रही हैं. इसके अनुसार जब महिला ने बताया कि वह अपनी ननद के घर से लौट रही है, तो उन्होंने उसकी बेटी को मोटरसाइकिल से घर छोड़ने की बात कही. महिला ने बेटी को उनके साथ जाने दिया.

निचली अदालत में क्या हुआ

दाखिल आवेदन में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने रास्ते में ही मोटरसाइकिल रोक दी और लड़की का निजी अंग पकड़ लिया और आकाश लड़की को खींचकर पुलिया के नीचे ले गया, जहां उसने लड़की की पायजामी का नाड़ा तोड़ दिया. इसके अनुसार लड़की चीखने लगी और चीख सुनकर दो व्यक्ति वहां पहुंचे, जिसके बाद आरोपियों ने उन्हें तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और मौके से भाग गए. पीड़ित लड़की और गवाहों का बयान दर्ज करके निचली अदालत ने दुष्कर्म के अपराध के लिए आरोपियों को समन जारी किया.

तथ्यों को देखने के बाद अदालत ने कहा, “मौजूदा मामले में आरोपी पवन और आकाश के खिलाफ आरोप यह है कि इन्होंने लड़की का निजी अंग पकड़ा और उसे निर्वस्त्र करने का प्रयास किया, लेकिन गवाहों के हस्तक्षेप की वजह से वे लड़की को छोड़कर मौके से फरार हो गए.” अदालत ने 17 मार्च को दिए अपने निर्णय में कहा, “आरोपी व्यक्तियों का लड़की के साथ दुष्कर्म करने का दृढ निश्चय था, यह संदर्भ निकालने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं है. आकाश के खिलाफ आरोप केवल यह है कि उसने लड़की को पुलिया के नीचे ले जाने का प्रयास किया और उसकी पायजामी का नाड़ा तोड़ा.”

अदालत ने कहा, “ऐसा कोई आरोप नहीं है कि आरोपी ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया. आरोपी पवन और आकाश के खिलाफ लगाए गए आरोपों और इस मामले के तथ्यों से दुष्कर्म का मामला नहीं बनता.” अदालत ने कहा, “इस मामले के तथ्यों को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ धारा 354(बी) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 9 के तहत समन जारी किया जाना चाहिए, जो एक नाबालिग बच्चे के साथ गंभीर यौन अपराध के लिए दंड की व्यवस्था देती है.”


 

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,